नई दिल्लीः सरकार ने 41 आम दवाओं और दिल की बीमारी, शुगर, और दूसरी बीमारियों से जुड़ी 6 दवाओं की कीमतों में कटौती कर दी है। सरकार ने दवाओं की सूची भी जारी की है। इन दवाओं में शुगर की दवाइयां, दर्द निवारक, दिल की दवाइयां, लिवर की दवाइयां, एसिडिटी की दवाइयां, इंफेक्शन की दवाइयां, एलर्जी की दवाइयां, मल्टीविटामिन और एंटीबायोटिक दवाएं शामिल हैं। यह जानकारी दवा विभाग और दवा की कीमतें तय करने वाली संस्था राष्ट्रीय औषध मूल्य निर्धारण प्राधिकरण (एनपीपीए) ने दी है।
भारत में करोड़ों शुगर के मरीज हैं और दुनिया में सबसे ज्यादा शुगर के मामले यहीं हैं। इस कटौती से दवाइयों पर निर्भर रहने वाले मरीजों को बहुत फायदा होगा।
एनपीपीए के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि दवाओं की कीमतें बदलना दवाओं को नियंत्रित करने वाली संस्था (एनपीपीए) के लिए एक नियमित काम है। हम यह सुनिश्चित करते हैं कि जरूरी दवाओं की कीमतें एक सीमा से ज्यादा न बढ़ें और आम लोगों के लिए आसानी से खरीदी जा सकें।
‘डापाग्लिफ्लोजिन मेटफोर्मिन हाइड्रोक्लोराइड’ की कीमत हुई आधी
उदाहरण के लिए, “डापाग्लिफ्लोजिन मेटफोर्मिन हाइड्रोक्लोराइड” नाम की दवा, जो खून में शुगर की मात्रा को कम करने के लिए ली जाती है, की कीमत पहले 30 रुपए प्रति गोली थी, जिसे घटाकर अब 16 रुपए प्रति गोली कर दी गई है।इसी तरह दमा की दवा “बुडेसोनाइड और फॉर्मोटेरोल” के कॉम्बिनेशन की कीमत भी कम कर दी गई है। एक खुराक की कीमत अब 6.62 रुपए हो गई है। जो आमतौर पर 120 खुराक वाली एक बोतल 3,800 रुपए में आती है।
इसी तरह ब्लड प्रेशर में दी जाने वाली हाईड्रोक्लोरोथियाजाइड गोली की कीमत अब 11.07 रुपए से घटाकर 10.45 रुपए कर दी गई है। इंफेक्शन की दवा सेफ्टाजिडाइम और एविबैक्टम (सोडियम साल्ट के रूप में) पाउडर की कीमत पहले 4000 रुपए थी, जिसे घटाकर 1569.94 रुपए प्रति शीशी कर दी गई है।
कोलेस्ट्रॉल कम करने वाली दवा भी हुई सस्ती
एंटीऐसिड दवा “एंटीगैस जेल” भी अब सस्ती हो गई है। एनपीपीए के नोटिस के अनुसार, इसकी कीमत 2.57 रुपए प्रति 1 मिलीलीटर से घटाकर 0.56 रुपए प्रति 1 मिलीलीटर कर दी गई है। कोलेस्ट्रॉल कम करने वाली दवा “एटोरवास्टेटिन, क्लोपिडोग्रेल और एस्पिरिन” कैप्सूल की कीमत अब 30 रुपए की जगह 13.84 रुपए प्रति कैप्सूल हो गई है।
इसी तरह जख्म साफ करने वाली दवा “पोविडोन-आयोडीन और ऑर्निडाजोल” मलहम की कीमत पहले 70 रुपए प्रति 15 मिलीग्राम थी, जिसे घटाकर 4 रुपए प्रति 1 ग्राम कर दी गई है। बुखार और दर्द की दवा “आइबुप्रोफेन और पैरासिटामोल” की गोली की कीमत अब 6 रुपए की जगह 1.59 रुपए प्रति गोली हो गई है।
पहले, मल्टीविटामिन और एंटीबायोटिक दवाओं की ऊंची कीमतें आम इलाज की कुल लागत को बढ़ा देती थीं। पिछले महीने, दवा विभाग ने 923 जरूरी दवाओं की सालाना संशोधित सीमा कीमतें और 65 दवाओं की संशोधित खुदरा मूल्य जारी किए, जो 1 अप्रैल से लागू हैं।
एनपीपीए की 143वीं बैठक में लिया गया यह फैसला
गौरतलब है कि राष्ट्रीय आवश्यक दवाओं की सूची (NLEM) में शामिल दवाओं की सीमा और खुदरा कीमतों में यह बदलाव थोक मूल्य सूचकांक (डब्ल्यूपीआई) में बदलाव के आधार पर किया गया है। दवाओं की कीमतें तय करने वाली संस्था एनपीपीए की 143वीं बैठक में यह फैसला लिया गया। एनपीपीए ने इसी साल के शुरू में शुगर और हाई ब्लड प्रेशर की 69 दवाओं की कीमतें घटा दी थीं।
दवाओं का मूल्य निर्धारण कैसे होता है?
दवाओं की कीमतों का निर्धारण राष्ट्रीय औषध मूल्य निर्धारण प्राधिकरण (एनपीपीए) करता है। इसकी स्थापना साल 1997 में औषधि (मूल्य नियंत्रण) अधिनियम, 1995 के तहत की गई थी। एनपीपीए थोक और खुदरा दोनों की कीमतों का निर्धारण करता है। स्वास्थ्य मंत्रालय मूल्य विनियमन के लिए योग्य दवाओं की सूची तैयार करता है। इसके बाद फार्मास्युटिकल विभाग उन्हें डीपीसीओ (ड्रग्स मूल्य नियंत्रण आदेश, 1995-2013 ) की अनुसूची 1 में शामिल करता है। एनपीपीए इस सूची में दवाओं की कीमतें तय करता है। अनुसूचित दवाओं (जो बाजार का 15% हिस्सा हैं) की कीमतों में संशोधन थोक मूल्य सूचकांक (डब्ल्यूपीआई) के अनुसार वृद्धि की अनुमति है। शेष 85% दवाओं के लिए, 10% की स्वचालित वार्षिक वृद्धि की अनुमति है।