कोच्चि तट के पास लाइबेरियाई कंटेनर जहाज ‘MSC Elsa 3’ डूबा, सभी 24 क्रू सदस्य सुरक्षित; हाई अलर्ट पर भारतीय तटरक्षक बल

जहाज पर 640 कंटेनर थे, जिनमें से 13 में खतरनाक सामग्री और 12 में कैल्शियम कार्बाइड था। इसके अलावा, जहाज में 84.44 मीट्रिक टन डीजल और 367.1 मीट्रिक टन फर्नेस ऑयल था।

Indian Coast Guard, high alert after Liberian-flagged vessel sinks off Kochi coast,

कोच्चि: कोच्चि तट से लगभग 38 नॉटिकल मील दूर रविवार सुबह करीब 7:50 बजे लाइबेरिया का कंटेनर जहाज MSC Elsa 3 (IMO नंबर 9123221) डूब गया। घटना के बाद भारतीय तटरक्षक बल (आईसीजी) ने क्षेत्र में हाई अलर्ट जारी कर दिया है और संभावित पर्यावरणीय नुकसान पर कड़ी नजर रखी जा रही है।

इस जहाज़ पर सवार सभी 24 चालक दल के सदस्य सुरक्षित बचा लिए गए हैं। इनमें से 21 को भारतीय तटरक्षक बल और 3 को भारतीय नौसेना के पोत आईएनएस सुजाता ने रेस्क्यू किया। चालक दल में एक रूसी कप्तान, दो यूक्रेनी, एक जॉर्जियाई और 20 फिलीपीन नागरिक शामिल थे।

कैसे हुआ हादसा?

लाइबेरिया का कंटेनर जहाज एमएससी एल्सा 3 शुक्रवार को विशाखापत्तनम से कोच्चि के लिए रवाना हुआ था। 24 मई को दोपहर 1:25 बजे जहाज़ से खराबी की पहली सूचना मिली थी। उस वक्त जहाज़ कोच्चि से करीब 38 नॉटिकल मील दूर था और 26 डिग्री दाईं ओर झुक गया था। इसके डूबने की आशंका के बीच शिपिंग कंपनी क्रू से संपर्क नहीं कर सकी और तत्काल आईसीजी से सहायता मांगी गई।

आईसीजी ने कोच्चि स्थित समुद्री बचाव उपकेंद्र से डोर्नियर विमान रवाना किया, जिसने जहाज़ की हवाई निगरानी की और दो लाइफ राफ्ट्स को समुद्र में देखा जिनमें क्रमशः 5 और 4 लोग सवार थे। विमान ने अतिरिक्त लाइफ राफ्ट हवा से गिराए। इसके बाद आईसीजी जहाज ‘अर्नवेश’ ने 12 अन्य लोगों को सुरक्षित बाहर निकाला, जबकि एमवी हान यी नामक व्यापारिक पोत ने 9 लोगों को बचाया। आईएनएस सुजाता भी इस बहुस्तरीय बचाव अभियान का हिस्सा रहा।

पर्यावरणीय खतरा और सावधानी

डूबे जहाज पर 640 कंटेनर लदे थे, जिनमें से 13 में खतरनाक रसायन और 12 में कैल्शियम कार्बाइड भरा था। इसके अलावा जहाज में 84.44 मीट्रिक टन डीजल और 367.1 मीट्रिक टन फर्नेस ऑयल भी मौजूद था।

संभावित तेल रिसाव को रोकने के लिए भारतीय तटरक्षक बल ने अपने प्रदूषण नियंत्रण पोत ‘सक्षम’ को तैनात किया है। इसके साथ ही तेल की सतह पर उपस्थिति की निगरानी के लिए उन्नत तकनीक वाले विमान भी लगाए गए हैं। अब तक किसी तेल रिसाव की पुष्टि नहीं हुई है।

केरल की पर्यावरणीय रूप से संवेदनशील तटरेखा और पर्यटन महत्व को देखते हुए आईसीजी स्थिति पर करीबी निगरानी बनाए हुए है। तटरक्षक बल का कहना है कि किसी भी प्रकार के समुद्री प्रदूषण को रोकने के लिए सभी आवश्यक कदम उठाए जा रहे हैं।

यह भी पढ़ें
Here are a few more articles:
Read the Next Article