कोलकाता डॉक्टर रेप-हत्या मामले में 164 दिन बाद न्याय, दोषी संजय रॉय को उम्रकैद

ट्रेनी महिला डॉक्टर का शव पिछले साल 9 अगस्त को सुबह आरजी कर मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल के परिसर के सेमिनार हॉल से बरामद किया गया था।

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संजय रॉय। फोटोः IANS

कोलकाताः कोलकाता की विशेष अदालत ने आरजी कर की ट्रेनी महिला डॉक्टर के साथ रेप-हत्या मामले में संजय रॉय को मरते दम तक उम्रकैद की सजा सुनाई है। इसके साथ ही अदालत ने उस पर 50 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया है। विशेष अदालत के न्यायाधीश अनिर्बान दास ने 18 जनवरी को रॉय को दोषी ठहराया था।

न्यायाधीश अनिरबन दास ने सजा सुनाते हुए कहा, "यह मामला दुर्लभतम मामलों की श्रेणी (रेयरेस्ट ऑफ रेयर) में नहीं आता। इसलिए दोषी को फांसी की सजा के बजाय उम्रकैद दी जा रही है।" अदालत ने राज्य सरकार को पीड़िता के परिजनों को 17 लाख रुपये मुआवजा देने का भी निर्देश दिया है। हालांकि, पीड़िता के माता-पिता ने मुआवजा लेने से इनकार कर दिया और कहा, "हमें न्याय चाहिए, मुआवजा नहीं।

मुझे बिना किसी कारण के फंसाया गया हैः दोषी संजय रॉय

सजा की सुनवाई के दौरान, जब न्यायाधीश अनिरबन दास  ने दोषी से कुछ कहने को कहा, तो रॉय ने कहा, "मुझे बिना किसी कारण के फंसाया गया है। मैंने पहले ही बताया था कि मैं हमेशा रुद्राक्ष की माला पहनता हूं। अगर मैंने अपराध किया होता, तो वह अपराध स्थल पर टूट जाती। मुझे अपनी बात कहने का मौका नहीं दिया गया। कई कागजों पर जबरन हस्ताक्षर करवाए गए। आपने यह सब देखा है, सर।"

रॉय की बातों का जवाब देते हुए न्यायाधीश ने कहा, "मैंने आपको अपनी बात रखने के लिए पर्याप्त समय दिया। मैंने आपकी बात तीन घंटे तक सुनी। आपके खिलाफ पेश किए गए सभी सबूत, दस्तावेज, और गवाहों की जांच की गई। इन्हीं के आधार पर आपको दोषी ठहराया गया है। अब, मैं केवल सजा के संदर्भ में आपका पक्ष सुनना चाहता हूं। आपके परिवार में कौन-कौन है? क्या वे आपसे संपर्क में रहते हैं?" इसके जवाब में रॉय ने कहा, "नहीं, सर। मैं जेल में हूं। वे मुझसे मिलने नहीं आते।"

सीबीआई ने संजय रॉय के लिए मृत्युदंड की मांग की थी

सीबीआई के वकील ने इस मामले को "दुर्लभतम" बताते हुए दोषी के लिए मृत्युदंड की मांग की थी। उन्होंने कहा, "यह घटना समाज को हिला देने वाली है। पीड़िता एक मेधावी छात्रा थी और देश के लिए एक संपत्ति थी। इस घटना ने पूरे समाज को झकझोर दिया है। अगर डॉक्टर भी सुरक्षित नहीं हैं, तो क्या कहा जा सकता है? समाज में विश्वास बहाल करने के लिए दोषी को मृत्युदंड देना आवश्यक है।"

रॉय को 18 जनवरी, 2025 को बीएनएस की धारा 64, 66 और 103(1) के तहत दोषी पाया गया। इन आरोपों में कठोर दंड शामिल हैं: धारा 64 में कम से कम 10 साल की कैद, धारा 66 में कम से कम 20 साल से लेकर आजीवन कारावास या मृत्युदंड और धारा 103(1) में हत्या के लिए मृत्युदंड या आजीवन कारावास का प्रावधान है। रॉय का बयान दोपहर 12:30 बजे दर्ज किया गया।

घटना के 164 दिन बाद सुनाई गई सजा

ट्रेनी महिला डॉक्टर का शव पिछले साल 9 अगस्त को सुबह आरजी कर मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल के परिसर के सेमिनार हॉल से बरामद किया गया था। जांच के अनुसार, बलात्कार के बाद उसकी हत्या की गई थी। अगले दिन आरोपी संजय रॉय को गिरफ्तार किया गया। पुलिस ने रॉय की पहचान पीड़िता के शव के पास पाए गए ब्लूटूथ ईयरफोन और घटनास्थल के सीसीटीवी फुटेज से की।  फुटेज में रॉय को अपने गले में डिवाइस लटकाए हुए सेमिनार हॉल में प्रवेश करते देखा गया।

मामले की शुरुआती जांच कोलकाता पुलिस की एक विशेष जांच टीम ने की थी। हालांकि, सीबीआई ने अपराध की तारीख के पांच दिन बाद जांच शुरू की और उसके बाद रॉय को शहर की पुलिस ने केंद्रीय एजेंसी के अधिकारियों को सौंप दिया। इस घटना ने पूरे देश में आक्रोश पैदा कर दिया। हजारों लोगों ने न्याय की मांग करते हुए सड़कों पर प्रदर्शन किया।

इस मामले में सुनवाई की प्रक्रिया पिछले साल 11 नवंबर को शुरू हुई थी। मामले में मुकदमा शुरू होने के 59 दिन बाद फैसला सुनाया जाएगा। अपराध की तारीख से 162 दिनों के बाद दोषसिद्धि की प्रक्रिया पूरी हुई। जबकि, सजा अपराध की तारीख से ठीक 164 दिन बाद सोमवार को सुनाई गई।

 

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