भाषण में हिंदू मान्यताओं पर अभद्र बातें करने के मामले में तमिलनाडु के मंत्री के खिलाफ FIR दर्ज करने का आदेश

कोर्ट ने राज्य पुलिस को कड़ी चेतावनी देते हुए कहा कि यदि वह एफआईआर दर्ज करने में विफल रहती है तो उसे अवमानना ​​के आरोपों का सामना करने के लिए तैयार रहना चाहिए।

Madras High Court

चेन्नई: मद्रास उच्च न्यायालय ने पुलिस को तमिलनाडु सरकार में मंत्री के. पोनमुडी के खिलाफ महिलाओं और धार्मिक संप्रदायों के खिलाफ कथित तौर पर अपमानजनक और नफरती भरे भाषण देने के लिए मामला दर्ज करने का आदेश दिया है।

जस्टिस आनंद वेंकटेश ने गुरुवार को कहा, 'कानून सबके लिए है। जब सरकार दूसरों के नफरत भरे भाषणों को गंभीरता से लेती है, तो मंत्रियों के नफरत भरे भाषणों को भी गंभीरता से लिया जाना चाहिए।' जस्टिस ने इसके बाद पुलिस को राज्य के वन मंत्री के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करने का आदेश दिया।

समाचार एजेंसी पीटीआई के अनुसार कोर्ट ने राज्य पुलिस को कड़ी चेतावनी देते हुए कहा कि यदि वह एफआईआर दर्ज करने में विफल रहती है तो उसे अवमानना ​​के आरोपों का सामना करने के लिए तैयार रहना चाहिए।

पोनमुडी के बयान पर मचा था विवाद

पोनमुडी ने हाल ही में एक सार्वजनिक सभा में एक सेक्स वर्कर और यौन संकेतों से जुड़ी बाते करते हुए संदर्भ शैव और वैष्णव का दिया था। पोनमुडी ने विवादित बातें विलीपुरम में 6 अप्रैल को एक कार्यक्रम में कही थी। उन्होंने कथित तौर पर सेक्सुअल पोजिशन और अश्लील कहानी सुनाते हुए हिंदू धर्म के दो अहम संप्रदायों शैव और वैष्णव की बात की थी। मंत्री के बयान पर काफी विवाद मचा था। उनकी अपनी पार्टी की सांसद कनिमोझी ने भी बयान की आलोचना की थी।

विवाद बढ़ने के बाज डीएमके अध्यक्ष और मुख्यमंत्री एमके स्टालिन ने उन्हें पार्टी के उप महासचिव पद से हटा दिया था। वहीं, बाद में पोनमुडी ने अपनी टिप्पणी के लिए माफी मांगी थी। मामले पर खुद संज्ञान लेने वाले मद्रास उच्च न्यायालय ने अभी आगे की सुनवाई को 23 अप्रैल तक के लिए टाल दिया है।

AIADMK की महिला कार्यकर्ता भी कर रही प्रदर्शन

पुलिस केस दर्ज करने का कोर्ट का आदेश उस समय आया है जब विपक्षी पार्टी एआईएडीएमके की महिला कार्यकर्ता इसके खिलाफ विरोध प्रदर्शन कर रही हैं। एआईएडीएमके की महिला विंग की नेता गायत्री रघुराम ने कहा कि पोनमुडी बार-बार ऐसी बातें कहते रहे हैं। उन्होंने पोनमुडी को मंत्री पद से हटाने की मांग की।

गायत्री रघुराम ने कहा, 'उनकी माफी भी आदतन है। यह डीएमके के डीएनए में है। हमने देखा है कि जब अम्मा मुख्यमंत्री बनीं तो उन्होंने उनके साथ कैसा व्यवहार किया। उन्होंने (स्टालिन) उन्हें (पोनमुडी) पद से हटा दिया, लेकिन यह दिखावा है। उन्होंने कोई कार्रवाई नहीं की। उन्हें मंत्री पद से हटाया जाना चाहिए।'

पोनमुडी ने पिछले हफ्ते मांगी थी माफी

पोनमुडी ने पिछले शनिवार को अपने माफीनामे में स्वीकार किया कि उन्होंने "अनुचित शब्दों" का इस्तेमाल किया था। पोनमुडी ने कहा, "मैं थानथाई पेरियार द्रविड़ कझगम द्वारा आयोजित एक कार्यक्रम में बोलते समय इस्तेमाल किए गए अनुचित शब्दों के लिए ईमानदारी से माफी मांगता हूं। मैंने जो अनुचित टिप्पणी की थी, उसके लिए मुझे तुरंत गहरा खेद हुआ। एक ऐसे व्यक्ति के रूप में जो लंबे समय से सार्वजनिक जीवन में है, मुझे निर्णय में इस चूक के लिए गहरा खेद है।' 

उन्होंने कहा, 'मुझे खेद है कि मेरे भाषण ने कई लोगों को ठेस पहुंचाई और उनके लिए शर्मनाक स्थिति पैदा की। मैं एक बार फिर उन सभी से दिल से माफी मांगता हूं, जिन्हें मेरे शब्दों से ठेस पहुंची है।'

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