कोझिकोड: केरल के वायनाड जिले में मेप्पाडी के पास पहाड़ी इलाके में मंगलवार तड़के बड़े पैमाने पर हुए भूस्खलन की घटना में 43 लोगों की मौत की पुष्टि हुई है। इसके अलावा सैकड़ों लोगों के फंसे होने की आशंका है। मृतकों की संख्या बढ़ सकती है। इससे पहले केरल की स्वास्थ्य मंत्री वीना जॉर्ज ने कहा है कि अब तक 24 लोगों के शव अस्पताल पहुंचाए गए हैं। वायनाड जिले के मेप्पडी, मुंडक्कई टाउन और चूरल माला में भूस्खलन की घटनाएं हुई हैं।
बताया जा रहा है कि भूस्खलन की पहली घटना रात करीब 2 बजे हुई और प्रभावित इलाका पूरी तरह से कट गया। केरल के मुख्य सचिव वी. वेणु ने स्थानीय मीडिया को बताया, ‘रात करीब 2 बजे, कम से कम दो से तीन बार भूस्खलन हुआ। इस समय, कुछ प्रभावित इलाके कट गए हैं। मौसम भी प्रतिकूल है, इसलिए एनडीआरएफ की टीमें इनमें से कुछ प्रभावित इलाकों में नहीं जा पा रही हैं। सभी लोग अलर्ट पर हैं। हम समन्वित तरीके से बचाव कार्य करेंगे। हम अभी भी पता लगा रहे हैं कि कितने लोग फंसे हुए हैं। बचाव कार्य सुनिश्चित करने के लिए लोगों को एयरलिफ्ट करने सहित सभी विकल्पों पर विचार किया जा रहा है।’
Horrible visuals of landslide coming in from Meppadi, Wayanad.#Wayanad #Landslide #Kerala pic.twitter.com/4DHZYV7Ciu
— West Coast Weatherman (@RainTracker) July 30, 2024
स्थानीय लोग और पेशेवर बचाव ऑपरेटरों की एक टीम इलाके में लोगों का पता लगाने में लगी हुई है। इस बीच अट्टामाला, जिसमें अच्छी संख्या में होमस्टे हैं, बुरी तरह प्रभावित हुआ है और बचाव अभियान जारी है। कई पर्यटकों के फंसने की खबरें हैं। घटनास्थल पर पहुंचे राज्य के वन मंत्री ए.के. ससीन्द्रन ने कहा कि नुकसान का आकलन करना अभी जल्दबाजी होगी।
उन्होंने कहा, ‘कम से कम 53 लोग यहां एक अस्पताल में भर्ती हैं और छह शव भी हैं। दूसरे अस्पताल में 13 लोग घायल हैं, जिन्हें सरकारी अस्पताल में भर्ती कराया गया है और वहां भी छह हैं। हमने बचाव अभियान शुरू कर दिया है और हेलीकॉप्टरों के आने का इंतजार कर रहे हैं। जल्द ही एक नया रोपवे बनाया जाएगा और सेना एक अस्थायी पुल भी बनाएगी, ताकि पुल के बह जाने के बाद फंसे लोगों को बचाया जा सके।’
भारी बारिश का भी अलर्ट
केरल के आपदा प्रबंधन विभाग ने 30 जुलाई को वायनाड, कोझीकोड, मल्लापुरम, कन्नूर में रेड अलर्ट जारी किया है। इन इलाको में अगले 24 घंटे में 204 एमएम की बारिश होने का अनुमान जताया गया है। दरअसल, वायनाड केरल का पहाड़ी इलाका है और यहां बड़ी संख्या पर्यटक घूमने आते रहे हैं। वायनाड की दूरी कोझीकोड एयरपोर्ट से करीब 86 किलोमीटर है। पूर्व नें भी वायनाड में भूस्खलन की कई घटनाएं सामने आती रही हैं।
केरल: अब तक क्या जानकारी आई है सामने
– वायनाड जिले के अधिकारियों के मुताबिक, थोंडरनाड गांव में रहने वाले एक नेपाली परिवार के एक साल के बच्चे की भूस्खलन में मौत हो गई है।
– प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी घटना पर ट्वीट किया। उन्होंने एक्स पर लिखा, ‘वायनाड के कुछ हिस्सों में भूस्खलन से व्यथित हूं। मेरी संवेदनाएं उन सभी लोगों के साथ हैं जिन्होंने अपने प्रियजनों को खोया है। जो घायल हुए हैं उनके लिए प्रार्थना करता हूं। सभी प्रभावित लोगों की सहायता के लिए बचाव अभियान फिलहाल चल रहा है। केरल के मुख्यमंत्री से बात हुई है और वहां के मौजूदा हालात के मद्देनजर केंद्र की ओर से हरसंभव मदद का आश्वासन भी मैंने दिया है।’
– केरल के मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन के कार्यालय की ओर से जारी एक बयान में कहा गया है कि बचाव अभियान जारी हैं और राज्य के मंत्री बचाव गतिविधियों का नेतृत्व करने के लिए घटनास्थल के पास पहुंचेंगे।
– पिनाराई विजयन ने यह भी कहा कि वायनाड जिले में भूस्खलन और बारिश से संबंधित अन्य आपदाओं के मद्देनजर स्वास्थ्य विभाग के राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन ने एक नियंत्रण कक्ष खोला है।
– राहुल गांधी ने घटना पर कहा, ‘मेरी हार्दिक संवेदना उन शोक संतप्त परिवारों के प्रति है जिन्होंने अपने प्रियजनों को खो दिया है। मुझे उम्मीद है कि जो लोग अभी भी फंसे हुए हैं उन्हें जल्द ही सुरक्षित निकाल लिया जाएगा… मैंने केरल के मुख्यमंत्री और वायनाड जिला कलेक्टर से बात की है, जिन्होंने मुझे आश्वासन दिया कि बचाव अभियान जारी है। मैंने उनसे सभी एजेंसियों के साथ समन्वय सुनिश्चित करने, एक नियंत्रण कक्ष स्थापित करने और राहत प्रयासों के लिए आवश्यक किसी भी सहायता के बारे में हमें सूचित करने का अनुरोध किया है। मैं सभी यूडीएफ कार्यकर्ताओं से बचाव और राहत कार्यों में प्रशासन की सहायता करने का आग्रह करता हूं।
– बयान में कहा गया है कि जिन लोगों को आपातकालीन सहायता की आवश्यकता है, वे इन दो नंबरों
9656938689 और 8086010833 के माध्यम से अधिकारियों से संपर्क कर सकते हैं।
– प्रभावित इलाकों के स्थानीय लोगों ने बताया कि कई लोगों के फंसे होने की आशंका है। भारी बारिश के कारण बचाव कार्य में बाधा आ रही है।
– समाचार पोर्टल ‘ओनमनोरमा’ ने बताया कि जब बचाव अभियान जारी था, तभी सुबह करीब 4 बजे चूरल माला स्कूल के पास दूसरा भूस्खलन हुआ। इससे स्कूल और आस-पास के घरों और दुकानों में पानी और कीचड़ भर गया। भूस्खलन में कम से कम पांच की मौत हो गई।
– स्थानीय मीडिया ने बताया है कि चूरल माला टाउन में पुल ढहने के बाद क्षेत्र में लगभग 400 परिवार फंसे हुए हैं। ओनमनोरमा की रिपोर्ट के अनुसार, कई लोग घायल हो गए हैं और कई वाहन बह गए हैं।