IAS कोचिंग सेंटर: बेसमेंट में अवैध रूप से चल रही थी लाइब्रेरी, डोर बायोमेट्रिक खराब होने के बाद...जानें चश्मदीदों ने क्या कहा?

विरोध कर रहे छात्रों ने यह भी मांग की है कि एमसीडी कर्मचारी उनके पास आएं और अपना बयान वापस लें जिसमें उन लोगों ने इसे एक प्राकृतिक आपदा बताया है। उनका कहना है कि है ये उनकी लापरवाही के कारण हुआ है।

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दिल्ली कोचिंग सेंटर हादसा (फोटो- IANS)

नई दिल्ली: दिल्ली के राजेंद्र नगर इलाके में स्थित राव (Rao) आईएस कोचिंग इंस्टीट्यूट के बेसमेंट में अचानक बारिश के पानी भर जाने से तीन छात्रों की मौत हो गई है। ये छात्र बेसमेंट में यूपीएससी की तैयारी के लिए वहां मौजूद थे तभी यह घटना घटी है।

मृतकों में दो छात्राएं और एक छात्र शामिल हैं। इंस्टीट्यूट पर आरोप है कि वह बेसमेंट को लाइब्रेरी के तौर पर इस्तेमाल कर रहा था जिसकी इजाजत नहीं दी गई थी। एक चश्मदीद ने दावा किया है कि डोर बायोमेट्रिक के खराब हो जाने के कारण यह हादसा हुआ है।

घटना को लेकर आपराधिक मामला दर्ज किया गया है और कोचिंग सेंटर बिल्डिंग के मालिक और को-ऑर्डिनेटर को हिरासत में लिया गया है। मामले की आगे जांच भी की जा रही है।

घटनास्थल पर मौजूद छात्र विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं और वे लोग एमसीडी और कोचिंग सेंटर के डायरेक्टर से हादसे को लेकर उनकी सफाई देने की मांग कर रहे हैं। वे लोग इंस्टीट्यूट से पांच करोड़ मुआवजे की भी मांग कर रहे हैं।

छात्रों ने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को भी पत्र लिखा है। उन्होंने कोचिंग इंस्टीट्यूट और एमसीडी के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने की भी मांग की है।

स्टोरेज के एनओसी पर लाइब्रेरी चला रहा था इंस्टीट्यूट

इंस्टीट्यूट को इसी साल जुलाई में दिल्ली अग्निशमन विभाग और एमसीडी से फायर एनओसी मिली थी। फायर एनओसी के मुताबिक, बिल्डिंग के बेसमेंट को पार्किंग और स्टोरेज के तौर पर इस्तेमाल करने की इजाजत दी गई थी लेकिन इंस्टीट्यूट इसे अवैध रूप से लाइब्रेरी के तौर पर इस्तेमाल कर रहा था।

दावा है कि घटना के वक्त बेसमेंट में करीब 30 से 35 छात्र मौजूद थे। फायर एनओसी और घटना से पता चला है कि नियनों का उलंघन कर बेसमेंट में लाइब्रेरी बनाई गई है।

बायोमेट्रिक की वजह से हुआ है हादसा-चश्मदीद का दावा

घटना को लेकर एक रिपोर्ट में एक चश्मदीद ने यह दावा किया है कि हादसे के पीछे कोचिंग सेंटर के बेसमेंट में लगा बायोमेट्रिक है। उसका दावा है कि इंस्टीट्यूट के बेसमेंट में बायोमेट्रिक लगा हुआ है जिससे बिना अंगूठा लगाए बाहर निकलना और अंदर जाना संभव नहीं था।

चश्मदीद ने दावा किया है कि पानी भरने से बायोमेट्रिक की मशीन खराब हो गई थी जिससे कोई भी बाहर नहीं निकल सका था और यह घटना घट गई है।

