कोलकाता: कोलकाता रेप और हत्या कांड में रविवार को टीएमसी के राज्यसभा सांसद जवाहर सरकार ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है। उन्होंने अपना इस्तीफा मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को भेजा है।
जवाहर सरकार के इस्तीफे के बाद बंगाल की राजनीति गरमा गई है। एक रिपोर्ट के अनुसार, जवाहर सरकार के इस्तीफे का बाद पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी ने उनसे फोन पर बात की है और उन्हें समझाने की कोशिश की है लेकिन वह मानने को तैयार नहीं हैं।
एक तरफ जहां जवाहर सरकार अपनी बात पर अड़े हैं वहीं दूसरी ओर राज्य की अन्य मुख्य पार्टी भाजपा इसे लेकर टीएमसी पर हमलावर हो रही हैं। जवाहर सरकार ने न केवल अपने पद से इस्तीफा देने की बात कही है बल्कि राजनीति भी छोड़ने की घोषणा की है।
जवाहर सरकार ने कोलकाता के आरजी कर मेडिकल एंड हॉस्पीटल की घटना के विरोध में पार्टी द्वारा सही से एक्शन नहीं लेने के विरोध में पद छोड़ने की बात कही है। मामले को लेकर भाजपा के आईटी सेल के प्रमुख अमित मालवीय ने सीएम ममता बनर्जी को इस्तीफा देने की बात की है।
पद छोड़ने के बाद जवाहर सरकार ने क्या कहा है
अपने पद से इस्तीफा और राजनीति छोडऩे के ऐलान के बाद जवाहर सरकार ने एक पत्र के जरिए कहा है कि “आपने मुझे राज्यसभा में पश्चिम बंगाल से सांसद के रूप में चुनकर सम्मानित किया है। हमारे राज्य की विभिन्न समस्याओं को केंद्र सरकार के ध्यान में लाने का अवसर देने के लिए आपका बहुत-बहुत धन्यवाद। लेकिन काफी सोच-विचार के बाद मैंने सांसद पद से इस्तीफा देने और खुद को राजनीति से पूरी तरह अलग करने का फैसला किया है।”
I am quitting as MP primarily because of WB government’s faulty handling of the most spontaneous public movement following the terrible rape-murder case at RG Kar Hospital.
Quitting politics— to be with the people in their struggle for justice.
My commitment to values unchanged pic.twitter.com/V98R06ziny— Jawhar Sircar (@jawharsircar) September 8, 2024
आरजी कर के मुद्दे पर बोलते हुए जवाहर सरकार ने आगे लिखा है, “मेरा विश्वास करें कि इस समय हम राज्य की आम जनता में जो स्वतःस्फूर्त आंदोलन और गुस्से का विस्फोट देख रहे हैं, उसका मूल कारण कुछ पसंदीदा नौकरशाहों और भ्रष्ट व्यक्तियों का बाहुबल है। मैंने अपने जीवन के सभी वर्षों में सरकार के प्रति इतना गुस्सा और पूर्ण अविश्वास कभी नहीं देखा। यहां तक कि जब सरकार कोई जानकारीपूर्ण या सच्चा बयान लोगों के सामने रख रही होती है तो भी लोग उस पर विश्वास नहीं करते।”
इस मुद्दे पर समय रहते हुए सही से कदम नहीं उठाने पर बोलते हुए जवाहर सरकार ने कहा, “मैंने पिछले महीने आरजी कर अस्पताल की घृणित घटना के खिलाफ हर किसी की प्रतिक्रिया को धैर्यपूर्वक देखा है। सरकार अब जो दंडात्मक कदम उठा रही है, उसमें देरी हुई है। सभी का मानना है कि अगर भ्रष्ट डॉक्टरों के गिरोह को तोड़ने के लिए समय पर निर्णय लिया गया होता और इस जघन्य घटना में शामिल उच्च पदस्थ अधिकारियों को तुरंत कड़ी सजा दी गई होती, तो राज्य में स्थिति बहुत पहले ही सामान्य हो गई होती।”
हर रोज सड़कों पर हो रहे विरोध और प्रदर्शन पर बोलते हुए सरकार ने आगे कहा, “मेरा मानना है कि जो लोग इस आंदोलन में उतरे हैं, वे विरोध कर रहे हैं इसलिए राजनीतिक नाम का इस्तेमाल कर इस आंदोलन को रोकना उचित नहीं होगा। बेशक विपक्षी दल इस आंदोलन से अपना हित साधने की कोशिश कर रहे हैं, लेकिन आए दिन सड़कों पर प्रदर्शन कर रहे आम छात्र और लोग इन पार्टियों को अंदर नहीं जाने दे रहे हैं। उनमें से किसी को भी राजनीति पसंद नहीं है, वे केवल मुकदमे और सजा की मांग कर रहे हैं।”
