यूपी में 'लव जिहाद' से जुड़ा बिल पास, दोषियों को होगी उम्रकैद बढ़ाया गया जुर्माना, धर्मांतरण फंडिंग पर भी अंकुश

लव जिहाद बिल पर बोलते हुए समाजवादी पार्टी ने यूपी सरकार की आलोचना की है। पार्टी ने इस बिल को नकारात्मक राजनीति करार दिया है और कहा है कि यह बिल एक खास समुदाय के प्रति भाजपा की नफरत को दिखाता है।

एडिट
Love Jihad bill passed in UP culprits will get life imprisonment fine increased religious conversion funding also curbed

सीएम योगी (फाइल फोटो- IANS)

लखनऊ: उत्तर प्रदेश विधानसभा में मंगलवार को उप्र विधि विरुद्ध धर्म संपरिवर्तन प्रतिषेध (संशोधन) विधेयक को मंजूरी दी गई है। विधानमंडल सत्र के दूसरे दिन इस विधेयक को सदन से मंजूरी मिली है।

इस बिल को 'लव जिहाद' बिल भी कहा जाता है। विधेयक में जो संशोधन किए गए हैं इसमें धर्मांतरण के खिलाफ सजा और जुर्माने को बढ़ाने का प्रावधान किया गया हैं। यही नहीं धर्मांतरण के लिए विदेशों से होने वाली फंडिंग को लेकर भी सख्त प्रावधान किए गए हैं।

यूपी सरकार ने इससे पहले विधानसभा में धर्म संपरिवर्तन प्रतिषेध विधेयक 2021 पारित किया था। पहले विधेयक में एक से 10 साल तक की सजा का प्रावधान था। संशोधन के जरिए पिछले विधेयक को सजा और जुर्माने की दृष्टि से और मजबूत किया गया है। इस बिल में संशोधन पर कई नेताओं की प्रतिक्रिया भी सामने आई है।

इन लोगों को होगी सजा

पहले यूपी धर्मांतरण विरोधी कानून में धोखाधड़ी या जबरन धर्मांतरण के दोषियों को 10 साल की सजा और 50 हजार जुर्माने का प्रावधान था जिसे नए बिल में बदल दिया गया है। इस तरह के अपराध में शामिल लोगों के लिए आजीवन कारावास जैसे सख्त प्रावधान शामिल किए गए हैं।

इस कानून के तहत धर्मांतरण के इरादे से जो कोई भी किसी को धमकी देता है, उस पर हमला करता है और उससे शादी का वादा करता है तो उसे इसके तहत सजा होगी।

यही नहीं धर्म परिवर्तन के तहत साजिश रचने, किसी महिला या नाबालिग का धर्मांतरण के इरादे से उसकी तस्करी करने या फिर किसी भी व्यक्ति की तस्करी करने पर इस कानून के तहत उसे सजा सुनाई जागएगी। इस तरह के अपराध में शामिल लोगों को 20 साल से आजीवन कारावास तक की सजा सुनाई जाएगी।

धर्मांतरण के मामलों में कोई भी करा सकता है एफआईआर दर्ज

यही नहीं संशोधित प्रावधान में किसी भी व्यक्ति को यह छूट दी गई है कि वह धर्मांतरण के मामलों में एफआईआर दर्ज करा सकता है। पहले के कानून में ऐसा नहीं था जहां पर केवल पीड़ित, उनके माता-पिता या फिर भाई-बहन ही शिकायत दर्ज करा सकते थे।

इस बिल में अब कोई भी धर्मांतरण से जुड़ी जानकारी पुलिस को लिखित तौर पर दे सकता है। यही नहीं इन मामलों की सुनवाई सत्र न्यायालय से नीचे किसी भी अदालत में नहीं की जाएगी। इसके आलावा इस अधिनियम के तहत सभी अपराध गैर-जमानती होंगे।

बिल में सजा और जुर्माने को बढ़ाया गया है

नए प्रावधानों के अनुसार किसी नाबालिग, दिव्यांग अथवा मानसिक रूप से दुर्बल व्यक्ति, महिला, अनुसूचित जनजाति का धर्म परिवर्तन कराया जाता है तो दोषी को आजीवन कारावास और एक लाख रुपए जुर्माने से दंडित किया जाएगा। पहले के प्रावधान में 10 साल की सजा और 50 हजार जुर्माना था।

इसी तरह सामूहिक धर्म परिवर्तन पर भी आजीवन कारावास और एक लाख रुपए जुर्माने की सजा होगी।

धर्मांतरण के संबंध में धन लेने पर होगी इतनी सजा

संशोधन विधेयक में कहा गया है कि अगर कोई व्यक्ति धर्मांतरण के संबंध में किसी विदेशी या अवैध संगठन से धन प्राप्त करता है तो उसे कम से कम सात साल की कैद होगी जिसे 14 साल तक बढ़ाया जा सकता है और साथ ही कम से कम 10 लाख रुपए का जुर्माना भी देना होगा।

ये पढ़ें: लखनऊ के पंतनगर में नहीं चलेगा बुलडोजर, सीएम ने आश्वासन दिया-निवासियों की सुरक्षा और संतुष्टि सरकार की प्राथमिकता

राष्ट्रपति के अंतिम फैसले के बाद लागू होगा विधेयक

यूपी सरकार ने सोमवार को विधानसभा में यह विधेयक रखा था जिसे मंगलवार को पास कर दिया गया। अब इसे विधान परिषद को भेजा जाएगा। दोनों सदनों से पारित होने के बाद यह राज्यपाल के पास जाएगा। फिर इसे राष्ट्रपति को भेजा जाएगा। राष्ट्रपति इस पर अंतिम फैसला लेंगी।

बता दें कि नवंबर 2020 में पहली बार यह अध्यादेश जारी किया गया था जो दोनों सदनों में पारित होने के बाद यह कानून लागू हुआ था।

ये भी पढ़ें: जवाहर यादव हत्‍याकांड में उम्रकैद की सजा काट रहे उदयभान करवरिया की होगी रिहाई, फैसले के खिलाफ पीड़ित की पत्नी ने कोर्ट जाने को कहा

बिल पर किस ने क्या कहा

उत्तर प्रदेश सरकार में मंत्री धर्मपाल सिंह ने लव जिहाद को लेकर अपनी बात रखी है। उन्होंने इसे प्रदेश की जनता के लिए एक बड़ी सौगात बताया है और कहा इससे जबरन धर्मांतरण पर रोक लगेगी। जबरन धर्मांतरण किसी भी स्वस्थ समाज के लिए उचित नहीं है।

राम जन्मभूमि के मुख्य पुजारी आचार्य सत्येंद्र दास ने इस बिल पर अपनी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने बिल में किए गए संशोधन को लेकर सरकार की तारीफ की है।

'लव जिहाद' बिल पर बोलते हुए समाजवादी पार्टी ने यूपी सरकार की आलोचना की है। पार्टी ने इस बिल को नकारात्मक राजनीति करार दिया है और कहा है कि यह बिल एक खास समुदाय के प्रति भाजपा की की 'नफरत' को दिखाता है।

समाचार एजेंसी आईएएनएस के इनपुट के साथ

यह भी पढ़ें
Here are a few more articles:
Read the Next Article