महाकुंभः नहीं कम हो रही भीड़, रेलवे ने प्रयागराज स्टेशन पर लागू किया कलर कोडिंग सिस्टम

रेलवे ने प्रयागराज जंक्शन, प्रयागराज छिवकी और नैनी स्टेशन पर अलग-अलग दिशाओं में जाने वाले यात्रियों के लिए लाल, नीला, पीला और हरा रंग कोडिंग की व्यवस्था की है।

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प्रयागराज के कई स्टेशनों पर कलर कोडिंग सिस्टम लागू। Photograph: (IANS)

महाकुंभ नगरः महाकुंभ में आस्था की डुबकी लगाने के लिए श्रद्धालुओं की भीड़ लगातार बढ़ती जा रही है। सभी प्रमुख स्नान पर्व समाप्त हो चुके हैं, लेकिन प्रयागराज आने वालों की संख्या में कोई कमी नहीं आई है। प्रयागराज जंक्शन समेत प्रमुख रेलवे स्टेशनों पर भीड़ कम होने का नाम नहीं ले रही है। इस बीच, उत्तर मध्य रेलवे ने भीड़ प्रबंधन के लिए विशेष योजना लागू की है। 

उत्तर मध्य रेलवे, प्रयागराज मंडल के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी शशिकांत त्रिपाठी ने कहा कि सभी वीआईपी प्रोटोकॉल रोक दिए गए हैं और रेस्ट हाउस की एडवांस बुकिंग भी बंद कर दी गई है। रेलवे ने अपनी सबसे कारगर योजना कलर कोडिंग सिस्टम को फिर से लागू कर दिया है। इसके तहत यात्रियों को उनके टिकट के रंग के आधार पर अलग-अलग यात्री आश्रय स्थलों में भेजा जा रहा है।

इन स्टेशनों पर कलर कोडिंग सिस्टम लागू

रेलवे ने प्रयागराज जंक्शन, प्रयागराज छिवकी और नैनी स्टेशन पर अलग-अलग दिशाओं में जाने वाले यात्रियों के लिए लाल, नीला, पीला और हरा रंग कोडिंग की व्यवस्था की है। यात्रियों को उनके टिकट के रंग के अनुसार सही प्लेटफार्म तक पहुंचाया जा रहा है ताकि भीड़ को नियंत्रित किया जा सके।

सीपीआरओ शशिकांत त्रिपाठी ने बताया कि महाकुंभ का पवित्र स्नान पर्व चल रहा है, हालांकि, मुख्य स्नान पर्व समाप्त हो चुके हैं और अब सिर्फ महाशिवरात्रि का स्नान पर्व बचा है। इसके बावजूद श्रद्धालुओं की संख्या में लगातार वृद्धि हो रही है। रेलवे ने भीड़ को नियंत्रित करने के लिए प्रयागराज जंक्शन पर सिंगल साइड एंट्री और एग्जिट की व्यवस्था की है, जिससे भीड़ को नियंत्रित किया जा सके।

कलर कोडिंग सिस्टम कैसे काम करता है

भीड़ बढ़ने पर यात्रियों को खुसरो बाग में ठहराया जाता है और जब यात्री आश्रय स्थल खाली होते हैं, तो उन्हें वहां से गाइड करके प्लेटफार्म तक लाया जाता है। यात्रियों को प्लेटफार्म पर तभी भेजा जाता है जब उनके गंतव्य की ट्रेन वहां खड़ी होती है। महाकुंभ के दौरान सिर्फ उत्तर मध्य रेलवे ने 134 मेला स्पेशल ट्रेनों का संचालन किया, जबकि उत्तर रेलवे और पूर्वोत्तर रेलवे को मिलाकर 179 मेला स्पेशल ट्रेनें चलाई गईं। 15 फरवरी को कुल मिलाकर 388 ट्रेनों का संचालन किया गया।