12 सितंबर को सौंप सकते हैं इस्तीफा-रिपोर्ट
मामले में बोलते हुए जवाहर सरकार ने यह भी कहा है “अगर हम इस आंदोलन का निष्पक्ष विश्लेषण करें तो पाएंगे कि यह विरोध न केवल ‘अभय’ के पक्ष में है, बल्कि राज्य सरकार और सत्तारूढ़ दल के खिलाफ भी है। इसलिए, तत्काल परिवर्तन की आवश्यकता है, अन्यथा सांप्रदायिक ताकतें इस राज्य पर कब्जा कर लेंगी।”
खबर है कि जवाहर सरकार 11 सितंबर को दिल्ली जाने वाले हैं और 12 सितंबर को वे अपना इस्तीफा सौंपने वाले हैं।
जवाहर सरकार के इस्तीफे पर टीएमसी प्रवक्ता ने क्या कहा
राज्यसभा सांसद जवाहर सरकार के इस्तीफे पर टीएमसी के प्रवक्ता कुणाल घोष ने प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने कहा है कि हम पत्र के बड़े अंश से सहमत हैं।
कुणाल घोष ने कहा कि “जवाहर सरकार देश के सबसे अच्छे नौकरशाही में एक रहे हैं। पश्चिम बंगाल में सम्मानित नौकरशाही में उनका नाम उच्च स्थान पर रहेगा। उनका फैसला व्यक्तिगत है। उसके ऊपर मैं कोई टिप्पणी नहीं देना चाहता हूं। उन्हें कोई भी फैसला लेने का पूरा अधिकार है।”
घोष ने आगे कहा “मैं बस जवाहर सरकार के पत्र में उपयोग किए गए कंटेट पर कहना चाहूंगा। हम उनके पत्र में लिखे एक बड़े अंश के साथ सहमत हैं। हम लोग भी सिविल सोसायटी के पक्ष में है। हमें उम्मीद है कि मुख्यमंत्री ममता बनर्जी सिविल सोसायटी के सवाल और उनकी नाराजगी को बेहतर तरीके से सुलझाएंगी। हम पार्टी में रहकर सुधार पर चर्चा करेंगे।”
अमित मालवीय ने ममता बनर्जी पर लगाया है यह आरोप
जवाहर सरकार के इस्तीफे पर भाजपा के आईटी सेल के प्रमुख अमित मालवीय ने एक्स पर एक पोस्ट करते हुए लिखा, “तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) के राज्यसभा सांसद जवाहर सरकार ने टीएमसी के नेतृत्व वाली बंगाल सरकार में पनप रहे भ्रष्टाचार और आरजी कर मेडिकल कॉलेज व अस्पताल में दुष्कर्म और हत्या मामले को ठीक से नहीं संभाल पाने का हवाला देते हुए इस्तीफा दे दिया है।”
मालवीय ने आगे कहा, “ममता बनर्जी को सबक लेने और अपना पद छोड़ने का समय आ गया है। उन्होंने कोलकाता पुलिस आयुक्त के साथ मिलकर डॉक्टर के बलात्कार और हत्या से संबंधित सभी सबूतों को पूरी तरह से नष्ट कर दिया है। मैं दोहराता हूं कि जब तक ममता बनर्जी और कोलकाता पुलिस आयुक्त विनीत गोयल अपने पद से इस्तीफा नहीं देंगे, तब तक इस मामले में स्वतंत्र और निष्पक्ष जांच संभव नहीं है।”
Jawahar Sircar, the obnoxious foul mouthed TMC Rajya Sabha MP quits, citing rampant corruption in the TMC run West Bengal Govt and mis-handling of the rape and murder case at the RG Kar Medical College & Hospital.
Time for Mamata Banerjee to take cue and step down. She, along…
— Amit Malviya (@amitmalviya) September 8, 2024
मालवीय ने कॉल रिकॉर्ड सार्वजनिक करने की मांग की है
अमित मालवीय ने कहा कि अपराध के 72 घंटे बाद के मुख्यमंत्री और कोलकाता सीपी के कॉल रिकॉर्ड सार्वजनिक किया जाना चाहिए। उनकी बातचीत की जांच की होनी चाहिए, सच्चाई सामने लाने के लिए ममता बनर्जी और विनीत गोयल का पॉलीग्राफ टेस्ट भी होना चाहिए।
मामले की सीबीआई कर रही है जांच
बता दें कि कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज के सेमिनार हॉल में जूनियर डॉक्टर का शव नौ अगस्त की सुबह बरामद किया गया था। इस मामले में कोलकाता पुलिस ने जांच शुरू की और संजय रॉय को गिरफ्तार किया था। हालांकि, बाद में इस मामले को सीबीआई को सौंप दिया गया।
समाचार एजेंसी आईएएनएस के इनपुट के साथ