भारतीय रेलवे ने महाकुंभ के लिए कुल 10,000 नियमित ट्रेनों की व्यवस्था की है। फोटोः IANS
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प्रयागराजः पौष पूर्णिमा स्नान के साथ 13 जनवरी को महाकुंभ का आगाज हो गया। पहले दिन 44 घाटों पर 1 करोड़ 65 लाख श्रद्धालुओं ने डुबकी लगाई। 144 साल बाद लगने वाले इस महाकुंभ के लिए रेलवे ने भी अभूतपूर्व तैयारियां की हैं।
इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार, देशभर से करोड़ों श्रद्धालु संगम नगरी प्रयागराज पहुंच रहे हैं जिसके लिए रेलवे ने 2019 के अर्धकुंभ की तुलना में 4.5 गुना अधिक विशेष ट्रेनें चलाई हैं। कुल 3,134 विशेष ट्रेनों में से लगभग 706 लंबी दूरी की ट्रेनें हैं।
554 टिकट काउंटर, 12 भाषाओं में अनाउंसमेंट सिस्टम
इसके अलावा, 554 टिकट काउंटर (जिनमें 151 मोबाइल अनारक्षित टिकट प्रणाली काउंटर शामिल हैं), 1,176 सीसीटीवी कैमरे, 12 भाषाओं में अनाउंसमेंट सिस्टम और एक समर्पित "वार रूम" जैसी सुविधाएं श्रद्धालुओं को सुरक्षित, निर्बाध और आधुनिक सेवाएं प्रदान करने के लिए उपलब्ध कराई गई हैं।
रेल मंत्रालय के अधिकारियों के अनुसार, इस बार अत्यधिक उन्नत सुविधाओं का प्रावधान किया गया है। प्रयागराज, नैनी, छिवकी और सुबेदारगंज जैसे प्रमुख स्टेशनों पर 12 भाषाओं में अनाउंसमेंट सिस्टम लगाया गया है, जिससे देश के विभिन्न हिस्सों से आने वाले श्रद्धालु आसानी से जानकारी प्राप्त कर सकें।
इसके साथ ही, 22 भाषाओं में जानकारी देने वाली पुस्तिकाएं भी स्टेशन पर उपलब्ध कराई गई हैं। प्रयागराज क्षेत्र के 9 स्टेशनों पर लगाए गए 1,176 सीसीटीवी कैमरे रियल-टाइम निगरानी के लिए लाइव फीड प्रदान करेंगे।
महाकुंभ के लिए 10,000 नियमित ट्रेनों की व्यवस्था
भारतीय रेलवे ने महाकुंभ के लिए कुल 10,000 नियमित ट्रेनों की व्यवस्था की है, जिनमें 3,134 विशेष ट्रेनें शामिल हैं। इनमें 1,869 अल्प दूरी की ट्रेनें, 706 लंबी दूरी की ट्रेनें और 559 "रिंग ट्रेनें" शामिल हैं, जो कुंभ क्षेत्र के भीतर तीर्थयात्रियों के आवागमन को सरल बनाएंगी।
फ्रेट ट्रेनों को डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर्स (DFC) की ओर मोड़ दिया गया है, ताकि यात्री ट्रेनों का संचालन सुगम बना रहे। रेलवे ने कुंभ से जुड़े प्रोजेक्ट्स पर पिछले तीन वर्षों में 5,000 करोड़ रुपये का निवेश किया है। इसके अलावा, 48 नए प्लेटफॉर्म, 21 फुटओवर ब्रिज (FoB), 23 स्थायी होल्डिंग एरिया (जिनकी कुल क्षमता 1 लाख से अधिक है), 554 टिकट काउंटर और 21 रोड ओवर ब्रिज (ROB)/रोड अंडर ब्रिज (RUB) बनाए गए हैं।
रेलवे ने महाकुंभ के लिए कई प्रमुख बुनियादी ढांचा परियोजनाएं शुरू की हैं। इसमें बनारस-प्रयागराज डबलिंग प्रोजेक्ट (जिसमें गंगा ब्रिज भी शामिल है) और फाफामऊ-जंघई डबलिंग प्रोजेक्ट प्रमुख हैं। इन परियोजनाओं पर 3,700 करोड़ रुपये की लागत आई है। रेलवे मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि “संगम और आस-पास के क्षेत्रों को जोड़ने वाले प्रमुख सेक्शन पूरे हो चुके हैं। अन्य सेक्शनों का कार्य प्रगति पर है।”
45 करोड़ श्रद्धालुओं के आने की उम्मीद
महाकुंभ 2025 के दौरान कुल 45 करोड़ श्रद्धालुओं के आने की उम्मीद है। इनमें से अकेले 29 जनवरी को मौनी अमावस्या के दिन 5 करोड़ श्रद्धालुओं के संगम पर स्नान करने की संभावना है। रेलवे की यह तैयारियां इस अभूतपूर्व भीड़ को संभालने और उन्हें बेहतर यात्रा अनुभव प्रदान करने के उद्देश्य से की गई हैं।