नई दिल्ली: औपनिवेशिक चिन्हों को हटाने के लिए एक बड़े कदम के तौर पर सेना ने अपने पूर्वी कमान के मुख्यालय का नाम बदल दिया है। कोलकाता के फोर्ट विलियम का नाम बदलकर सेना ने 'विजय दुर्ग' कर दिया है। नाम बदलने का यह फैसला दिसंबर-2024 के मध्य में लिया गया था। सेना के भीतर आंतरिक संचार में पहले ही नया नाम अपना लिया गया है, हालांकि आधिकारिक अभी नहीं की गई है।
इंडिया टुडे की रिपोर्ट के अनुसार इस बदलाव की पुष्टि करते हुए रक्षा मंत्रालय (कोलकाता) के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी, विंग कमांडर हिमांशु तिवारी ने बताया कि फोर्ट का नाम बदलने का निर्णय दिसंबर 2024 में लिया गया था। हिमांशु तिवारी ने कहा, 'यह आदेश दिसंबर के दूसरे सप्ताह में आया था, लेकिन अभी तक इसकी औपचारिक घोषणा नहीं की गई है। हालांकि, हमने आंतरिक संचार में फोर्ट विलियम का उपयोग बंद कर दिया है।'
1781 में बना था 'फोर्ट विलियम'
ऐतिहासिक फोर्ट विलियम का निर्माण 1781 में अंग्रेजों द्वारा किया गया था> इसका नाम इंग्लैंड के राजा विलियम तृतीय के नाम पर रखा गया था। 'विजय दुर्ग' का नाम दरअसल महाराष्ट्र के सिंधुदुर्ग तट पर स्थित सबसे पुराने किले के सम्मान के तौर पर दिया गया है। यह छत्रपति शिवाजी महाराज के शासनकाल के दौरान मराठों के अभेद्य नौसैनिक अड्डे के रूप में काम करता था। साथ ही ताजा कदम औपनिवेशिक छापों को पीछे छोड़ भारत की अपनी सैन्य विरासत को मान्यता देना का भी प्रतीक है।
फोर्ट में सेंट जॉर्ज के नाम पर एक द्वार है जिसे जॉर्ज गेट के नाम से जाना जाता रहा है। इसका नाम बदलकर शिवाजी द्वार कर दिया गया है। फोर्ट विलियम में एक और इमारत थी जिसें किचनर हाउस के नाम से जाना जाता था। इसे अब फील्ड मार्शल मानेकशॉ के नाम से जाना जा रहा है।
2014 के बाद से बदले गए हैं कई नाम
2014 के बाद से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार द्वारा कई संस्थानों, स्थलों और सैन्य प्रतिष्ठानों के नाम बदले गए हैं। सरकार का कहना है कि उसका संकल्प देश को गुलामी के सभी प्रतीकों से मुक्ति दिलाने का है। इससे पहले दिल्ली में राजपथ का नाम बदलकर कार्तव्य पथ किया गया था। वहीं, पिछले साल सितंबर मे अंडमान और निकोबार द्वीप की राजधानी पोर्ट ब्लेयर का नाम अब 'श्री विजयपुरम' कर दिया गया है।
साल 2018 में भी जब पीएम मोदी जब अंडमान-निकोबार पहुंचे थे तब उन्होंने तीन द्वीपों के नाम बदलने का ऐलान किया था। पीएम मोदी ने हैवलॉक द्वीप, नील द्वीप और रॉस द्वीप के नाम बदलने की घोषणा की थी। हैवलॉक द्वीप को अब स्वराज द्वीप, नील द्वीप को शहीद द्वीप और रॉस द्वीप को नेताजी सुभाष चंद्र द्वीप का नाम दिया गया था।
यही नहीं, नौसेना ने अपने फ्लैग और इनसाइन को बदल कर शिवाजी महाराज की मुहर का इस्तेमाल करना शुरू कर दिया है। यह बदलाव 2022 में किया गया था।