प्रयागराज महाकुंभ में बुधवार तड़के मौनी अमावस्या के पावन अवसर पर त्रिवेणी संगम में शाही स्नान के दौरान मची भगदड़ में 30 श्रद्धालुओं की मौत हुई है और 60 से अधिक लोग घायल हुए हैं। यह जानकारी डीआईजी महाकुंभ वैभव कृष्ण ने बुधवार दी। उन्होंने 25 लोगों की पहचान हो चुकी है और बाकी पांच की पहचान की जा रही है। यह हादसा तब हुआ जब हजारों श्रद्धालु सुरक्षा बैरिकेड्स को तोड़कर संगम तट की ओर बढ़ने लगे, जिससे भारी अफरा-तफरी मच गई।
भगदड़ संगम तट और अन्य घाटों पर फैले 12 किलोमीटर लंबे क्षेत्र में हुई। लाखों श्रद्धालुओं के हुजूम में कई परिवार बिछड़ गए और कई लोगों को गंभीर चोटें आईं। डीआइजी महाकुंभ वैभव कृष्ण ने बताया कि कुछ घायलों को उनके परिवार वाले लेकर चले गए हैं। जबकि, 36 लोगों का इलाज मेडिकल अस्पताल में चल रहा है।
फिलहाल श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए हेल्पलाइन नंबर 1920 जारी किया गया है। इसके माध्यम से घायल व्यक्ति के बारे में जानकारी प्राप्त की जा सकती है। सीएम योगी आदित्यनाथ ने सभी महामंडलेश्वरों, संतों, अखाड़ों से कुछ देरी से पवित्र स्नान करने का अनुरोध किया था। इसके बाद अखाड़ों का अमृत स्नान सुरक्षित तरीके से संपन्न करा दिया गया है।
उन्होंने आगे कहा कि अखाड़ा क्षेत्र और अन्य स्थानों पर बैरिकेड्स लगाए गए हैं। घाटों और अखाड़ों पर भी बैरिकेड्स मौजूद हैं। इनमें से कुछ बैरिकेड्स क्रमबद्ध व्यवस्था में हैं। मौनी अमावस्या के स्नान पर रात 1 से 2 बजे तक भक्तों की पहली भीड़ उमड़ी। भीड़ के भारी दबाव के कारण बैरिकेडिंग टूट गई, जिससे भगदड़ मच गई। जो भक्त जमीन पर लेटे हुए या बैठे थे, भीड़ में अन्य लोग गलती से उन पर चढ़ गए, जिससे यह स्थिति उत्पन्न हुई। फिलहाल स्थिति सामान्य है।
पीएम मोदी और सीएम योगी ने जताया शोक
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस घटना को “बेहद दुखद” बताया और शोक संवेदनाएं व्यक्त कीं। उन्होंने ट्वीट कर कहा, “मेरी गहरी संवेदनाएं उन श्रद्धालुओं के साथ हैं जिन्होंने अपने प्रियजनों को खो दिया। घायलों के शीघ्र स्वस्थ होने की कामना करता हूं। स्थानीय प्रशासन पीड़ितों की हर संभव सहायता कर रहा है।”
पीएम मोदी ने दिल्ली की एक चुनावी रैली में इस घटना का जिक्र करते हुए कहा, “कुंभ में बड़ा हादसा हुआ, कई लोगों की जान चली गई, कई घायल हुए। मैं उनके परिवारों के प्रति संवेदना व्यक्त करता हूं। घायलों के जल्द स्वस्थ होने की प्रार्थना करता हूं।”
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भी घटना पर दुख जताया और कहा कि हालात नियंत्रण में हैं। उन्होंने कहा, “कुछ श्रद्धालुओं ने बैरिकेड्स तोड़ दिए, जिससे यह हादसा हुआ। हमने स्थिति को काबू में कर लिया है और श्रद्धालुओं से अफवाहों पर ध्यान न देने की अपील करते हैं।”
मुआवजे की घोषणा
योगी आदित्यनाथ ने यह भी बताया कि प्रधानमंत्री मोदी ने घटना के बाद चार बार उनसे बात की और हालात की जानकारी ली। केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह और स्वास्थ्य मंत्री जे.पी. नड्डा ने भी यूपी सरकार से संपर्क कर हर संभव मदद का आश्वासन दिया।
