बिहार को लेकर अपमानजनक टिप्पणी करने वाली केंद्रीय विद्यालय की शिक्षिका निलंबित

बिहार के जहानाबाद में पोस्टेड प्राइमरी की शिक्षिका को केंद्रीय विद्यालय संगठन ने निलंबित कर दिया है। शिक्षिका ने बिहार और उसके लोगों के खिलाफ आपत्तिजनक टिप्पणी करते हुए सोशल मीडिया पर वीडियो साझा किया था।

KVS Suspended Lady teacher in Bihar

केवीएस ने शिक्षिका को किया निलंबित Photograph: (एक्स )

पटनाः केंद्रीय विद्यालय की एक शिक्षिका ने बिहार को लेकर अपमानजनक टिप्पणी की थी। इस मामले में शिक्षिका को बर्खास्त कर दिया गया है। शिक्षिका पश्चिम बंगाल के डार्जीलिंग की रहने वाली है और बिहार के जहानाबाद के केंद्रीय विद्यालय में पढ़ाती थी। शिक्षिका ने बिहार और नागरिकों को लेकर आपत्तिजनक टिप्पणी की थी। 

केंद्रीय विद्यालय संगठन यानी केवीएस ने शिक्षिका दीपाली के कथित वीडियो को लेकर निर्णय लिया है। उसका वीडियो सोशल मीडिया  पर तेजी से वायरल हो रहा है।

केवीएस ने जारी किया बयान

केवीएस ने इसको लेकर एक एक बयान भी जारी किया है। यह बयान पटना के क्षेत्रीय कार्यालय द्वारा जारी किया गया है जिसमें लिखा है " केंद्रीय सिविल सेवाओं (वर्गीकरण, नियंत्रण और निवेदन) नियम, 1965 के प्रावधानों के नियम 10 के तहत दीपाली जो कि जहानाबाद में प्राइमरी की शिक्षिका है को तत्काल प्रभाव से निलंबित किया जाता है। वह सारण जिले के मसरख स्थित केवीएस को रिपोर्ट करेंगी।"

समस्तीपुर से सांसद शांभवी चौधरी ने इस मुद्दे को केवीएस के सामने प्रमुखता से उठाया था। केवीएस द्वारा शिक्षिका के निलंबन के बाद उन्होंने धन्यवाद दिया है। 

सोशल मीडिया पर वायरल वीडियो में शिक्षिका गुस्से में दिखती है और बिहार में अपनी नियुक्ति को लेकर सवाल करती है। वह कहती हैं कि मैं अपनी पहली नियुक्ति याद रखूंगी...केंद्रीय विद्यालय के बहुत से क्षेत्र हैं, हालांकि लोग कोलकाता क्षेत्र को पसंद नहीं करते हैं, लेकिन मैं उसके लिए भी तैयार थी।

लद्दाख जा सकती हूं, बिहार नहीं

मैं कोलकाता, ओडिशा, हिमाचल प्रदेश और यहां तक लद्दाख भी जाने को तैयार हूं जहां कोई नहीं जाना चाहता है लेकिन बिहार नहीं जाना चाहती।

शिक्षिका यहीं पर नहीं रुकती है और आरोप लगाती है कि बिहार के लोगों में जरा भी नागरिक बोध नहीं है। भारत बिहार की वजह से विकासशील देश है। जब हम बिहार को हटा देंगे, भारत विकसित देश बन जाएगा। 

हालांकि वीडियो वायरल होने के बाद शिक्षिका ने इसे डिलीट कर दिया था। इसके साथ ही जिला प्रशासन ने भी इस मुद्दे पर ध्यान दिया और कुछ स्थानीय पत्रकार भी शिक्षिका के पास स्पष्टीकरण के लिए पहुंचे थे। 

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