महाकुंभ 2025: पिछले कुंभ के मुकाबले कितना दिव्य और भव्य होने वाला इस बार का मेला?

सरकार ने आयोजन को भव्य और सुरक्षित बनाने के लिए 5,000 करोड़ रुपये से अधिक का बजट निर्धारित किया है। यह आयोजन जहां धार्मिक महत्व का केंद्र है, वहीं प्रशासनिक, तकनीकी और पर्यावरणीय संतुलन का उत्कृष्ट उदाहरण भी बन रहा है।

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महाकुंभ मेले की शुरुआत 13 जनवरी से हो रही है (फोटो- IANS)

महाकुंभ नगरः  महाकुंभ 2025, उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में आयोजित होने वाला यह महापर्व धार्मिक आस्था, सांस्कृतिक समर्पण और प्रशासनिक कुशलता का प्रतीक बनने जा रहा है। इस बार यह मेला 40 करोड़ से अधिक श्रद्धालुओं की मेजबानी करेगा, जो 2013 के पिछले कुंभ के मुकाबले तीन गुना अधिक है।

सरकार ने आयोजन को भव्य और सुरक्षित बनाने के लिए 5,000 करोड़ रुपये से अधिक का बजट निर्धारित किया है। यह आयोजन जहां धार्मिक महत्व का केंद्र है, वहीं प्रशासनिक, तकनीकी और पर्यावरणीय संतुलन का उत्कृष्ट उदाहरण भी बन रहा है।

तीन-तीन बार होगा सत्यापन

महाकुंभ 2025 को सफल और समर्पित बनाने के लिए योगी सरकार ने मेला क्षेत्र में शिविरों को सभी जरूरी सुविधाएं प्रदान करने की योजना बनाई है। इन सुविधाओं में शौचालय, पीने का पानी और बिजली आपूर्ति जैसी बुनियादी सेवाएं शामिल हैं। इन सेवाओं का सत्यापन पारदर्शी तरीके से किया जाएगा।

मेला प्राधिकरण ने सभी सेक्टर मजिस्ट्रेटों को आदेश दिया है कि वे मेला के दौरान तीन बार संस्थाओं का सत्यापन करें, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि उन्हें सभी आवश्यक सुविधाएं मिल रही हैं। सत्यापन 12 जनवरी से 4 फरवरी, 5 फरवरी से 12 फरवरी और 13 फरवरी से 26 फरवरी तक तीन अलग-अलग चरणों में किया जाएगा।

इस सत्यापन में संस्थाओं के द्वारा दी गई जानकारी का मिलान किया जाएगा, जैसे शिविर में लगाए गए भंडारे, प्रवचन और आगंतुकों की संख्या। यह प्रक्रिया सुनिश्चित करेगी कि सभी संस्थाएं अनुबंध के अनुसार कार्य कर रही हैं और सुविधाएं सही तरीके से प्रदान की जा रही हैं।

56 थाने और 144 चौकियां, 40% अतिरिक्त फोर्स की तैनाती

महाकुंभ को अभूतपूर्व सुरक्षा प्रदान करने के लिए राज्य सरकार ने सात चक्रीय सुरक्षा व्यवस्था लागू की है। इसमें ड्रोन निगरानी, जल पुलिस, साइबर सुरक्षा, एटीएस की महिला कमांडो टीम और पैरा-मिलिट्री बलों का समावेश है। संगम क्षेत्र और तटों की सुरक्षा के लिए अंडर वाटर ड्रोन, सोनार सिस्टम, लाइफ जैकेट और रेस्क्यू ट्यूब जैसे अत्याधुनिक उपकरण तैनात किए गए हैं।

40 प्रतिशत अतिरिक्त फोर्स की तैनाती के साथ, 56 थाने और 144 चौकियां बनाई गई हैं। जल पुलिस के 3,800 जवानों को संगम क्षेत्र में सुरक्षा के लिए तैनात किया गया है। इसके अतिरिक्त, 8 किलोमीटर क्षेत्र में डीप वाटर बैरिकेडिंग और दो फ्लोटिंग रेस्क्यू स्टेशन भी स्थापित किए गए हैं।

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1.5 लाख शौचालयों का निर्माण

महाकुंभ 2025 में करीब 1.5 लाख शौचालयों का निर्माण किया जा रहा है, जिनमें 300 मोबाइल शौचालय शामिल हैं। 2013 के कुंभ में कुल 33,903 शौचालय बनाए गए थे। घाटों पर लगभग 10,000 चेंजिंग रूम बनाए जाएंगे, जबकि 2013 के कुंभ में इनकी संख्या करीब 2,500 थी। यह व्यवस्था श्रद्धालुओं को बेहतर सुविधाएं प्रदान करने के उद्देश्य से की जा रही है।

इसके अलावा, 10 हाईटेक खोया-पाया केंद्र स्थापित किए जाएंगे। किसी भी सेक्टर में यदि कोई व्यक्ति खो जाए, तो उसकी जानकारी मेले के हर केंद्र पर उपलब्ध होगी। उसकी फोटो एलईडी स्क्रीन पर भी दिखाई जाएगी, जिससे उन्हें जल्द से जल्द उनके परिजनों से मिलाया जा सके।