इसके साथ ही योगी आदित्यानाथ हादसे में मरने वालों के परिजनों के लिए मुआवजे की घोषणा की। उन्होंने कहा कि हादसे में अपने परिवार के सदस्यों को खोया है, मेला प्राधिकरण के पास उनकी पूरी सूची है… मैं उन सभी के प्रति अपनी संवेदना व्यक्त करता हूं और परिजनों को हम प्रदेश सरकार की ओर से ₹25-₹25 लाख की आर्थिक सहायता की घोषणा कर रहे हैं।
जिन्होंने इस हादसे में अपने परिवार के सदस्यों को खोया है, मेला प्राधिकरण के पास उनकी पूरी सूची है…
मैं उन सभी के प्रति अपनी संवेदना व्यक्त करता हूं और परिजनों को हम प्रदेश सरकार की ओर से ₹25-₹25 लाख की आर्थिक सहायता की घोषणा कर रहे हैं… : #UPCM @myogiadityanath pic.twitter.com/FuQCxN9cgl
— CM Office, GoUP (@CMOfficeUP) January 29, 2025
अमृत स्नान छोटे स्तर पर होगा
अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष रविंद्र पुरी ने कहा कि भगदड़ के कारण अमृत स्नान पहले स्थगित कर दिया गया था, लेकिन अब इसे छोटे स्तर पर किया जाएगा। उन्होंने कहा, “सुबह भारी भीड़ के कारण हमने स्नान टालने का प्रयास किया, लेकिन अब भीड़ कम हो गई है। अखाड़ों की शाही पेशवाई निकाली जाएगी, हालांकि यह छोटी होगी।”
उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि “सुबह गलत सूचनाएं फैलाई गईं, जिससे श्रद्धालुओं में डर पैदा हुआ और भगदड़ मची।” उन्होंने श्रद्धालुओं से अपील की कि वे संगम की ओर न दौड़ें और जहां भी गंगा का जल उपलब्ध हो, वहीं स्नान करें।
योगी आदित्यनाथ ने ट्वीट कर श्रद्धालुओं से अपील की कि वे “संगम नोज” की ओर न जाएं, जहां हादसा हुआ, बल्कि गंगा के विभिन्न घाटों पर ही स्नान करें। उन्होंने कहा कि प्रशासन ने पूरे क्षेत्र में स्नान के लिए पर्याप्त इंतजाम किए हैं और सभी को प्रशासन के निर्देशों का पालन करना चाहिए।
योगी सरकार की सक्रियता ने टाला बड़ा हादसा
महाकुंभ में मौनी अमावस्या पर हुए हादसे को लेकर साधु-संतों और श्रद्धालुओं ने योगी सरकार की सक्रियता की सराहना की। उनका कहना है कि अगर प्रशासन मुस्तैद न होता, तो यह हादसा और भी बड़ा हो सकता था।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ खुद हालात की निगरानी कर रहे थे। घटना की सूचना मिलते ही उन्होंने उच्च अधिकारियों के साथ बैठक कर दिशा-निर्देश दिए, जिससे स्थिति को काबू में लाया जा सका।
अखाड़ों के संतों और श्रद्धालुओं ने प्रशासन की त्वरित कार्रवाई की सराहना की। महामंडलेश्वर स्वामी प्रकाशानंद ने कहा कि अफवाहों की वजह से भगदड़ मची, लेकिन पुलिस और प्रशासन के त्वरित एक्शन से कई लोगों की जान बच गई।
नारायण सेवा संस्थान के अध्यक्ष प्रशांत अग्रवाल ने कहा कि सरकार और अधिकारियों की तत्परता से अमृत स्नान शांतिपूर्वक संपन्न हो रहा है।
प्रत्यक्षदर्शियों का मानना है कि योगी सरकार की फुलप्रूफ प्लानिंग थी, लेकिन भीड़ की लापरवाही के कारण हादसा हुआ। प्रशासन लगातार श्रद्धालुओं से सावधानी बरतने और अफवाहों पर ध्यान न देने की अपील कर रहा था।
मौनी अमावस्या का महत्व
मौनी अमावस्या हिंदू धर्म में सबसे पवित्र दिनों में से एक मानी जाती है। इस दिन संगम में डुबकी लगाने से मोक्ष की प्राप्ति और पापों का नाश माना जाता है। इस बार महाकुंभ में मौनी अमावस्या के अवसर पर 10 करोड़ से अधिक श्रद्धालुओं के स्नान करने की संभावना थी।