चेन्नईः 20 लाख की लूटमारी मामले में हाई कोर्ट ने आयकर अधिकारियों को दी जमानत

मद्रास उच्च न्यायालय ने आयकर अधिकारियों को 20 लाख की लूटमारी मामले में जमानत दे दी। शिकायतकर्ता जमानत का विरोध कर रहा था। शिकायतकर्ता का कहना था कि धन जमा होने तक जमानत नहीं दी जानी चाहिए।

Madras High Court

Madras High Court Photograph: (Madras High Court Official Website )

चेन्नईः मद्रास हाई कोर्ट ने तीन फरवरी को सुनवाई के दौरान तीन आयकर अधिकारियों को लूटमारी के मामले में जमानत दे दी है। अदालत ने आयकर अधिकारियों के साथ एक सब इंस्पेक्टर को भी जमानत दी है। 

इन लोगों को राज्य पुलिस ने 20 लाख की लूटमारी के केस में गिरफ्तार किया था। आयकर विभाग के अधिकारियों दामोदरन, प्रदीप, एस.पी. प्रभु और सब इंस्पेक्टर राजा सिंह ने यह जमानत की याचिका दाखिल की थी। 

शिकायतकर्ता ने किया विरोध

न्यायमूर्ति सुंदर मोहन ने आयकर अधिकारियों की याचिका पर जमानत दी। इस याचिका की सुनवाई के दौरान शिकायतकर्ता एच मोहम्मद गौस ने याचिकाकर्ताओं की मांग का विरोध करते हुए कहा कि अभी तक क्षेत्राधिकारी मजिस्ट्रेट के सामने धन जमा नहीं किया गया है।

शिकायकर्ता के वकील ने कहा कि जबकि पैसा पुलिस द्वारा जमा कर लिया गया था लेकिन फिर भी यह जमा नहीं किया गया है। वकील ने आगे कहा कि राशि के जमा होने तक आरोपी को जमानत नहीं दी जानी चाहिए। 

हालांकि अदालत इस तर्क से सहमत नहीं थी और जमानत दे दी। अदालत ने कहा कि जब्त की गई राशि को जमा करने में विफलता जमानत के विरोध का आधार नहीं हो सकती।

16 दिसंबर 2024 को हुई थी गिरफ्तारी

मोहम्मद गौस ने त्रिप्लिकेन पुलिस स्टेशन में इन लोगों के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई थी। इसके आधार पर इन चारों लोगों की गिरफ्तारी 16 दिसंबर 2024 को की गई थी।

शिकायतकर्ता ने शिकायत में दर्ज कराया था कि वह 20 लाख रूपए लेकर जा रहे थे। ये रुपये उसे नियोक्ता (एम्पलॉयर) द्वारा दिए गए थे जिससे उसे एक सीटी स्कैनर लेना था और 10 लाख रूपये त्रिप्लिकेन में ही किसी को देने का निर्देश दिया गया था। 

इस दौरान उसे बीच में ही ओमनदुरार सरकारी मल्टी स्पेशिलिटी अस्पताल के पास रोक लिया गया। उसके बैग में पैसे होने पर ये लोग उसे कार में ले गए। खुद को आयकर अधिकारी बताने वाले इन लोगों ने कथित तौर पर चाकू दिखाकर पैसा लूट लिया। 

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