नई दिल्लीः केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू ने भगोड़े इस्लामी उपदेशक जाकिर नाइक की अपील पर कड़ी आपत्ति जताई है। केंद्रीय मंत्री ने नाइक पर भारतीय मुसलमानों को गुमराह करने और वक्फ संशोधन विधेयक को लेकर झूठा प्रचार फैलाने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि बाहर से हमारे देश के मुसलमानों को मत भड़काओ।

मनी लॉन्ड्रिंग और नफरत फैलाने वाले भाषणों के आरोपों में भारत में वांछित जाकिर नाइक ने प्रस्तावित वक्फ विधेयक का विरोध करते हुए इसे खतरनाक परिणामों वाला बताया है। जाकिर नाइक ने एक्स पर अपने एक पोस्ट में मुसलमानों से अपील की है कि वे 13 सितंबर 2023 तक संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) को अपनी असहमति दर्ज कराएं। इसके लिए उसने एक क्यूआर कोड और ऑनलाइन याचिका का लिंक साझा करते हुए कम से कम 50 लाख भारतीय मुसलमानों से इस मुहिम में भाग लेने का आग्रह किया है।

पोस्ट में जाकिर नाइक ने कहा कि "भारतीय वक्फ संपत्तियों को बचाएं, वक्फ संशोधन विधेयक का विरोध करें! वक्फ की पवित्रता की रक्षा करने और इसे आने वाली पीढ़ियों के लिए सुरक्षित रखने के लिए एकजुट हों। यह भारत के मुसलमानों के लिए एक महत्वपूर्ण आह्वान है कि वे इस विधेयक को रोकें, जो वक्फ की पवित्रता को ठेस पहुंचाता है और इस्लामी संस्थाओं के भविष्य पर विनाशकारी प्रभाव डाल सकता है। अगर हमने इस विधेयक को पारित होने दिया, तो हमें अल्लाह के क्रोध और आने वाली पीढ़ियों की बददुआओं का सामना करना पड़ेगा। इस बुराई को रोकें या इसके नतीजों का सामना इस जीवन और आखिरत में करें! वक्फ संशोधन विधेयक को ना कहें!"

नाइक ने अपील करते हुए लिखा कि कम से कम 50 लाख भारतीय मुसलमानों को वक्फ संशोधन विधेयक के खिलाफ अपनी असहमति दर्ज करनी चाहिए। भारत के मुसलमानों के रूप में, अगर हमने मुस्लिम वक्फ संपत्तियों को उम्माह से छिनने से नहीं रोका, तो हमें इसका जवाब देना होगा।

नाइक के दावों को किरेन रिजिजू ने बताया भ्रामक

रिजिजू ने नाइक के इन दावों को पूरी तरह भ्रामक बताते हुए कहा कि भारत के नागरिकों को अपने विचार व्यक्त करने का लोकतांत्रिक अधिकार है, लेकिन उन्हें झूठी और भ्रामक सूचनाओं के आधार पर प्रभावित नहीं होना चाहिए। उन्होंने नाइक को चेतावनी दी, "कृपया हमारे देश के बाहर से निर्दोष भारतीय मुसलमानों को मत भड़काओ। झूठा प्रचार गलत धारणाएं पैदा करेगा।"

वक्फ संशोधन विधेयक में 44 प्रमुख बदलाव प्रस्तावित

वर्तमान में जेपीसी द्वारा जांचाधीन वक्फ संशोधन विधेयक में 44 प्रमुख बदलाव प्रस्तावित हैं। इसमें वक्फ बोर्ड में दो गैर-मुस्लिम सदस्यों, एक केंद्रीय मंत्री, तीन सांसदों और वरिष्ठ नौकरशाहों की नियुक्ति के साथ-साथ महिलाओं की भागीदारी अनिवार्य करने का प्रावधान है। सरकार का दावा है कि यह विधेयक पारदर्शिता बढ़ाने और विशेष रूप से मुसलमानों में महिलाओं और बच्चों के अधिकारों की रक्षा के लिए लाया गया है, खासतौर से संपत्ति के वितरण में उनके अधिकार सुनिश्चित करने के लिए।

हालांकि विपक्षी दलों ने इस विधेयक की आलोचना करते हुए इसे "कठोर" करार दिया है, लेकिन रिजिजू का कहना है कि यह वक्फ बोर्डों में सुधार लाने और उन पर कुछ लोगों के एकाधिकार को समाप्त करने के लिए आवश्यक कदम है। संशोधन में यह भी प्रावधान किया गया है कि वक्फ बोर्डों को प्राप्त धन का उपयोग विधवाओं, तलाकशुदा महिलाओं और अनाथों के कल्याण के लिए किया जाए, ताकि साधारण मुसलमानों के हितों की रक्षा हो सके और न्याय सुनिश्चित हो।