नई दिल्लीः मुंबई 26/11 आतंकी हमलों के अहम आरोपी ताहव्वुर राणा को अमेरिका से प्रत्यर्पित कर गुरुवार शाम भारत लाया गया। भारत पहुंचते ही उसे मेडिकल जांच के लिए ले जाया गया और फिर विशेष एनआईए जज चंदर जीत सिंह की अदालत में पेश किया गया, जहां उसकी हिरासत पर सुनवाई हुई।

इस बेहद संवेदनशील और बहुचर्चित मामले में राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) की ओर से दो वरिष्ठ कानूनी पेशेवरों ने पक्ष रखा- सीनियर एडवोकेट दयान कृष्णन और विशेष लोक अभियोजक नरेंद्र मान। वहीं, राणा की ओर से दिल्ली लीगल सर्विसेज अथॉरिटी के वकील पियूष सचदेवा ने बचाव पक्ष का प्रतिनिधित्व किया।

कौन हैं सीनियर एडवोकेट दयान कृष्णन?

सीनियर एडवोकेट दयान कृष्णन भारत के सुप्रीम कोर्ट में वरिष्ठ अधिवक्ता हैं। वे नेशनल लॉ स्कूल ऑफ इंडिया यूनिवर्सिटी (एनएलएसआईयू), बेंगलुरु की पहली बैच (1993) के स्नातक हैं। कानून की पढ़ाई पूरी करने के बाद उन्होंने सुप्रीम कोर्ट के जज और भारत के पूर्व सॉलिसिटर जनरल संतोष हेगड़े के साथ काम किया। 1999 तक उनके साथ काम करने के बाद उन्होंने स्वतंत्र प्रैक्टिस शुरू की।

दयान कृष्णन ने 2001 संसद हमले केस, कावेरी जल विवाद और दूरसंचार क्षेत्र से जुड़े कई महत्वपूर्ण मामलों में अपनी भूमिका निभाई है। उन्होंने 1999 में जस्टिस जेएस वर्मा आयोग के साथ भी काम किया। वर्ष 2012 के निर्भया सामूहिक बलात्कार और हत्या के बहुचर्चित मामले में वे विशेष लोक अभियोजक रहे।

देश के प्रमुख संस्थानों का हिस्सा रहे

उन्होंने भारत सरकार, एनआईए, सीबीआई, दिल्ली सरकार और दिल्ली पुलिस जैसी प्रमुख संस्थाओं का भी विभिन्न मामलों में प्रतिनिधित्व किया है। वे कॉमनवेल्थ गेम्स घोटाले, नेवी वॉर रूम लीक केस, डीडीए घोटाले, नीतिश कटारा हत्याकांड और सत्यं कंप्यूटर्स घोटाले जैसे मामलों में अभियोजन पक्ष के वकील रहे हैं।

2010 में उन्हें एनआईए का विशेष वकील नियुक्त किया गया था, और वे शिकागो जाकर डेविड हेडली से पूछताछ करने वाली टीम का हिस्सा भी रहे। 2011 में उन्होंने रवि शंकरण के यूके से प्रत्यर्पण मामले में भारत सरकार का प्रतिनिधित्व किया। 2012 में उन्होंने रेमंड वर्ली के गोवा बाल यौन शोषण केस में सीबीआई की ओर से पक्ष रखा। 2014 में वे ताहव्वुर राणा और डेविड हेडली के प्रत्यर्पण मामलों में विशेष लोक अभियोजक नियुक्त किए गए। उसी वर्ष दिल्ली हाईकोर्ट ने उन्हें सीनियर एडवोकेट का दर्जा दिया।

कौन हैं विशेष लोक अभियोजक नरेंद्र मान?

वहीं, विशेष लोक अभियोजक नरेंद्र मान भी एक अनुभवी और प्रभावशाली कानूनी पेशेवर हैं, जिन्होंने कई अहम मामलों में सीबीआई का प्रतिनिधित्व किया है। उन्होंने 2018 के चर्चित स्टाफ सेलेक्शन कमीशन (एसएससी) पेपर लीक घोटाले जैसे मामलों में अभियोजन का नेतृत्व किया। वे पहले भी एनआईए और अन्य केंद्रीय एजेंसियों की ओर से सरकार का पक्ष रख चुके हैं और अब ताहव्वुर राणा जैसे संवेदनशील आतंकी मामले में उनकी भूमिका अहम हो गई है।