कोलकाता: आर जी कर मेडिकल कॉलेज में महिला ट्रेनी डॉक्टर के साथ बलात्कार और फिर हत्या के मामले में कोलकाता पुलिस ने टीएमसी सांसद सुखेंदु शेखर रे को तलब किया है।

रे पर जांच के संबंध में कथित तौर पर गतल जानकारी फैलाने का आरोप लगा है। समन मिलने से करीब 12 घंटे पहले रे ने अपनी ही सरकार के खिलाफ जांच को लेकर गंभीर सवाल उठाए थे।

टीएमसी नेता ने एक ट्वीट कर यह सवाल किया था कि घटना के तीन दिन बाद खोजी कुत्तों को घटनास्थल पर क्यों भेजा गया था, पहले क्यों नहीं भेजा गया था। हालांकि कोलकाता पुलिस ने रे के दावों का खंडन किया है और कहा है घटना के बाद अब तक दो बार खोजी कुत्तों को भेजा गया है।

पुलिस ने भाजपा नेता लॉकेट चटर्जी के साथ दो डॉक्टर-कुणाल सरकार और सुबर्नो गोस्वामी को भी नोटिस जारी किया है। उन पर कथित तौर पर गलत सूचना फैलाने के लिए नोटिस भेजा गया है।

रे ने क्या दावा किया था

अपने एक ट्वीट में रे ने यह सवाल उठाया था कि नौ अगस्त को पीड़ित का शव मिलने के बाद आखिर क्यों तीन दिन बाद खोजी कुत्ते को घटनास्थल पर भेजा गया था। यही नहीं उन्होंने ट्वीट में इस हत्या को सुसाइड बनाने, अस्पताल की दीवार गिराने जैसे अन्य सवाल भी उठाए थे।

ट्वीट में उन्होंने लिखा है, "सीबीआई को निष्पक्षता से काम करना चाहिए। सुसाइड की कहानी किसने और क्यों फैलाई, यह जानने के लिए पूर्व प्रिंसिपल और पुलिस कमिश्नर से हिरासत में पूछताछ जरूरी है।"

रे ने आगे लिखा है कि, "हॉल की दीवार क्यों गिराई गई, रॉय (आरोपी संजय रॉय) को इतना शक्तिशाली होने के लिए किसने संरक्षण दिया और तीन दिन बाद खोजी कुत्ते का इस्तेमाल क्यों किया गया। ऐसे सैकड़ों सवाल हैं। उनका मुंह खुलवाया जाए।"

पुलिस ने रे को दिया है जवाब

रे के दावों को कोलकाता पुलिस ने नकारते हुए कहा है कि घटना की खबर मिलने के बाद डॉग स्क्वाड को दो बार वहां भेजा गया है।

पुलिस ने कहा है कि पहली बार खोजी कुत्ते को नौ अगस्त को भेजा गया था और फिर तीन दिन बाद 12 अगस्त को वहां भेजा गया था। तृणमूल नेता कुणाल घोष ने भी रे के ट्वीट का जवाब दिया है।

कुणाल घोष ने रे के सवाल पर जताया है एतराज

कुणाल घोष ने रे का जवाब देते हुए सरकार पर सवाल खड़ा करने के लिए दुख जताया है। घोष ने कहा है कि, "मैं भी आरजी कर केस में न्याय की मांग करता हूं। लेकिन पुलिस कमिश्नर को लेकर की गई मांग का कड़ा विरोध करता हूं। जानकारी मिलने के बाद उन्होंने अपना बेहतरीन काम किया है।"

घोष ने आगे कहा है कि, "निजी तौर मुझे लगता है कि पुलिस कमिश्नर अपना काम कर रहे थे और जांच में पॉजिटिव फोकस था। इस तरह का पोस्ट दुर्भाग्यपूर्ण है, वो भी मेरे वरिष्ठ नेता की तरफ से।"

अपने ही सरकार के खिलाफ रे ने उठाया सवाल

बता दें कि इससे पहले रे ने सोशल मीडिया पर मामले को लेकर विरोध कर रहे प्रदर्शनकारियों के साथ अपनी एकजुटता व्यक्त की थी। यही नहीं उन्होंने यह भी कहा था वे भी इस विरोध प्रदर्शन का हिस्सा होंगे और प्रदर्शन में शामिल होंगे।

रे एक टीएमसी नेता हैं और अपने ही सरकार पर सवाल उठाकर उन्होंने पार्टी में अपनी स्थिति को साफ कर दिया है।

भाजपा ने टीएमसी पर साधा निशाना

घटना को लेकर पहले से हो रहे विरोध प्रदर्शन, राज्य सरकार की आलोचना और फिर अब टीएमसी नेता द्वारा अपनी ही सरकार पर सवाल उठाने पर भाजपा ने टीएमसी को घेरा है। पश्चिम बंगाल बीजेपी अध्यक्ष और केंद्रीय मंत्री सुकंता मजूमदार ने भी सुखेंदु की पोस्ट को शेयर करते हुए सवाल उठाया है।

मजूमदार ने लिखा है, "टीएमसी, यहां तक ​​कि आपके अपने सदस्य भी स्वीकार करते हैं कि संदीप घोष और पुलिस कमिश्नर विनीत (विनीत कुमार गोयल) की डॉक्टर के भयावह दुष्कर्म और हत्या में भूमिका है। राज्य मशीनरी बिल्कुल निचले स्तर पर पहुंच गई है। अब पार्टी के सदस्य अब इस सरकार के पतन की सीमा पर सवाल उठा रहे हैं।"

हरभजन सिंह ने ममता बनर्जी को पत्र लिख जताया है दुख

मामले में क्रिकेटर से राजनेता बने हरभजन सिंह ने पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को पत्र लिख कर अपनी बात रखी है। उन्होंने पीड़ित को इंसाफ मिलने पर देरी होने पर दुख जताया है।

हरभजन सिंह ने लिखा है, "जो कोलकाता में देश की बेटी के साथ हुआ, वो बहुत गलत हुआ। उसको इंसाफ दिलाने के लिए हम सबको आगे आना चाहिए, बजाय की इसे हम पॉलिटिकल मुद्दा बनाए। मेरी सभी अधिकारियों से विनती है कि इस मामले में उस बेटी को जल्द इंसाफ मिले, क्योंकि वो तो अब इस दुनिया में नहीं रही लेकिन हम नहीं चाहते हैं कि आने वाले समय में कोई ऐसा काम हो जिससे हमारा सिर शर्म से झुक जाए।"

हरभजन ने आगे लिखा है, "मैं राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, ममता दीदी, तमाम नेता और बड़े पदाधिकारी से बस यही कहना चाहता हूं कि ये वो समय है जब हम सबको एक ऐसा नियम बनाना चाहिए जिससे ऐसे घिनौने काम करने वालों की रूह कांप जाए। उनके मन में ये डर हो कि अगर वो ऐसा करेंगे तो कानून उनके साथ क्या करेगा।"