दिल्ली: केंद्र सरकार ने लेफ्टिनेंट जनरल उपेन्द्र द्विवेदी को अगला सेना प्रमुख नियुक्त किया है। इससे पहले हाल में सरकार की ओर से एक असामान्य कदम के तहत वर्तमान सेना प्रमुख जनरल मनोज पांडे का कार्यकाल एक महीने के लिए बढ़ाया गया था। जनरल मनोज पांडे 31 मई को सेवानिवृत्त होने वाले थे। कार्यकाल बढ़ाने के फैसले के करीब ठीक दो सप्ताह बाद नए सेना प्रमुख के नाम की घोषणा मंगलवार को की गई।
बहरहाल, लेफ्टिनेंट जनरल द्विवेदी अब 30 जून से नया पद संभालेंगे। पूर्व में नॉर्दर्न आर्मी कमांडर रहे जनरल द्विवेदी वर्तमान में सेना में सबसे वरिष्ठ अधिकारी है। यही आम तौर पर होता है कि सबसे वरिष्ठ सेना कमांडर या आर्मी वाइस चीफ को सेना अध्यक्ष बनाया जाता है। नियमों के अनुसार सेना प्रमुख नियुक्ति के तीन वर्ष पूरे होने पर या 62 साल के होने पर, जो भी पहले हो, सेवानिवृत्त हो जाते हैं।
जनरल पांडे के कार्यकाल को उनकी सेवानिवृत्ति से बमुश्किल एक सप्ताह पहले एक महीने के लिए बढ़ाने के सरकार के फैसले के बाद यह अटकलें थीं कि वह सेना प्रमुख के चयन पर निर्णय लेने के लिए अगली सरकार के लिए विकल्प खुले रखना चाहती है।
लेफ्टिनेंट जनरल उपेंद्र द्विवेदी के बारे में जानिए
1 जुलाई 1964 को जन्मे लेफ्टिनेंट जनरल द्विवेदी को 15 दिसंबर 1984 को सेना की इन्फैंट्री (जम्मू और कश्मीर राइफल्स) में नियुक्त किया गया था। करीब चार दशकों की अपनी लंबी और प्रतिष्ठित सेवा के दौरान उन्होंने विभिन्न कमांड, स्टाफ और विदेशी नियुक्तियों में काम किया है। पाकिस्तान और चीन की सीमा पर काम करने का उनका लंबा अनुभव है।
वाइस चीफ ऑफ आर्मी स्टाफ के रूप में नियुक्त होने से पहले उन्होंने 2022-2024 तक महानिदेशक इन्फेंट्री और जनरल ऑफिसर कमांडिंग इन चीफ (मुख्यालय उत्तरी कमान) के रूप में भी काम किया है। लेफ्टिनेंट जनरल द्विदेवी सैनिक स्कूल रीवा, नेशनल डिफेंस कॉलेज और यूएस आर्मी वॉर कॉलेज के छात्र रहे हैं। इनके पास रक्षा और प्रबंधन अध्ययन में एम फिल और स्ट्रैटेजिस स्टडीज और मिलिट्री साइंस में दो मास्टर डिग्री हैं। लेफ्टिनेंट जनरल द्विवेदी अपने करीब चार दशक के करियर में शानदार काम के लिए कई प्रतिष्ठित पुरस्कारों से सम्मानित किए जा चुके हैं। इनमें परम विशिष्ट सेवा मेडल (पीवीएसएम), अति विशिष्ट सेवा मेडल (एवीएसएम), और तीन जीओसी-इन-सी कमेंडेशन कार्ड शामिल हैं।