लखनऊ: उत्तर प्रदेश के मुरादाबाद जिले के कुंदरकी विधानसभा सीट पर हुए चुनाव में भाजपा उम्मीदवार रामवीर सिंह बड़ी जीत हासिल करते नजर आ रहे हैं। दूसरे नंबर पर समाजवादी पार्टी के मोहम्मद रिजवान हैं और एक लाख से ज्यादा वोटों के अंतर से पीछे चल रहे हैं। इस मुस्लिम बहुल सीट पर 12 उम्मीदवारों में रामवीर सिंह एकमात्र हिंदू उम्मीदवार थे।
कुंदरकी के नतीजे इसलिए भी दिलचस्प हैं क्योंकि यहां करीब 60 प्रतिशत मुस्लिम आबादी है। इसमें भी 40 प्रतिशत तुर्क मुसलमान हैं। खुद भाजपा उम्मीदवार रामवीर सिंह चुनाव में जालीदार टोपी और अरबी रूमाल पहनकर वोट मांगते नजर आए थे और यह बात काफी चर्चा में भी रही थी। रामवीर सिंह की जीत पक्की होने के साथ भाजपा का इस सीट पर 31 साल का सूखा खत्म होता नजर आ रहा है।
कुंदरकी उपचुनाव नतीजे: ऐसी है स्थिति
चुनाव आयोग की वेबसाइट के अनुसार दोपहर चार बजे तक 24 राउंड की गिनती हो चुकी है। रामवीर सिंह के खाते में 139517 वोट आए हैं। वहीं, सपा के मोहम्मद रिजवान के खाते में महज 16752 वोट आए हैं। आजाद समाज पार्टी (कांशीराम) के चांद बाबू 10,614 वोटों के तीसरे स्थान पर हैं। यहां कुल 32 राउंड की गिनती होनी है किन्तु अब तक हुई मतगणना के बाद रामवीर सिंह को इतनी बढ़त मिल चुकी है कि बाकी राउंड में उन्हें एक भी वोट न मिले तो भी वह चुनाव जीत जाएँगे।
कुंदरकी सीट पर अन्य उम्मीदवारों में मोहम्मद वारिश (ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल-मुस्लिमीन), रफातुल्ला (बहुजन समाज पार्टी), रिजवान हुसैन (निर्दलीय) शामिल हैं। इसके अलावा अन्य उम्मीवारों में रिजवान अली, शौकीन, मोहम्मद उवैश, मशूर, मोहम्मद उबैश और साजैब शामिल हैं। यह सभी बतौर निर्दलीय मैदान में उतरे थे।
कुंदरकी सीट: 1993 में आखिरी बार जीती थी भाजपा
कुंदरकी चुनाव के नतीजों से पहले से ही सपा यहां फिर से वोटिंग कराने की मांग कर रही है। सपा उम्मीदवार मोहम्मद रिजवान ने दावा किया था कि चुनाव में धांधली हुई है। चुनाव आयोग के आंकड़ों के अनुसार कुंदरकी उपचुनाव में 57.72 प्रतिशत वोटिंग हुई थी। यहां मतदान 20 नवंबर को कराए गए थे। कुंदरकी के अलावा यूपी के मीरापुर, गाजियाबाद, खैर, करहल, सीसामऊ, फूलपुर, कटेहरी, मझवां में भी उपचुनाव 20 नवंबर को कराए गए थे।
कुंदरकी सीट पर इससे पहले आखिर बार भाजपा को 1993 में जीत नसीब हुई थी। भाजपा के चंद्रविजय सिंह ने तब जीत दर्ज की थी। इसके बाद से भाजपा को यहां सफलता नहीं मिली है। सपा और बसपा का इस सीट पर बारी-बारी से कब्जा रहा है। 1996 में यहां से बसपा के अकबर हुसैन, 2002 में सपा के मोहम्मद रिजवान, 2007 में बसपा के हाजी अकबर विजयी रहे। इसके बाद 2012 और 2017 में सपा के मोहम्मद रिजवान ने कब्जा जमाया। 2022 में सपा के जियाउर्ररहमान बर्क विजयी रहे थे। जियाउर्ररहमान बर्क तब 43 हजार से ज्यादा मतों से जीत हासिल करने में कामयाब रहे थे।
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