लोकसभा चुनाव की गहमागहमी के बीच बिहार में इस बार भी ‘बाहुबली’ एक्शन में नजर आने लगे हैं। सजायाफ्ता होने या कुछ और वजहों से कई ऐसे हैं जो खुद चुनाव नहीं लड़ सकते हैं। ऐसे में पिछले चुनावों की तरह इस बार भी कई ऐसे बाहुबली हैं जिन्होंने अपनी पत्नियों को चुनावी मैदान में उतार दिया है। राजनीतिक पार्टियों को भी बाहुबली की पत्नी को चुनावी मैदान में उतारने का फॉर्मूला हिट नजर आ रहा है।
हालांकि, ये साफ देखा जा सकता है और समझना मुश्किल नहीं है कि पर्दे के पीछे कौन खड़ा है। बाहुबली आनंद मोहन सिंह की पत्नी लवली आनंद से लेकर अवधेश मंडल की पत्नी बीमा भारती और अशोक महतो की पत्नी अनिता महतो कुछ ऐसे नाम हैं, जो इस बार चुनावी मैदान में हैं। जानिए, इस चुनाव में कौन किस सीट पर ताल ठोक रहा है।
मुंगेर से अशोक महतो की पत्नी अनीता मैदान में, हाल में हुई शादी
मुंगेर से लालू यादव की पार्टी राष्ट्रीय जनता दल (राजद) ने अशोक महतो की पत्नी अनीता को टिकट दिया है। इसी सीट पर जेडीयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के करीबी माने जाने वाले राजीव रंजन उर्फ ललन सिंह मैदान में हैं। दिलचस्प बात ये है कि 17 साल तक जेल में रहने वाले और पिछले ही साल बाहर आए 55 साल के अशोक महतो ने पिछले ही महीने अशुभ माने जान वाले खरमास में 46 साल की अनीता से शादी की। इस शादी के एक दिन बाद ही आरजेडी की ओर से अनीता को टिकट दे दिया गया। जाहिर तौर पर शादी इसलिए ही की गई कि टिकट दिया जा सके और अशोक महतो पर्दे के पीछे खड़ा रहे।
बात अशोक महतो की करें तो उसका पुराना आपराधिक रिकार्ड रहा है। उस पर कई मुकदमे दर्ज हैं। 1990 के दशक और 2000 के दशक की शुरुआत में नवादा, लखीसराय और शेखपुरा क्षेत्र में अशोक महतो की तूती बोलती थी। 17 साल तक जेल में रहने के बाद पिछले ही साल नवंबर में वह बाहर निकला था। पत्थर के अवैध उत्खनन सहित गैंगवार और दर्जनों लोगों की हत्या का आरोप अशोक महतो पर है। मुंगेर में वोटिंग 13 मई को होगी।
अशोक महतो की शादी ने बिहार के 2011 के उस वाकये की भी याद दिला दी जब सिवान के दरौंदा विधानसभा क्षेत्र के उपचुनाव से ठीक पहले बाहुबली अजय सिंह ने कविता सिंह से ब्याह रचाया था। तब अजय सिंह की मां जगमातो देवी के निधन के बाद यह शादी हुई थी और जेडीयू ने कविता सिंह को टिकट दिया। कविता सिंह वह चुनाव जीतने में सफल रही थीं। साल 2019 के लोकसभा चुनाव में भी कविता सिवान लोकसभा सीट से जीत हासिल करने में कामयाब रही थीं। हालांकि इस बार कविता सिंह को टिकट नहीं देकर सिवान से विजयलक्ष्मी देवी को मैदान में उतारा है।
पूर्णिया सीट से अवधेश मंडल की पत्नी बीमा भारती मैदान में
राजद ने पूर्णिया सीट से बीमा भारती को लोकसभा चुनाव में उतारा है। भारती पूर्णिया और कोसी क्षेत्र के डॉन माने जाने वाले अवधेश मंडल की पत्नी हैं। भारती जदयू के संतोष कुशवाहा को इस सीट से चुनौती देंगी। अवधेश मंडल पर भी हत्या और किडनैपिंग के मामले समेत दर्जनों केस हैं। वैसे भारती पूर्णिया लोकसभा क्षेत्र के अंतर्गत आने वाले रूपौली से पांच बार विधायक भी रही हैं। साथ ही राज्य में मंत्री भी रही हैं। बीमा भारती जदयू में भी रह चुकी हैं।
इसके अलावा इसी सीट से निर्दलीय चुनाव लड़ रहे राजेश रंजन उर्फ पप्पू यादव भी हैं। उन पर भी कई आपराधिक मामले हैं। साल 2019 के लोकसभा चुनाव के समय दिए गए हलफनामे में उनके खिलाफ 31 आपराधिक मामलों का जिक्र था। पप्पू यादव और बाहुबली आनंद मोहन के बीच टकराव भी 90 के दशक में खूब चर्चा में रहता था। पूर्णिया में 26 अप्रैल को वोट डाला जाना है।
शिवहर से आनंद मोहन की पत्नी लवली आनंद
राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) की ओर से जदयू ने शिवहर लोकसभा सीट पर आनंद मोहन सिंह की पत्नी लवली आनंद को मैदान में उतारा है। लवली आनंद एक बार सांसद (1994) और दो बार विधायक रह चुकी हैं। इनके पति आनंद मोहन दिसंबर 1994 में गोपालगंज के तत्कालीन जिला मजिस्ट्रेट जी. कृष्णैया की हत्या के लिए दोषी ठहराए गए थे। आनंद मोहन भी 1996 और 1998 में शिवहर से दो बार सांसद रह चुके हैं।
16 साल जेल में काटने के बाद0 नीतीश कुमार सरकार द्वारा कथित तौर पर जेल मैनुअल में बदलाव के बाद पिछले साल आनंद मोहन की रिहाई हुई थी। इसे लेकर तब खूब विवाद भी हुआ था। इनके बड़े बेटे चेतन आनंद शिवहर विधानसभा सीट से राजद विधायक हैं, लेकिन हाल ही में नीतीश सरकार के विश्वास मत के दौरान उन्होंने दो अन्य राजद विधायकों के साथ जदयू के पक्ष में मतदान किया था। शिवहर में छठे चरण में 25 मई को मतदान होना है।
सिवान में हिना शहाब दे रही चुनौती
सिवान का जिक्र आते ही शहाबुद्दीन की भी बात आ ही जाती है। सिवान के एक व्यवसायी चंदा बाबू के तीन बेटों की जघन्य हत्या का आरोप शहाबुद्दीन पर लगा था। इसमें दो बेटों पर तेजाब डाल कर मारा गया था। इसके अलावा भी वसूली, मर्डर, किडनैपिंग, गैरलाइसेंसी हथियार रखने जैसे कई मामले शहाबुद्दी से जुड़े थे। नीतीश सरकार के आने के बाद शहाबुद्दीन की मुश्किलें बढ़ी और 2021 में जेल में सजा काटने के दौरान खराब स्वास्थ्य से मौत हो गई। हालांकि शहाबुद्दीन के जेल में रहने के दौरान ही पत्नी हिना शहाब ने राजद के टिकट पर राजनीति में किस्मत आजमाना शुरू कर दिया था लेकिन हमेशा उन्हें नाकामी हाथ लगी। इस बार वे बतौर निर्दलीय मैदान में हैं।