यूपी के मदरसों में अब यूपी बोर्ड की तर्ज पर होगी पढ़ाई, विज्ञान-गणित होंगे अनिवार्य

UP Madarsa: वर्तमान में प्रदेश में कुल 13,329 मान्यता प्राप्त मदरसे संचालित हैं, जिनमें 12,35,400 छात्र-छात्राएं अध्ययनरत हैं। इनमें से 3,350 मदरसे माध्यमिक एवं उच्चतर माध्यमिक स्तर (कक्षा 9 से 12) के हैं।

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लखनऊः उत्तर प्रदेश सरकार ने राज्य में संचालित मदरसों की शिक्षा व्यवस्था में व्यापक सुधार की दिशा में बड़ा कदम उठाया है। अब प्रदेश के मदरसों में कक्षा 9वीं से 12वीं तक के छात्रों को यूपी बोर्ड की तर्ज पर आधुनिक विषय जैसे गणित और विज्ञान भी पढ़ाए जाएंगे। यह फैसला मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ द्वारा मदरसा शिक्षा को मुख्यधारा से जोड़ने और गुणवत्तापूर्ण तथा रोजगारपरक बनाने के विजन के तहत लिया गया है।

मदरसा शिक्षा में आधुनिक विषय होंगे शामिल

वर्तमान में प्रदेश में कुल 13,329 मान्यता प्राप्त मदरसे संचालित हैं, जिनमें 12,35,400 छात्र-छात्राएं अध्ययनरत हैं। इनमें से 3,350 मदरसे माध्यमिक एवं उच्चतर माध्यमिक स्तर (कक्षा 9 से 12) के हैं। अब इन कक्षाओं में धार्मिक विषयों के साथ-साथ गणित, विज्ञान, सामाजिक विज्ञान, हिंदी और अंग्रेजी जैसे विषय भी पढ़ाए जाएंगे।

इसके लिए समाज कल्याण निदेशक की अध्यक्षता में एक उच्चस्तरीय समिति का गठन किया गया है, जिसमें शिक्षा और वित्त विभाग के वरिष्ठ अधिकारी शामिल होंगे। यह समिति पाठ्यक्रम, शिक्षक अर्हता, नियुक्ति प्रक्रिया और शिक्षा की गुणवत्ता पर आवश्यक बदलावों की संस्तुति देगी।

सीएम योगी ने जताई थी व्यापक सुधार की जरूरत

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अप्रैल 2025 में एक उच्चस्तरीय बैठक में कहा था कि मदरसे केवल मजहबी शिक्षा तक सीमित न रहें, बल्कि छात्रों को आधुनिक और रोजगारपरक शिक्षा का भी लाभ मिलना चाहिए। उन्होंने कहा कि मदरसा शिक्षा में पारदर्शिता, गुणवत्ता और नवाचार लाना समय की मांग है।

सीएम योगी ने यह भी कहा कि सुप्रीम कोर्ट द्वारा कामिल और फाजिल डिग्रियों को असंवैधानिक घोषित किए जाने के बाद पाठ्यक्रम और शिक्षक अर्हता में बदलाव आवश्यक हो गया है।

अगस्त 2017 से मदरसा पोर्टल की शुरुआत के बाद प्रदेश के 19,123 मदरसों ने ऑनलाइन पंजीकरण कराया, जिनमें से 13,329 सत्यापित हो चुके हैं। पोर्टल के माध्यम से परीक्षाएं, प्रमाणपत्र, वेरिफिकेशन और अन्य प्रशासनिक कार्यों में पारदर्शिता आई है।

हालांकि, बोर्ड परीक्षाओं में सम्मिलित छात्रों की संख्या में भारी गिरावट देखी गई। वर्ष 2016 में यह संख्या 4.22 लाख थी, जो 2025 में घटकर मात्र 88,082 रह गई है। मुख्यमंत्री ने इसे चिंताजनक बताते हुए इसे सुधारने की आवश्यकता जताई।

मदरसा बोर्ड परीक्षा 2025 का परिणाम जल्द

इस बीच, यूपी मदरसा बोर्ड द्वारा वर्ष 2025 में आयोजित मौलवी, मुंशी और आलिम परीक्षाओं के परिणाम भी शीघ्र जारी किए जाएंगे। ये परीक्षाएं 17 से 22 फरवरी के बीच दो पालियों में सम्पन्न हुई थीं। संभावना है कि इनके नतीजे मई के अंत तक मदरसा बोर्ड की आधिकारिक वेबसाइट madarsaboard.upsdc.gov.in पर घोषित किए जाएंगे, जहां परीक्षार्थी अपने रोल नंबर की मदद से परिणाम देख सकेंगे।

राज्य सरकार का उद्देश्य है कि नई शिक्षा नीति 2020 के अनुरूप मदरसों में सुधार हो और छात्रों को धार्मिक शिक्षा के साथ आधुनिक विषयों की समझ और भविष्य के लिए रोजगारपरक कौशल भी मिले। इस दिशा में यूपी की मदरसा शिक्षा व्यवस्था अब एक निर्णायक मोड़ पर पहुंच चुकी है, जहां समावेशी और नवाचारयुक्त शिक्षा प्रणाली के माध्यम से एक संतुलित और समग्र भविष्य की आधारशिला रखी जा रही है।

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