प्रयागराज संगम रेलवे स्टेशन, जो मेला क्षेत्र के सबसे करीब है, को सुरक्षा कारणों से पहले से ही बंद कर दिया गया है। स्टेशन का सर्कुलेटिंग एरिया छोटा होने के कारण वहां भीड़ बहुत ज्यादा हो जाती है और अव्यवस्था फैल सकती है। प्रशासन ने इसे बंद करने की मांग की थी, जिसे रेलवे ने स्वीकार कर लिया। संगम स्टेशन के बंद होने से श्रद्धालुओं को अन्य स्टेशनों का रुख करना पड़ रहा है, जिससे वहां भीड़ और ज्यादा बढ़ गई है। शहर में सड़कों पर भी यातायात पूरी तरह प्रभावित हो गया है, शटल बसों में चढ़ने के लिए यात्रियों के बीच धक्का-मुक्की हो रही है।

प्रयागराज संगम रेलवे स्टेशन 28 फरवरी तक बंद

महाकुंभ में आने वाली श्रद्धालुओं की भीड़ को देखते हुए प्रयागराज संगम रेलवे स्टेशन 28 फरवरी तक बंद कर दिया गया है। यात्रियों को किसी भी परेशानी से बचाने के लिए यह फैसला लिया गया है। 

मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, महाकुंभ मेले के दौरान ट्रेनों में आने वाली श्रद्धालुओं की भारी भीड़ को देखते हुए जिला प्रशासन के अनुरोध पर रेलवे ने संगम रेलवे स्टेशन बंद करने का फैसला लिया है। रेलवे स्टेशन 17 फरवरी (आज) से 28 फरवरी तक बंद रहेगा। प्रयागराज में कुल नौ रेलवे स्टेशन हैं। जिनमें से संगम रेलवे स्टेशन मेला क्षेत्र के करीब स्थित है।

बता दें कि महाशिवरात्रि 26 फरवरी को है। इससे पहले ही महाकुंभ में श्रद्धालुओं की भारी भीड़ पहुंच रही है। शहर के भीतर और बाहर वाहनों की लंबी कतारें देखने को मिल रही हैं। रविवार को छुट्टी होने के कारण से शहर और उसके आसपास के इलाकों में जाम देखा गया था। हालांकि, इस समय ट्रैफिक व्यवस्था ठीक चल रही है। कुछ-कुछ जगहों पर ही जाम की स्थिति है।

एडीजी प्रयागराज भानु भास्कर ने रविवार को आईएएनएस से बातचीत की थी। उन्होंने कहा था, "नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर जो घटना घटी है, वह दुखद है। इस हादसे के बाद कई ट्रेनों को रिशेड्यूल किया गया है, जिस वजह से दिल्ली से चली ट्रेनें काफी देरी से प्रयागराज पहुंची हैं।"

उन्होंने कहा था, "महाकुंभ में खोए हुए यात्रियों के लिए खोया पाया केंद्र बनाया गया है। हर थाने में खोए हुए यात्रियों की रिपोर्ट लिखी जाती है। पुलिस द्वारा रोजाना बड़ी संख्या में खोए हुए लोगों को उनके परिवारों से मिलाने का काम भी किया जा रहा है।"

एडीजी ने कहा कि प्रयागराज से सटे जितने भी बॉर्डर हैं, वहां पर सुरक्षा बढ़ाई गई है। दिल्ली की घटना के बाद बॉर्डर वाले एरिया में खास ध्यान रखा जा रहा है। पिछले सप्ताह की तुलना में इस बार ज्यादा भीड़ बढ़ी है। भीड़ को नियंत्रित करने के लिए पुख्ता इंतजाम किए गए हैं।

ज्ञात हो कि नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर शनिवार देर रात मची भगदड़ में कम से कम 18 लोगों की मौत हो गई थी और कई अन्य घायल हुए थे।

(यह खबर समाचार एजेंसी आईएएनएस फीड द्वारा प्रकाशित है। शीर्षक बोले भारत डेस्क द्वारा दिया गया है)

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