मंगलुरु: कांग्रेस एमएलसी इवान डिसूजा ने सोमवार को विवादित बयान दिया। उन्होंने कर्नाटक के राज्यपाल थावरचंद गहलोत को चेतावनी देते हुए कहा कि अगर वह अपने आदेश को वापस नहीं लेते हैं तो उन्हें कर्नाटक छोड़कर भागना पड़ेगा।

कांग्रेस नेता ने क्या कहा है

इवान डिसूजा ने कहा कि यदि राज्यपाल मुदा घोटाला मामले में सीएम सिद्धारमैया के खिलाफ जांच के आदेश को वापस नहीं लेते हैं या राष्ट्रपति उन्हें वापस लेने के लिए नहीं कहते हैं, तो कर्नाटक में भी बांग्लादेश जैसी स्थिति होगी। जहां की प्रधानमंत्री बीते दिनों देश छोड़कर भाग गई थी।

डिसूजा ने आगे कहा कि अगली बार हम गवर्नर ऑफिस जाकर विरोध-प्रदर्शन करेंगे। हम वैसे ही करेंगे जैसे बांग्लादेश में प्रदर्शनकारी पीएम हाउस में प्रवेश कर गए थे और शेख हसीना को अपना घर, पद और देश छोड़कर भागना पड़ा था। डिसूजा के इस बयान के बाद सियासी सरगर्मी तेज हो गई है।

मामले में एक्टिविस्ट ने राज्यपाल से किया था आग्रह

बता दें कि मैसूर शहरी विकास प्राधिकरण (मुदा) जमीन आवंटन मामले में सीएम सिद्धारमैया के खिलाफ शिकायत दर्ज करने के लिए एक एक्टिविस्ट ने राज्यपाल से आग्रह किया था। आरटीआई कार्यकर्ता की ओर से दायर शिकायत के आधार पर राज्यपाल ने सीएम सिद्धारमैया के खिलाफ केस चलाने की मंजूरी दी है।

हाई कोर्ट तक पहुंच गया है यह मामला

हालांकि, सीएम सिद्धारमैया ने राज्यपाल थावरचंद गहलोत द्वारा अपने खिलाफ दिए गए जांच के आदेश को हाई कोर्ट में चुनौती दी है। उन्होंने एक रिट याचिका दायर कर जांच के आदेश को रद्द करने की मांग की।

सिद्धारमैया ने इस पूरे मामले को राजनीति से प्रेरित बताते हुए अपनी बेगुनाही पर जोर देते हुए कहा कि 40 साल के राजनीतिक करियर में उनके ऊपर भ्रष्टाचार का कोई इतिहास नहीं है।

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क्या है मुदा जमीन आवंटन मामला

उल्लेखनीय है कि मैसूर शहरी विकास प्राधिकरण (मुदा) घोटाला मामला करीब पांच हजार करोड़ रुपये का है। मुख्यमंत्री सिद्धारमैया पर भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप हैं। बताया जा रहा है कि उनकी पत्नी पार्वती को मैसूर विकास प्राधिकरण (मुदा) में एक घोटाले में फायदा हुआ था।

विपक्ष का आरोप है कि सिद्धारमैया की पत्नी को शहर के एक दूरदराज इलाके में 3.40 एकड़ जमीन के अधिग्रहण के बदले वैकल्पिक भूखंड दिए गए। उस जमीन की बाजार कीमत उनकी अपनी जमीन से ज्यादा है।

(समाचार एजेंसी IANS की रिपोर्ट)