घटना से जुड़ी बड़ी-बातें

- मृतक छात्रों की पहचान 25 साल की तानिया सोनी, 25 साल की श्रेया यादव और नेविन डाल्विन के रूप में हुई है।
- दिल्ली पुलिस के मुताबिक, श्रेया यादव यूपी के अंबेडकरनगर की रहने वाली थी। जबकि तान्या सोनी तेलंगाना और नेविन डालविन केरल के एर्नाकुलम का रहने वाला था।
- सेंट्रल दिल्ली के डीसीपी एम. हर्षवर्धन ने कहा है कि घटना को लेकर राजेंद्र नगर थाने में धारा 105, 106 (1), 115 (2), 290 और 35 के तहत एफआईआर दर्ज की गई है।
- दिल्ली सरकार की मंत्री आतिशी ने मुख्य सचिव को घटना की मजिस्ट्रेट जांच शुरू करने और 24 घंटे के भीतर रिपोर्ट देने का निर्देश दिया है।
- छात्रों ने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को पत्र लिखकर कोचिंग इंस्टीट्यूट में सुरक्षा के मद्देनजर सुरक्षा उपायों की जांच कराए जाने की मांग उठाई है। उन्होंने कहा कि विभिन्न इमारतों में अवैध तरीके से चल रहे इंस्टीट्यूट को भी बंद कराने की मांग की है।
- विरोध कर रहे छात्रों का कहना है कि घटना को लेकर एमसीडी ने कुछ नहीं किया है और कहा कि यह एक प्राकृतिक आपदा है।
- उनकी मांग है कि मामले में राउ के डायरेक्टर को सामने आना चाहिए और इसे लेकर उन्हें अपना बयान भी देना चाहिए।
- यही नहीं विरोध कर रहे छात्रों ने यह भी मांग की है कि एमसीडी कर्मचारी यहां आएं और अपना बयान वापस लें जिसमें उन लोगों ने इसे एक प्राकृतिक आपदा बताया है। उनका कहना है कि है ये उनकी लापरवाही के कारण हुआ है।
- छात्रों ने मुआवजे के तौर पर पांच करोड़ की भी मांग की है।

मृतकों के घरवाले पहुंचे हैं अस्पताल

घटना की जानकारी मृतक छात्रों के घरवालों की दे दी गई है। श्रेया यादव का रिश्तेदार धर्मेंद्र यादव राम मनोहर लोहिया अस्पताल में मौजूद हैं। तानिया सोनी और नेविन डाल्विन के घर वाले भी अस्पताल पहुंच चुके हैं।

मामले में श्रेया यादव के रिश्तेदार धर्मेंद्र यादव ने कहा, "मुझे कोचिंग संस्थान या प्रशासन से आधिकारिक तौर पर कोई जानकारी नहीं मिली। मैंने खबर देखी और वहां पहुंचा, मैं मुर्दाघर गया और उनसे पहचान के लिए चेहरा दिखाने को कहा लेकिन उन्होंने यह कहकर इनकार कर दिया कि यह पुलिस का मामला है। उन्होंने मुझे एक कागज दिखाया जिसमें उसका (श्रेया यादव) नाम लिखा था।"

धर्मेंद्र यादव ने आगे कहा, "जब छात्रों के मृत होने की खबरें आने लगीं तब मैंने उसे (श्रेया यादव) फोन किया लेकिन उसका फोन बंद आ रहा था। तब कोचिंग संस्थान को फोन किया लेकिन वो भी बंद था, संस्थान का दूसरा नंबर लगाया तब किसी ने उठाया तो उन्होंने कहा कि हां यहां पर बचाव अभियान चल रहा है। घटना में दो की मौत हुई है लेकिन नाम तो नहीं बताऊंगा मेरी मांग है कि कोचिंग इंस्टीट्यूट के मालिक के खिलाफ गैर इरादतन हत्या का मामला दर्ज किया जाना चाहिए।"

समाचार एजेंसी आईएएनएस के इनपुट के साथ

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