लोकसभा चुनाव 2024: पश्चिमी उत्तर प्रदेश में सियासी गर्माहट तेज हो गई। पहले चरण के तहत 19 अप्रैल को यहां वोटिंग होगी लेकिन लोकसभा चुनाव में टिकट कटने से नाराज नेता पार्टी की मुश्किलें बढ़ा सकते हैं। सपा और भाजपा ने अपने कई नेताओं के टिकट काटे हैं जिसके बाद उनके अपने ही बगावती तेवर अपना लिए हैं।
सपा, भाजपा ने कइयों का टिकट काटा
सपा ने मुरादाबाद से एसटी हसन, मेरठ से अतुल प्रधान का टिकट काटा है। वहीं भाजापा ने बरेली से संतोष गंगवार और गाजियाबाद से जनरल वीके सिंह का टिकट काट दिया है। उधर, भाजपा प्रत्याशी संजीव बलियान और संगीत सोम के बीच चल रहे विवाद ने भाजपा की मुश्किलें बढ़ा रखी हैं। दोनों नेताओं के बीच के विवाद को सुलझाने की कोशिश हो रही है। पार्टी के वरिष्ठ नेता उन्हें मनाने में लगे हैं। बरेली में भाजपा प्रत्याशी छत्रपाल गंगवार व वर्तमान सांसद संतोषन गंगवार के समर्थकों के बीच भी समन्वय बनाने की कोशिश हो रही है। वहीं मेरठ में अतुल प्रधान का टिकट कटने से उनके समर्थक भी काफी नाराज हैं।
पश्चिमी यूपी में भाजपा, सपा को अपनों से ही चुनौती
रामपुर मोहिबुल्लाह नदवी को उम्मीदवार बनाए जाने के बाद यहां अखिलेश यादव बनाम आजम खान जैसा मामला हो चुका है। पश्चिमी यूपी में संजीव बालियान और संगीत सोम के विवाद को लेकर राजपूत समाज नाराज है। वहीं राजकोट में केंद्रीय मंत्री पुरुषोत्तम रुपाला के विवादिय बयान ने भी राजपूत समुदाय भाजपा के विरोध में उतर गई है। रुपाला के विरोध में राजकोट में राजपूत समाज के विभिन्न संगठनों का अस्मिता महासम्मेलन हुआ। यह आंदोलन गुजरात से बाहर देश के अन्य राज्यों में होगा। पुरुषोत्तम रुपाला ने 22 मार्च को अनुसूचित जाति के सम्मेलन में कहा था कि राजपूत समाज ने मुगलों से मैत्री कर ली और उनके साथ रोटी-बेटी का संबंध बना लिया लेकिन अनुसूचित समाज कभी झुका नहीं।
भाजपा के प्रति राजपूत समाज की नाराजगी ने पार्टी की बढ़ाई टेंशन
राजपूत की भाजपा से नाराजगी साल 2022 के विधानसभा चुनाव से ही है। यहां सरधना सीट से संगीत सोम को मिली हार के बाद राजपूत समुदाय ने कहा था कि संगीत को हराने में संजीव बालियान का हाथ था। तब सपा के अतुल प्रधान ने संगीत सोम को हराया था। संगीत सोम लगातार दो विस चुनाव जीत चुके थे। राजपूत की नाराजगी के कई कारण हैं। राजपूत समुदाय ने भाजपा पर क्षत्रिय राजाओं के इतिहास के साथ छेड़छाड़ करने, केंद्रीय मंत्री संजीव बालियान के द्वारा राजपूत युवाओं पर मुकदमे दर्ज कराने, टिकट बंटवारे में समुदाय को उचित स्थान नहीं का आरोप लगाया है। वहीं गाजियाबाद सीट से पूर्व आर्मी चीफ जनरल वीके सिंह का टिकट काटे जाने से भी इस समुदाय के लोगों में गुस्सा है।
केंद्रीय मंत्री पुरुषोत्तम रुपाला के विवादिय बयान से भी राजपूत आक्रोशित
उधर, केंद्रीय मंत्री पुरुषोत्तम रुपाला के विवादिय बयान से भी राजपूत समुदाय खासे नाराज है। रुपाला के विरोध में राजकोट में राजपूत समाज के विभिन्न संगठनों का अस्मिता महासम्मेलन हुआ। उन्होंने कहा है कि भाजपा रुपाला को प्रत्याशी ना बनाए नहीं तो यह आंदोलन गुजरात से बाहर देश के अन्य राज्यों में होगा। पुरुषोत्तम रुपाला ने 22 मार्च को अनुसूचित जाति के सम्मेलन में कहा था कि राजपूत समाज ने मुगलों से मैत्री कर ली और उनके साथ रोटी-बेटी का संबंध बना लिया लेकिन अनुसूचित समाज कभी झुका नहीं।
रामपुर में अखिलेश बनाम आजम का माहौल
रामपुर लोकसभा सीट की बात करें तो यहां का माहौल अखिलेश यादव बनाम आजम खान हो चुका है। इस सीट पर भाजपा ने घनश्याम सिंह लोधी पर दांव लगाया है। वहीं आजम खान की असहमति के बावजूद सपा ने यहां से मौलाना मोहिबुल्लाह नदवी को प्रत्याशी घोषित किया है। आजम बनाम अखिलेश से सपा समर्थकों में दो फाड़ हो गए हैं। जिसका नुकसान पार्टी को होता दिख रहा है। माना जा रहा है कि आजम बनाम अखिलेश होने से यहां हाथी की सेहत सुधरेगी। गौरतलब है कि बसपा ने जीशान खान को मैदान में उतारा है। कहा जा रहा है कि आजम खान खेमा जीशान के लिए ही प्रचार कर रहे हैं।
मुरादबाद में सपा के लिए कम नहीं मुश्किलें
उधर, मुरादाबाद में भी सपा के लिए मुश्किलें खड़ी हो गई हैं। सपा ने आजम खान के कहने पर एसटी हसन का टिकट काटकर रुचि वीरा को यहां से प्रत्याशी बनाया है। एसटी हसन पार्टी के खिलाफ खड़े हो गए हैं। उन्होंने साफ कहा है कि वह रुचि वीरा के लिए प्रचार नहीं करेंगे। एसटी हसन ने कहा कि अगर वे रुचि वीरा के लिए प्रचार करेंगे तो उनके समर्थक उनके खिलाफ खड़े हो जाएंगे। एसटी हसन का कहना है कि आज जिस तरह का चुनाव हो रहा है, वैसा कभी नहीं हुआ। टिकट बंटवारे को लेकर उन्होंने कहा कि अगर अखिलेश जी आते और मुझे लेकर जाते और मैं ऐलान करता (रुचि वीरा के प्रत्याशी होने का) तो मेरे समर्थक नाराज नहीं होते।
मेरठ में सपा से नाराज हैं अतुल प्रधान के समर्थक
सपा ने मेरठ से अतुल प्रधान का टिकट काट दिया है। सपा ने यहां दो बार अपने उम्मीदवार बदले। अतुल प्रधान को पूर्व में घोषित अधिवक्ता भानु प्रताप सिंह का टिकट काटकर उम्मीदवार बनाया गया था लेकिन बाद में सपा ने पूर्व विधायक योगेश वर्मा की पत्नी सुनीता वर्मा को टिकट दे दिया। अतुल प्रधान ने तो नामांकन भी दाखिल कर दिया था। सपा के इस फैसले से अतुल खेमा काफी नाराज है। मेरठ में लोकसभा चुनाव के दूसरे चरण के तहत 26 अप्रैल को मतदान होगा।