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इमरान मसूद पर पार्टी ने लगाया है दाव
उत्तर प्रदेश कांग्रेस कमेटी के पूर्व उपाध्यक्ष मसूद 2022 के विधानसभा चुनाव से ठीक पहले कांग्रेस छोड़ समाजवादी पार्टी में शामिल हो गए थे। फिर सपा छोड़कर बसपा में शामिल हो गए। इस साल के प्रारंभ में वह वह बसपा छोड़कर कांग्रेस में लौट आए और पार्टी ने उन्हें पश्चिमी यूपी की महत्वपूर्ण सीट सहारनपुर से चुनाव मैदान में उतार दिया। यहां मुसलमानों की बड़ी आबादी है।
पीएम नरेंद्र मोदी के खिलाफ विवादित टिप्पणी के लिए कुख्यात मसूद का मुकाबला बीजेपी के राघव लाखन पाल और बीएसपी के माजिद अली से है। इसी प्रकार 2007-2012 तक बहुजन समाज पार्टी की सरकार में मंत्री रहे सदल प्रसाद पिछले महीने कांग्रेस में शामिल हुए। पार्टी ने उन्हें गोरखपुर जिले में स्थित बांसगांव (सुरक्षित) लोकसभा सीट से उम्मीदवार बना दिया।
कांग्रेस को दमदार नेताओं की खल रही है कमी
गौरतलब है कि समाजवादी पार्टी के साथ गठबंधन कर प्रदेश में चुनाव लड़ रही कांग्रेस के खाते में गोरखपुर मंडल की पांच में से तीन सीटें आईं हैं। लेकिन पार्टी को ऐसे दमदार नेताओं की कमी का सामना करना पड़ रहा है, जो भाजपा को कड़ी टक्कर दे सकें। भाजपा पहले ही महाराजगंज, कुशीनगर, बांसगांव और गोरखपुर में अपने वर्तमान सांसदों को फिर से उम्मीदवार बनाने की घोषणा कर चुकी है।
इलाहाबाद सीट पर भी पार्टी ने दलबदलु नेता पर लगाया है दाव
कभी कांग्रेस की घर की सीट मानी जाने वाली इलाहाबाद सीट पर पार्टी ने समाजवादी पार्टी से कांग्रेस में आए उज्जवल रमण सिंह को अपना उम्मीदवार बनाया है। सपा सरकार में मंत्री रहे रेवती रमण सिंह के बेटे उज्जवल रमण सिंह टिकट की घोषणा से दो दिन पहले सपा छोड़कर कांग्रेस में शामिल हुए थे।
पार्टी ने यहां से अपने वरिष्ठ नेता और पूर्व विधायक अनुग्रह नारायण सिंह के दावे को नजरअंदाज कर दिया। इसी प्रकार प्रदेश में कई और सीटों पर भी पार्टी ने दूसरे दलों से आए नेताओं पर भरोसा जताया है। (आईएएनएस)