लंदन, सिंगापुर की तरह दिल्ली में भी लग सकता है कंजेशन टैक्स, जानें किन गाड़ियों को देना होगा और किन्हें मिलेगी छूट

लंदन और सिंगापुर जैसे शहरों में टैक्स के लागू होने के कारण गाड़ियों की आवाजाही में कमी देखने को मिली है जिससे वहां के हवाओं के गुणवत्ता में भी सुधार हुआ है।

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Like London and Singapore, congestion tax may be imposed in Delhi using fastag anpr know which vehicles pay tax and who will get exemption

प्रतीकात्मक तस्वीर (फोटो- IANS)

नई दिल्ली: ट्रैफिक जाम और प्रदूषण से निपटने के लिए दिल्ली में एक नया टैक्स लागू करने की तैयारी की जा रही है। इस टैक्स को सड़कों पर भीड़ को कम करने के लिए लागू करने की तैयारी हो रही है जिसे कंजेशन टैक्स कहा जा रहा है।

दिल्ली सरकार द्वारा यह टैक्स भीड़ भाड़ वाले यानी व्यस्ततम समय (पीक आवर्स) में शहर में प्रवेश करने वाली गाड़ियों से वसूला जाएगा। यह टैक्स टोल प्लाजा पर लगे फास्टटैग (FASTag) और ऑटोमेटिक नंबर प्लेट पहचान (एएनपीआर-ANPR) तकनीक के जरिए चार्ज किया जाएगा।

इससे नोएडा, गाजियाबाद, फरीदाबाद, गुरुग्राम समेत दूसरे शहरों से दिल्ली आने वाली गाड़ियों से वसूला जाएगा। योजना के तहत सरकार भारी यातायात वाले 13 प्रमुख एंट्री प्वाइंट पर इस टैक्स को लागू करने जा रही है।

इसे दो टाइम स्लॉट में लागू करने की योजना है- पहला स्लॉट सुबह आठ बजे से लेकर दिन के 10 बजे तक चलेगा और दूसरा स्लॉट शाम 5:30 बजे से लेकर 7:30 बजे तक लागू होगा।

टैक्स के जरिए सरकार का उद्देश्य दिल्ली में व्यस्ततम समय के दौरान नीजि गाड़ियों की एंट्री को कम करना और लोगों के बीच पब्लिक ट्रांसपोर्टों के इस्तेमाल को बढ़ावा देना है। इसके साथ ही लोगों को इलेक्ट्रिक वाहनों पर स्विच करने के लिए उन्हें प्रोत्साहित करने का भी लक्ष्य है।

ई-गाड़ियां और इलेक्ट्रिक वाहनों को बढ़ावा देने के सरकार के प्रयासों के तहत बाइक, मोटरसाइकल और अन्य इलेक्ट्रिक गाड़ियों से यह टैक्स वसूला नहीं जाएगा। यही नहीं नए टैक्स के जरिए BS6 उत्सर्जन मानकों को पूरा करने वाले वाहनों कुछ और भी सुविधा मिल सकती है।

विदेश में भी पहले लागू हो चुका है कंजेशन टैक्स

दिल्ली में जिस कंजेशन टैक्स लागू होने की बात सामने आ रही है, इससे पहले इस तरह के टैक्स विदेश में भी लागू हो चुके हैं। लंदन और सिंगापुर जैसे शहरों में यह मॉडल पहले ही सफल साबित हो चुका है। इसे अब दिल्ली में टेस्ट करने की तैयारी की जा रही है।

टैक्स के लागू होने के कारण लंदन और सिंगापुर जैसे शहरों में गाड़ियों की आवाजाही में कमी आई है जिससे वहां के हवाओं के गुणवत्ता में भी सुधार देखने को मिला है।

भारत में पहले भी लागू हो चुका है कंजेशन टैक्स

इससे पहले भारत में यह टैक्स दो बार लागू हो चुका है। सबसे पहले साल 2009 में यह टैक्स लागू हुआ था। दिल्ली की तत्कालीन मुख्यमंत्री शीला दीक्षित ने यह टैक्स लागू करने की बात कही थी लेकिन कुछ कारणों के चलते ऐसा नहीं हो पाया था।

उस समय दिल्ली की सरकार नीजि गाड़ियों की संख्या को कम और पब्लिक ट्रांसपोर्टों को बढ़ावा देने के लिए यह टैक्स लागू करना चाहती थी।

इसके बाद साल 2018 में इस तरह के टैक्स को लागू करने की योजना बनाई गई थी। इसके लिए दिल्ली के कुल 21 हाई ट्रैफिक वाले जोन को टारगेट किया गया था जिसमें हौज खास मेट्रो, आईटीओ चौराहा और अरबिंदो चौक-अंधेरिया मोर मार्ग जैसे प्रमुख क्षेत्र शामिल थे। लेकिन इस बार भी इसे कुछ कारणों के चलते लागू नहीं किया जा सका था।

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