नई दिल्लीः राउज एवेन्यू कोर्ट ने मंगलवार को जमीन के बदले नौकरी घोटाला मामले में तेज प्रताप यादव, हेमा यादव और अन्य आरोपियों को जमानत दे दी। ये सभी अदालत के समक्ष पेश हुए थे, जो उन्हें भेजे गए समन के तहत हुआ। इस दौरान लालू प्रसाद यादव, राबड़ी देवी और मीसा भारती ने अदालत में हाजिरी से छूट की अर्जी दी।
विशेष न्यायाधीश विशाल गोगने ने आरोपियों को 50,000 रुपये के निजी मुचलके और समान राशि के जमानत बांड पर रिहा करने का आदेश दिया। अदालत ने मामले की अगली सुनवाई के लिए 20 मार्च की तारीख तय की है। अदालत ने केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (CBI) द्वारा दायर सभी तीन चार्जशीटों पर संज्ञान लिया, जिसमें अंतिम आरोप पत्र भी शामिल है।
फरवरी में दिल्ली की अदालत ने लालू प्रसाद यादव, उनके बेटे तेज प्रताप यादव और बेटी हेमा यादव को सीबीआई के इस मामले में समन जारी किया था। साथ ही, अदालत ने तेजस्वी यादव को भी नए सिरे से समन जारी कर 11 मार्च को पेश होने का निर्देश दिया था।
#UPDTAE | Delhi's Rouse Avenue court grants bail to RJD leaders Tej Pratap Yadav, Hema Yadav and other accused on a bail bond of Rs 50,000 and one surety bond in the like amount. https://t.co/yvOmUObZdH
— ANI (@ANI) March 11, 2025
सीबीआई चार्जशीट में 78 आरोपियों के नाम
सीबीआई द्वारा दाखिल चार्जशीट पर संज्ञान लेने के बाद अदालत ने समन जारी किया था। एजेंसी की चार्जशीट में 78 लोगों के नाम शामिल हैं, जिनमें 30 सरकारी अधिकारी भी हैं। गौरतलब बात है कि पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव और उनके दोनों बेटों को प्रवर्तन निदेशालय (ED) द्वारा मनी लॉन्ड्रिंग मामले में पहले ही जमानत मिल चुकी है।
सीबीआई का आरोप है कि राबड़ी देवी (लालू की पत्नी) और उनकी दो बेटियों मीसा भारती व हेमा यादव के नाम पर जमीन हस्तांतरित की गई थी। मई 2022 में लालू, उनके बच्चे और उनकी पत्नी के खिलाफ यह मामला दर्ज किया गया था। सितंबर 2023 में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने भूमि के बदले नौकरी घोटाले में लालू प्रसाद यादव के खिलाफ अभियोजन की मंजूरी दी थी।
क्या है 'भूमि के बदले नौकरी' घोटाला?
यह मामला 2004 से 2009 के बीच का है, जब लालू प्रसाद यादव केंद्रीय रेल मंत्री थे। आरोप है कि रेलवे की ग्रुप-डी नौकरियों के बदले, सस्ती दरों पर लालू यादव, उनकी पत्नी और उनके बच्चों के नाम जमीन हस्तांतरित की गई।