नई दिल्लीः आरजी कर मेडिकल कॉलेज मामले पर देशभर में हंगामा मचा हुआ है। कोलकाता और अन्य शहरों में जूनियर डॉक्टर्स इस घटना के खिलाफ हड़ताल और विरोध-प्रदर्शन कर रहे हैं। विभिन्न डॉक्टर्स एसोसिएशन भी इस हड़ताल को समर्थन दे रही हैं। इसी बीच, सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में स्वतः संज्ञान लेते हुए मंगलवार को सुनवाई की।सुनवाई के दौरान पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के इस्तीफे की मांग को लेकर दायर याचिका पर सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश (सीजेआई) डीवाई चंद्रचूड़ ने गहरी नाराजगी जताई।
सीजेआई ने कहा- यह अदालत कोई राजनीतिक मंच नहीं है
सीजेआई ने सुनवाई के दौरान स्पष्ट किया कि मुख्यमंत्री के इस्तीफे की मांग करना अदालत के अधिकार क्षेत्र में नहीं आता। उन्होंने वकील को फटकार लगाते हुए कहा, “यह कोई राजनीतिक मंच नहीं है, अदालत का काम कानून के दायरे में रहकर फैसला देना है, न कि राजनीतिक मुद्दों पर विचार करना।”
जब वकील ने बहस जारी रखी, तो सीजेआई ने नाराजगी जताते हुए कहा, “आप बार के सदस्य हैं और आपको कानून के अनुशासन का पालन करना चाहिए। हमारी चिंता डॉक्टरों की शिकायतों से है न कि राजनीतिक विवादों से। अगर आप चाहते हैं कि अदालत मुख्यमंत्री के इस्तीफे का आदेश दे तो यह हमारे अधिकार क्षेत्र का हिस्सा नहीं है।”
वकील को चेतावनी, बात नहीं सुनी तो कोर्ट से बाहर निकाल दूंगा
सीजेआई ने आगे सख्ती दिखाते हुए कहा, “अगर आप मेरी बात नहीं सुनेंगे, तो मुझे आपको इस अदालत से बाहर निकालने का आदेश देना पड़ेगा।” उन्होंने वकील से आग्रह किया कि अदालत की कार्यवाही में बाधा न डालें और केवल उन मुद्दों पर ध्यान केंद्रित करें, जो कानूनी रूप से अदालत के दायरे में आते हैं।
डॉक्टरों ने जताई काम पर लौटने की इच्छा
इस बीच, अदालत में जूनियर डॉक्टरों ने जानकारी दी कि वे काम पर लौटने को तैयार हैं, बशर्ते सरकार उनके साथ किए गए समझौतों को लागू करे। डॉक्टरों ने कहा कि इस मुद्दे पर चर्चा के लिए उनकी आज एक महत्वपूर्ण बैठक होने वाली है।
सरकार का आश्वासन
पश्चिम बंगाल सरकार की ओर से अदालत को आश्वासन दिया गया कि आंदोलन कर रहे डॉक्टरों के खिलाफ कोई दंडात्मक कार्रवाई नहीं की जाएगी। मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने भी भरोसा दिलाया है कि काम पर लौटने वाले डॉक्टरों के हितों की रक्षा की जाएगी।
सुनवाई की लाइव स्ट्रीमिंग रोकने से कोर्ट ने इनकार किया
कोलकाता केस की सुनवाई के दौरान पश्चिम बंगाल सरकार के वकील कपिल सिब्बल ने सुनवाई की लाइव स्ट्रीमिंग रोकने की अपीली की। सिब्बल ने कहा कि सरकार का पक्ष रखने वाले वकीलों को सोशल मीडिया पर रेप और एसिड अटैक की धमकिया मिल रही हैं। इस पर शीर्ष अदालत ने कहा कि कोर्ट लाइव स्ट्रीमिंग बंद नहीं कर सकता। क्योंकि यह जनहित का मुद्दा है। अगर किसी को ऐसा कोई खतरा है तो हम कदम उठाएंगे।
–आईएएनएस इनपुट के साथ