नई दिल्ली: छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस नेता भूपेश बघेल का नाम महादेव बेटिंग ऐप घोटाले से जुड़ी सीबीआई (CBI) की एफआईआर में दर्ज किया गया है। इससे पहले छत्तीसगढ़ आर्थिक अपराध शाखा (EOW) द्वारा दर्ज एफआईआर में भी उनका नाम सामने आया था। यह कार्रवाई सीबीआई द्वारा इस मामले में 60 स्थानों पर छापेमारी के बाद की गई है।

इससे पहले प्रवर्तन निदेशालय (ED) और सीबीआई दोनों एजेंसियों ने 6,000 करोड़ रुपये के महादेव सट्टेबाजी घोटाले के सिलसिले में कई स्थानों पर छापेमारी की थी। इस दौरान कांग्रेस विधायक देवेंद्र यादव, पूर्व राजनीतिक सलाहकार विनोद वर्मा और वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों के ठिकानों पर भी जांच एजेंसियों ने छानबीन की।

राजनीतिक बदले की कार्रवाईः भूपेश बघेल

छापों के बाद भूपेश बघेल ने केंद्र सरकार पर राजनीतिक उद्देश्य से कार्रवाई करने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि सीबीआई की यह कार्रवाई प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की 30 मार्च को छत्तीसगढ़ यात्रा के लिए मुद्दे तैयार करने के मकसद से की गई है। 

बघेल ने सीबीआई की कार्रवाई के बाद मीडिया से बातचीत में कहा, "यह छापे पूरी तरह से राजनीतिक थे। इनका मकसद सिर्फ प्रधानमंत्री के भाषण के लिए मुद्दे जुटाना था। कोई और कारण नहीं था।" 

बघेल ने यह भी आरोप लगाया कि रायपुर स्थित उनके आधिकारिक आवास पर की गई छापेमारी की कोई पूर्व सूचना नहीं दी गई। उन्होंने कहा था, "मुझे छापे की कोई जानकारी नहीं दी गई। जब मैं घर से बाहर निकला, तब मुझे इसके बारे में पता चला। अगर उन्होंने वहां कुछ भी 'प्लांट' किया है, तो मैं इसके लिए जिम्मेदार नहीं हूं। ना मैं और ना ही मेरे परिवार के सदस्य वहां मौजूद थे। यह सीबीआई की साजिश है।"

बेटिंग ऐप घोटाले के साथ शराब घोटाले की जांच भी जारी

सीबीआई और ईडी ने पूर्व मुख्यमंत्री के बेटे चैतन्य बघेल के भिलाई स्थित ठिकाने पर भी मनी लॉन्ड्रिंग रोकथाम अधिनियम (PMLA) के तहत छापेमारी की थी। एजेंसी ने आरोप लगाया कि छत्तीसगढ़ शराब घोटाले के कारण राज्य सरकार को भारी वित्तीय नुकसान हुआ।

ईडी के अनुसार, शराब सिंडिकेट ने इस घोटाले से 2,161 करोड़ रुपये से अधिक की अवैध कमाई की और इस धनराशि से पूर्व मुख्यमंत्री के बेटे चैतन्य बघेल को भी लाभ मिला।

छापे से कांग्रेस को नहीं रोका जा सकताः बघेल

बघेल ने कहा कि झूठे मामलों के जरिए कांग्रेस को कमजोर करने की कोशिश की जा रही है, लेकिन इससे कोई फर्क नहीं पड़ेगा। बघेल ने कहा, "पिछले सात साल से जो झूठा मामला चल रहा था, वह कोर्ट में खारिज हो गया। अब ईडी के 'मेहमान' सुबह से मेरे भिलाई स्थित आवास में मौजूद हैं। अगर कोई सोच रहा है कि इस साजिश के जरिए कांग्रेस को पंजाब या कहीं और कमजोर किया जा सकता है, तो यह उनकी भूल है।"

क्या है महादेव बेटिंग ऐप घोटाला?

महादेव ऑनलाइन बेटिंग ऐप से जुड़े इस 6,000 करोड़ रुपये के घोटाले में आरोप है कि इस प्लेटफॉर्म के जरिए अवैध सट्टेबाजी को बढ़ावा दिया गया और हवाला के जरिए बड़े पैमाने पर धन विदेश भेजा गया। जांच एजेंसियों के अनुसार, इस घोटाले में कई राजनीतिक और प्रशासनिक हस्तियां भी शामिल हो सकती हैं।