मणिपुरः वाहनों के मुक्त संचालन के पहले दिन कुकी प्रदर्शनकारियों की सुरक्षाबलों के साथ झड़प

मणिपुर में वाहनों के मुक्त संचालन के पहले दिन कुकी समुदाय के लोगों की झड़प सुरक्षाबलों के साथ हुई। गौरतलब है कि बीते दिनों अमित शाह की अध्यक्षता में हुई बैठक में राज्य में वाहनों के मुक्त संचालन की बात की गई थी।

KUKI COMMUNITY CLASH WITH SECURITY FORCES

मणिपुर में कुकी और सुरक्षाबलों के साथ हुई झड़प Photograph: (आईएएनएस)

इंफालः बीते सप्ताह दिल्ली में गृहमंत्री अमित शाह की अध्यक्षता में मणिपुर को लेकर हुई बैठक में राज्य में वाहनों के मुक्त संचालन की बात की गई थी। राज्य के सभी जिलों में वाहनों के मुक्त संचालन का आज पहला दिन है। 

इस बीच कुकी समुदाय के प्रदर्शनकारियों का विरोध प्रदर्शन जारी है। राज्य में सुरक्षा बलों की निगरानी में बसों ने जिलों में यात्राएं फिर से शुरू कर दी हैं। कुकी समुदाय के लोगों की मांग है कि जब तक राज्य से अलग प्रशासन की मांग पूरी नहीं हो जाती तब तक स्वतंत्र आवागमन नहीं चाहती हैं। 

लाठीचार्ज में महिलाएं हुईं घायल

राजमार्ग को अवरुद्ध करने का प्रयास कर रही कुकी जनजाति की कई महिलाएं सुरक्षा बलों के लाठीचार्ज में घायल हो गईं। 

वाहनों के मुक्त संचालन के पहले दिन मणिपुर के कुछ कुकी प्रभुत्व वाले इलाकों में संघर्ष हुआ है। एनडीटीवी की एक रिपोर्ट के अनुसार, कुछ आंदोलनकारी गाड़ियों पर पत्थर फेंकते देखे जा रहे हैं, सड़क खोदते दिखाई दे रहे हैं और टायर जलाते दिख रहे हैं। इसके साथ ही कई जगहों पर बैरिकेड्स भी लगाते दिख रहे हैं। 

मणिपुर के घाटी इलाकों में मैतेई समुदाय बाहुल्य में है और करीब दर्जन भर से अधिक जनजातियों के समूह को कुकी के रूप में जाना जाता है। कुकी समुदाय के लोग मणिपुर के पहाड़ी इलाकों में रहते हैं।

मई 2023 से संघर्ष जारी

दोनों ही समुदायों के बीच मई 2023 से संघर्ष जारी है। दोनों ही समूहों के बीच जमीन अधिकार और राजनैतिक प्रतिनिधित्व को लेकर विवाद जारी है। इस हिंसा में अब तक 250 से अधिक लोगों की जान गई है और हजारों की संख्या में लोग घर छोड़ने को मजबूर हुए हैं। 

कुकी नेताओं ने कार्यवाई स्थगन समझौते (एसओओ) पर हस्ताक्षर किए हैं और उनकी मांग है कि केंद्र सरकार उन्हें राज्य में स्वतंत्र रूप से घूमने के लिए अनुमति देने से पहले उन्हें एक अलग प्रशासन दे। 

वहीं मैतेई समुदाय के लोग सवाल उठा रहे हैं कि राहत शिविरों में रहने वाले हजारों लोगों को घर लौटने पर कुकी समुदाय द्वारा क्यों धमकाया जा रहा है जबकि इस पर बातचीत हो सकती है। 

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