नई दिल्लीः केंद्रीय संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू ने बुधवार को लोकसभा में वक्फ संशोधन विधेयक पेश किया। विधेयक पर चर्चा के दौरान किरेन रिजिजू ने शिवसेना यूबीटी सांसद अरविंद सावंत पर टिप्पणी करते हुए कहा कि बिल का समर्थन करने या न करने पर उन्होंने अपनी स्थिति स्पष्ट नहीं की।
लोकसभा में किरेन रिजिजू ने सांसद अरविंद सावंत से कहा कि आप बिल का समर्थन करते हैं या नहीं, यह आपने स्पष्ट नहीं किया। लेकिन, मैं इतना कहना चाहता हूं कि पहले अरविंद सावंत का शिवसैनिक होने का, शिवसेना सांसद होने का जो अंदाज और बोलचाल था, वो क्यों बदल गया? कांग्रेस के साथ आकर आप क्यों बदल गए? पहले आप शिवसेना के एजेंडे को लेकर बोलते थे, जो हमें भी अच्छा लगता था।
वक्फ के पास तीसरा सबसे बड़ा लैंड बैंकः रिजिजू
इससे पहले, लोकसभा में चर्चा के दौरान किरेन रिजिजू ने कहा कि वक्फ के पास तीसरा सबसे बड़ा लैंड बैंक है। रेलवे, मिलिट्री की जमीन हैं। यह सब देश की प्रॉपर्टी है। वक्फ की संपत्ति, प्राइवेट प्रॉपर्टी है। दुनिया में सबसे ज्यादा वक्फ प्रॉपर्टी हमारे देश में है। 60 साल आप सरकार में रहे, फिर भी मुसलमान इतना गरीब क्यों है? उनके लिए क्यों काम नहीं हुआ? गरीबों के उत्थान, उनकी भलाई के लिए काम क्यों नहीं हुए? हमारी सरकार गरीब मुसलमानों के लिए काम कर रही है तो इसमें क्या आपत्ति है? आप लोग जो इस बिल का विरोध कर रहे हैं, देश सदियों तक याद रखेगा कि किसने बिल का समर्थन किया और किसने विरोध किया। आप लोग मुसलमानों को कितना गुमराह करेंगे? देश में इतनी वक्फ प्रॉपर्टी है तो इसे बेकार में पड़ा नहीं रहने देंगे। गरीब और बाकी मुसलमानों के लिए इसका इस्तेमाल किया ही जाना चाहिए। हमने रिकॉर्ड देखा है। सच्चर कमेटी ने भी इसका डिटेल में जिक्र किया है। 2006 में 4.9 लाख वक्फ प्रॉपर्टी थी। इनकी टोटल इनकम 163 करोड़ थी। 2013 में बदलाव करने के बाद इनकम बढ़कर 166 करोड़ हुई। 10 साल के बाद भी 3 करोड़ बढ़ी थी। हम इसे मंजूर नहीं कर सकते।
जम्मू-कश्मीर का दिया उदाहरण
उन्होंने लोकसभा में बताया कि 8.72 लाख वक्फ प्रॉपर्टी इस वक्त देश में हैं। इसका अगर हम सही से इस्तेमाल करें तो मुसलमान ही नहीं, देश की तकदीर बदल जाएगी। मैं जम्मू-कश्मीर गया था, वक्फ बोर्ड चेयरपर्सन एक महिला बनीं। उन्होंने कहा कि पहले इनकम की व्यवस्था, उसके रिकॉर्ड की कोई व्यवस्था नहीं थी। उनके आने के बाद 40 करोड़ इनकम हुई। हजरतबल दरगाह में मरम्मत और नवीनीकरण का काम भी चल रहा है। बिल में कई संशोधन प्रस्तावित हुए, उन्हें हमने बिल में शामिल किया। संसदीय समिति के बीच कई मुद्दे होते हैं। सुझाव छोटा भी हो तो हमने शामिल किया है। ये सारी व्यवस्था देखने के बाद सबके मन में उम्मीद जागेगी। नया सवेरा आने वाला है। ये उम्मीद इसलिए है कि यूनिफाइड वक्फ मैनेजमेंट रजिस्ट्रेशन से लेकर सर्वे और कलेक्टर के रोल तक मिलाकर मैनेजमेंट का सिस्टम बदलने का काम किया है। सशक्तीकरण कैसे आएगा। मुसलमानों में भी शिया, सुन्नी, बोहरा और पसमांदा के अलावा महिलाओं और बच्चों के लिए हमारे प्रावधानों का पूरी कम्युनिटी स्वागत कर रही है। वक्फ विधेयक किसी भी तरह से किसी भी धार्मिक व्यवस्था, किसी भी धार्मिक संस्था या किसी भी धार्मिक प्रथा में हस्तक्षेप नहीं कर रहा है।
बिल में किए गए बड़े बदलाव
रिजिजू ने आगे कहा कि पहले किसी भी जमीन को वक्फ संपत्ति घोषित किया जा सकता था, लेकिन हमने उस प्रावधान को हटा दिया है। अब, गरीबों के लाभ के लिए किसी भी जमीन को वक्फ संपत्ति घोषित नहीं किया जा सकता है। कुछ व्यक्ति, कुछ लोग, अपने निजी लाभ के लिए इसका इस्तेमाल कर रहे थे। मुस्लिम डेलिगेशन मेरे घर आ रहे हैं, इस बिल का स्वागत कर रहे हैं। गरीब मुसलमान तो बार-बार कह रहे हैं कि इस बिल को जल्दी पास कीजिए। सेंट्रलाइज डेटा बेस होगा, वेबसाइट होगी। ट्रैकिंग होगी, काम वक्त पर होगा, करेक्शन करेंगे, ऑडिट भी होगा। ये हमने राज्य सरकार पर छोड़ा है। जमीन राज्य का विषय है। राज्य सरकारों को पूरी अथॉरिटी मिलेगी। मंत्रालय हमेशा ऑनलाइन जुड़े रहेंगे।