तिरुवनंतपुरम: भाजपा उम्मीदवार सुरेश गोपी ने त्रिशूर में 72,000 मतों के अंतर से जीत दर्ज कर ली है। केरल में आखिरकार ‘कमल’ खिल गया है। केरल में यह पहली बार है भाजपा ने लोकसभा चुनाव में जीत हासिल की है। भाजपा को तिरुवनंतपुरम में दूसरी सीट भी जीतने की उम्मीद थी। हालांकि ऐसा नहीं हुआ। जीत के बाद गोपी अपनी पत्नी राधिका के साथ यहां अपने घर से बाहर निकले और राधिका के हाथों मिठाई खाते हुए फोटो के लिए पोज दिया। लेकिन उन्होंने मीडिया से बात नहीं की और तस्वीरें खिंचवाने के बाद वापस लौट गए।
केरल में 20 लोकसभा सीटें हैं और 2019 के चुनावों में कांग्रेस के नेतृत्व वाले यूडीएफ ने 19 सीटें जीती थीं जबकि माकपा के नेतृत्व वाले वाम दल ने एक सीट जीती और भाजपा तिरुवनंतपुरम में दूसरे स्थान पर रही थी। इस बार भी सबकी निगाहें तिरुवनंतपुरम लोकसभा सीट पर थी, जहां भाजपा उम्मीदवार तथा केंद्रीय राज्य मंत्री राजीव चंद्रशेखर कांग्रेस के शशि थरूर को टक्कर दे रहे थे। हालांकि, थरूर लगातार चौथी जीत हासिल करने में कामयाब रहे।
एक समय चंद्रशेखर ने करीब 23,000 वोटों की बढ़त बना ली थी, लेकिन जब तटीय क्षेत्रों से मतगणना के अंतिम दौर शुरू हुए, तो उनकी बढ़त कम हो गई। चुनाव आयोग के आंकड़ों के अनुसार शशि थरूर ने 16077 मतों के अंतर से जीत हासिल की।
भाजपा अकेले दम पर बहुमत से दूर
केरल में भाजपा के लिए अच्छी खबर जरूर है लेकिन लोकसभा चुनाव के नतीजे उसके लिए उम्मीद से परे हैं। दोपहर 3.45 बजे समाचार लिखे जाने तक भाजपा अपने दम पर 272 का बहुमत का आंकड़ा भी छूती नजर नहीं आ रही है। भाजपा को अब बहुत हद तक अपने सहयोगियों पर निर्भर रहना होगा। भाजपा फिलहाल तीन सीटें जीत सकी है और 239 पर आगे चल रही है।
वैसे एनडीए के अन्य सहयोगी दलों को मिलाकर बात करें तो एक बार फिर नरेंद्र मोदी के नेतत्व में सरकार बनने के आसार है। एनडीए फिलहाल 294 सीटों पर बढ़त बनाए हुए है और तीन पर जीत हासिल कर चुकी है। ऐसे में यह आंकड़ा 297 तक पहुंचता है। भाजपा के लिए अब बड़ी उम्मीद बिहार से नीतीश कुमार की पार्टी जदयू और आंध्र प्रदेस से टीडीपी से है। ये दोनों एनडीए का हिस्सा हैं और इनकी भूमिका देश की अगली सरकार में अहम हो सकती है।
(समाचार एजेंसी IANS इनपुट के साथ)