 40 से अधिक इलेक्ट्रिक बसें

पर्यावरण संरक्षण को प्राथमिकता देते हुए इलेक्ट्रिक बसों का संचालन किया जा रहा है। 10 से 15 इलेक्ट्रिक बसें पहले से प्रयागराज में चलाई जा रही हैं, और मौनी अमावस्या तक 40 से अधिक इलेक्ट्रिक बसें उपलब्ध होंगी। परिवहन विभाग ने डबल डेकर इलेक्ट्रिक बसों की योजना भी बनाई है। बसें 6 मुख्य रूट्स पर पीक डेज़ में चलेंगी और सामान्य दिनों में 11 रूट्स पर। नेहरू पार्क, बेला कछार, और अंदावा में चार्जिंग स्टेशन स्थापित किए गए हैं।

स्वास्थ्य सेवाओं पर भी फोकस

महाकुंभ को 'स्वस्थ और सुरक्षित' बनाने के लिए प्रयागराज रेल मंडल ने रेलवे स्टेशनों पर मेडिकल ऑब्जर्वेशन रूम स्थापित किए हैं। इन रूम्स में 24x7 डॉक्टर्स, मेडिकल स्टाफ, ईसीजी मशीन, डिफिब्रिलेटर, और ऑक्सीजन कंसंट्रेटर जैसी सुविधाएं उपलब्ध होंगी।

हर ऑब्जर्वेशन रूम में 15 नर्स, 12 फार्मासिस्ट, और 12 अटेंडेंट की तैनाती की गई है। आपात स्थिति में एंबुलेंस सेवा भी तैयार रहेगी। रेलवे और शहर के बड़े अस्पतालों के बीच समन्वय स्थापित किया गया है।

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प्रवेश और प्रबंधन के लिए रंगीन ई-पास

महाकुंभ में व्यवस्थित प्रवेश और सुगम व्यवस्था के लिए छह रंगों के ई-पास जारी किए जा रहे हैं। मसलन वीआईपी और विदेशी नागरिकों के लिए सफेद, अखाड़ों और धार्मिक संस्थाओं के लिए केसरिया, कार्यदायी संस्थाओं और फूड वेंडर्स के लिए पीला,  मीडिया के लिए आसमानी, पुलिस बल के लिए नीला, आपातकालीन सेवाओं के लिए लाल पास  जारी होंगे। इन पासों के जरिए भीड़ प्रबंधन और सुरक्षा को सुनिश्चित किया गया है।

क्यूआर कोड से जुड़ेंगे महाकुंभ सुरक्षा के डिजिटल दरवाजे

महाकुंभ 2025 में श्रद्धालुओं की सुरक्षा को अत्याधुनिक तकनीकों से मजबूत किया गया है। पहली बार महाकुंभ पुलिस ने सुरक्षा के लिए चार डिजिटल दरवाजे तैयार किए हैं, जिन्हें क्यूआर कोड स्कैन कर एक्स, फेसबुक, इंस्टाग्राम और यूट्यूब से जोड़ा गया है।

श्रद्धालु इन क्यूआर कोड्स को स्कैन कर तुरंत महाकुंभ पुलिस से जुड़ सकते हैं। यहां से उन्हें सुरक्षा संबंधी पल-पल की अपडेट मिलेगी और अपनी समस्या सीधे पुलिस को बता सकेंगे। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर यह तकनीकी कदम उठाया गया है ताकि महाकुंभ को दिव्य और भव्य बनाया जा सके। डिजिटल आंखें 24x7 अलर्ट रहेंगी और आपातकालीन सूचनाएं भी यहां अपडेट की जाएंगी।

13,000 ट्रेनों का संचालन और 3,000 मेला स्पेशल ट्रेनों की व्यवस्था

40 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र में कुंभ नगर को सुसज्जित किया जा रहा है। यातायात प्रबंधन के तहत, प्रमुख स्नान दिनों में वाहनों को डेढ़ किलोमीटर पहले से रोका जाएगा। इसके अलावा, रेलवे के साथ समन्वय स्थापित कर विशेष ट्रेनें चलाई जा रही हैं।

प्रयागराज रेल मंडल ने  मकर संक्रांति, मौनी अमावस्या, वसंत पंचमी और माघी पूर्णिमा के दिनों में एंट्री और एग्जिट के लिए अलग-अलग रास्ते तय किए गए हैं। प्रयागराज जंक्शन पर सिटी साइड से एंट्री और सिविल लाइंस साइड से एग्जिट होगी। इसी तरह, नैनी, छिवकी, सूबेदारगंज और अन्य स्टेशनों पर भी दिशा अनुसार एंट्री-एग्जिट प्लान तैयार किया गया है।

अनारक्षित यात्रियों के लिए कलर-कोडेड यात्री आश्रय स्थल बनाए गए हैं, जबकि आरक्षित यात्रियों को ट्रेन के निर्धारित समय से 30 मिनट पहले प्लेटफॉर्म पर जाने की अनुमति मिलेगी। प्रयागराज रेल मंडल महाकुंभ के दौरान 13,000 ट्रेनों का संचालन और 3,000 मेला स्पेशल ट्रेनों की व्यवस्था कर रहा है। इन उपायों का उद्देश्य भीड़ प्रबंधन और श्रद्धालुओं की सुरक्षा सुनिश्चित करना है।

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