मुख्य निर्वाचन आयुक्त ज्ञानेश कुमार ने अधिकारियों को राजनीतिक दलों के साथ नियमित बैठकें करने का दिया आदेश

मुख्य निर्वाचन आयुक्त ने अधिकारियों को यह सुनिश्चित करने का निर्देश दिया कि सभी पात्र नागरिक, जो 18 वर्ष या उससे अधिक उम्र के हैं, संविधान के अनुच्छेद 325 और 326 के तहत मतदाता के रूप में पंजीकृत हों।

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मुख्य निर्वाचन आयुक्त ज्ञानेश कुमार। Photograph: (IANS)

नई दिल्लीः विपक्षी दलों के हालिया आरोपों के बीच, चुनाव आयोग ने चुनाव प्रक्रिया में पारदर्शिता और जवाबदेही सुनिश्चित करने के लिए एक अहम कदम उठाया है। मंगलवार को मुख्य निर्वाचन आयुक्त (सीईसी) ज्ञानेश कुमार ने देशभर के चुनाव अधिकारियों को राजनीतिक दलों के साथ नियमित बैठकें आयोजित करने का निर्देश दिया। इसका उद्देश्य राजनीतिक दलों की चिंताओं को दूर करना और चुनावी प्रक्रिया को निष्पक्ष और पारदर्शी बनाना है।

सीईसी ज्ञानेश कुमार ने कहा कि सभी वैधानिक स्तरों पर राजनीतिक दलों के साथ नियमित बैठकें आयोजित की जानी चाहिए। इससे चुनाव प्रक्रिया से जुड़े मुद्दों को मौजूदा कानूनी ढांचे के तहत तेजी से सुलझाया जा सकेगा। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि किसी भी चुनावी कर्मचारी या अधिकारी को झूठे दावों के आधार पर भयभीत नहीं किया जाना चाहिए।

मतदाता पंजीकरण और पारदर्शिता पर जोर

मुख्य निर्वाचन आयुक्त ने अधिकारियों को यह सुनिश्चित करने का निर्देश दिया कि सभी पात्र नागरिक, जो 18 वर्ष या उससे अधिक उम्र के हैं, संविधान के अनुच्छेद 325 और 326 के तहत मतदाता के रूप में पंजीकृत हों। उन्होंने कहा कि मतदाता सूची में नाम जोड़ने की प्रक्रिया पूरी तरह पारदर्शी होनी चाहिए और इसके लिए बीएलओ (बूथ लेवल ऑफिसर) को मतदाताओं के साथ विनम्र व्यवहार करने का प्रशिक्षण दिया जाना चाहिए।

अधिकारियों को निर्देश दिया गया कि प्रत्येक मतदान केंद्र पर 800 से 1,200 मतदाताओं की उपस्थिति सुनिश्चित की जाए। साथ ही, मतदान केंद्रों को ग्रामीण क्षेत्रों में दो किलोमीटर के दायरे में स्थापित किया जाए, ताकि मतदाताओं को सुविधा मिल सके। शहरी क्षेत्रों में झुग्गी बस्तियों और बड़ी इमारतों में भी मतदान केंद्र बनाए जाएं, ताकि मतदान प्रतिशत को बढ़ावा दिया जा सके।

रिपोर्ट प्रस्तुत करने की समय सीमा

मुख्य निर्वाचन आयुक्त ने यह भी निर्देश दिया कि सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के सीईओ द्वारा 31 मार्च, 2025 तक विषय संबंधित की गई कार्रवाई की रिपोर्ट प्रस्तुत की जाए।

चुनाव आयोग ने पूरी चुनाव प्रक्रिया में शामिल 28 अलग-अलग हितधारकों की पहचान की है, जिनमें सीईओ, डीईओ, ईआरओ, राजनीतिक दल, उम्मीदवार और मतदान एजेंट शामिल हैं। इस सम्मेलन का उद्देश्य प्रत्येक हितधारक की क्षमता निर्माण को मजबूत करना है। यह पहली बार है जब प्रत्येक राज्य और संघ राज्य क्षेत्र से एक जिला शिक्षा अधिकारी (डीईओ) और एक ईआरओ इस सम्मेलन में हिस्सा ले रहे हैं।

नई दिल्ली में मंगलवार को चुनाव आयोग द्वारा सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के मुख्य चुनाव अधिकारियों (सीईओ) का दो दिवसीय सम्मेलन शुरू किया गया। यह सम्मेलन मुख्य निर्वाचन आयुक्त ज्ञानेश कुमार के कार्यभार संभालने के बाद पहली बार आयोजित किया गया है। इसमें चुनाव आयोग के आयुक्त डॉ. सुखबीर सिंह संधू और डॉ. विवेक जोशी ने भी हिस्सा लिया।

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