Table of Contents
लखनऊ: भारत में चीनी लहसुन के अवैध रूप से बिकने का मामला हाईकोर्ट तक पंहुच गया है। भारत में चीनी लहसुन बैन होने के बावजूद बाजारों में इसकी ब्रिकी हो रही है। इसको लेकर न्यायालय में जनहित याचिका दायर की गई है। दायर की गई याचिका की सोमवार को इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच में सुनवाई हुई है। इसके बाद न्यायालय ने सेफ्टी लेबोरेटरी कमिश्नर को तलब करते हुए चाइनीज लहसुन के परीक्षण के आदेश दिए हैं।
याचिकार्ता ने क्या कहा
याचिकाकर्ता के अधिवक्ता मोतीलाल यादव ने कहा कि, चीनी लहसुन जब पहली बार 2014 में भारत में आया, तो भारत की टेस्टिंग एजेंसी में उसका परीक्षण कराया गया था। इस दौरान इसे मानक के विपरीत पाया गया था। भारत सरकार ने साल 2014 में इसको बैन कर दिया था, इसके बावजूद यह लहसुन छह सालों से भारत में बिक रहा है। इसकी तस्करी नेपाल और बांग्लादेश के सीमा से होती रहती है। आज तक उसे पर ध्यान नहीं दिया गया है।
अधिवक्ता मोतीलाल यादव ने कहा कि मीडिया के माध्यम से जब मुझे यह जानकारी हुई तो मैंने कुछ और रिसर्च करके करके जनहित याचिका उच्च न्यायालय में दाखिल की है। उच्च न्यायालय ने मुझसे कहा कि अगर चीन का लहसुन बिक रहा है, तो खरीद के ले आओ। इसके बाद मैं आधा किलो लहसुन खरीद कर ले गया था।
कोर्ट ने एडिशनल फूड सेफ्टी कमिश्नर को तलब किया और कहा कि यह लहसुन सील कवर में ले जाइए और इसका परीक्षण कराइए कि यह किस हद तक हानिकारक है। इसके बाद उन्हें वह लहसुन दिया गया। वह 15 दिन में उसकी जांच कर रिपोर्ट न्यायालय को सौंपेंगे।
हेल्पलाइन नंबर जारी करने का दिया गया आदेश
अधिवक्ता ने बताया कि कोर्ट ने फूड सेफ्टी कमिश्नर को ग्राहकों की सहूलियत के लिए हेल्पलाइन नंबर जारी करने का कोर्ट ने आदेश दिया है। कमिश्नर सभी जिलों में यह शासनादेश जारी करेंगे कि चाइनीज लहसुन कहीं बिकना नहीं चाहिए।
रिपोर्ट आने के बाद कोर्ट चाइनीज लहसुन को बैन करेगी। मैंने कस्टम मंत्रालय एवं खाद्य सुरक्षा मंत्रालय को भी पक्षकार बनाया है, उनसे भी उच्च न्यायालय ने जवाब मांगा है। वह अपना एफिडेविट फाइल करेंगे।
(समाचार एजेंसी IANS की रिपोर्ट)