Lok sabha Election: बसपा की चौथी सूची जारी, भाजपा से इस्तीफा देने वाले श्याम किशोर, सच्चिदानंद और दयाशंकर को टिकट

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Nagpur : Former Chief minister of Uttar Pradesh and BSP supremo Mayawati during an election rally ahead of Lok Sabha Elections

Nagpur : Former Chief minister of Uttar Pradesh and BSP supremo Mayawati addresses during an election rally ahead of Lok Sabha Elections, in Nagpur, Thursday, April 11, 2024.(IANS/Chandrakant Paddhane)

Lok sabha Election: बहुजन समाज पार्टी (बसपा) ने लोकसभा उम्मीदवारों की चौथी सूची शुक्रवार जारी कर दी। इसमें यूपी के 9 लोकसभा सीट शामिल हैं जिनपर पार्टी ने अपने उम्मीदवार उतारे हैं। बसपा ने भाजपा से इस्तीफा देने वाले श्याम किशोर, सच्चिदानंद और दयाशंकर को भी टिकट दिया है।

BSP Candidate List

बसपा ने आजमगढ़ से भीम राजभर, घोसी से बालकृष्ण चौहान, एटा से मोहम्मद इरफान, धौरहरा से श्याम किशोर अवस्थी, फैजाबाद (अयोध्या) से सच्चिदानंद पांडे, बस्ती से दयाशंकर मिश्र, गोरखपुर से जावेद सिमनानी, चंदौली से सत्येंद्र कुमार मौर्य, रॉबर्ट्सगंज से धनेश्वर गौतम को टिकट दिया है।

भाजपा से इस्तीफा देने वाले नेताओं को भी टिकट

बसपा ने इस सूची में उन नामों पर भरोसा जताया है जो पिछले दिनों भाजपा से इस्तीफा देकर पार्टी का दामन थाम लिया था। बसपा ने लखीमपुर खीरी के मोहम्मदी निवासी श्याम किशोर अवस्थी को धौरहरा से मैदान में उतारा है। अंबेडकरनगर से भाजपा नेता रहे सच्चिदानंद को फैजाबाद (अयोध्या) से मैदान में उतारा है। वहीं 3 दशकों तक भाजपा की राजनीति में सक्रिय रहे दयाशंकर मिश्रा को बसपा ने बस्ती से टिकट दिया है। 6 दिन पहले ही दयाशंकर भाजपा से इस्तीफा देकर बसपा में शामिल हुए थे।

आजमगढ़ सीट पर पूर्व प्रदेश अध्यक्ष भीम राजभर पर लगाया दांव

9 सीटों में सबसे अहम आजमगढ़ की सीट मानी जा रही है। बसपा ने इस सीट पर पूर्व प्रदेश अध्यक्ष भीम राजभर पर दांव लगाया है। अभी तक आजमगढ़ सीट से शाह आलम उर्फ गुड्डू जमाली को बीएसपी टिकट देती रही है, लेकिन जमाली हाल ही में पार्टी छोड़कर सपा में शामिल हो गए।

ब्राह्मण वोट बैंक को साधने की कोशिश

गौरतलब बात है कि इन 9 सीटों में सिर्फ एक ही सीट पर बसपा ने मुस्लिम चेहरे को उम्मीदवार बनाया है। 3 ब्राह्मण प्रत्याशी को मैदान में उतारा है। ऐसे में कहा जा सकता है कि मायावती ने इस चौथी सूची में ब्राह्मण वोट बैंक को साधने की कोशिश की है। पार्टी ने पिछड़ों को भी भरपूर मौका दिया है।

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