केरल की निमिषा प्रिया को बचाने में कामयाब होगा भारत? यमन में मिली है मौत की सजा

यमन में निमिषा प्रिया को मिली मौत की सजा पर भारतीय विदेश मंत्रालय ने कहा कि सरकार उन्हें बचाने के लिए हर संभव विकल्प की तलाश कर रही है।

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Kerala nurse Nimisha Priya

यमन के राष्ट्रपति ने निमिषा प्रिया की मौत की सजा को मंजूरी दे दी है (फाइल फोटो)

नई दिल्ली: यमन के राष्ट्रपति रशद अल-अलीमी ने केरल की नर्स निमिषा प्रिया की मौत की सजा को मंजूरी दे दी है। इस बीच निमिषा प्रिया को छुटकारा दिलाने के लिए भारत सरकार हर संभव विकल्प की तलाश कर रही है। निमिषा प्रिया को यमन में एक यमनी नागरिक की हत्या का दोषी ठहराते हुए मौत की सजा सुनाई गई है। सूत्रों के अनुसार अगर पीड़ित परिवार से माफी नहीं मिलती है तो यमन के कानून के अनुसार अगले एक महीने में निमिषा को मौत दी जा सकती है।

भारत के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जयसवाल ने कहा कि सरकार को यमन में निमिषा प्रिया को सजा सुनाए जाने की जानकारी है। उन्होंने कहा, 'हम समझते हैं कि प्रिया का परिवार तमाम विकल्पों की तलाश रहा है। सरकार भी इस मामले में हरसंभव मदद कर रही है।'

निमिषा का परिवार यमन में तलाश रहा मदद

द न्यू इंडियन एक्सप्रेस के अनुसार निमिषा की 57 साल की मां प्रेमा कुमारी इस साल की शुरुआत में यमन की राजधानी सना पहुंची थीं। वे अपनी बेटी को मौत की सजा में छूट दिलाने और पीड़ित परिवार के साथ 'ब्लड मनी' पर बातचीत करने के लिए वहां रह रही हैं।

रिपोर्ट में कहा गया है कि परिवार को 'सेव निमिषा प्रिया इंटरनेशनल एक्शन काउंसिल' द्वारा लगातार कानूनी सहायता प्रदान की गई है। इस काउंसिल में यमन में स्थित एनआरआई सामाजिक कार्यकर्ता शामिल हैं।

प्रिया को यमनी नागरिक तलाल अब्दो महदी की हत्या का दोषी पाया गया था और वह 2017 से जेल में है। प्रिया को 2018 में यमन की एक ट्रायल कोर्ट ने मौत की सजा सुनाई थी। उसका परिवार इसके बाद से ही उसकी रिहाई के लिए लड़ रहा है।

'बल्ड मनी' के जरिए निमिषा को मिल सकती है राहत

यमन के इस्लामिक कानून के मुताबिक जिसकी हत्या हुई है, उसका परिवार तय कर सकते हैं कि अपराधी को क्या सजा दी जाए। मर्डर के मामले में यमन में मौत की सजा मिलती है। हालांकि, पीड़ित परिवार के पास ये हक होता है कि वह हत्यारे को पैसों लेकर माफी दे सकें। इसे ही 'ब्लड मनी' कहते हैं। निमिषा का परिवार भी इसकी कोशिशों में लगा है।

कुछ मीडिया रिपोर्ट के अनुसार निमिषा के परिवार के साथ पीड़ित परिवार (तलाल अब्दो महदी का परिवार) की बातचीत इस साल सितंबर में टूट गई थी। दोनों पक्षों में उस समय गतिरोध आ गया था जब भारतीय दूतावास द्वारा नियुक्त वकील ने और अधिक धन की मांग की थी।

न्यूज 18 की रिपोर्ट के अनुसार केरल के नेनमारा के विधायक के. बाबू ने बताया, 'हमने निमिषा प्रिया की जान बचाने के लिए अथक प्रयास किया है, लेकिन हमारे प्रयास व्यर्थ हो गए। हम 40,000 डॉलर (लगभग 34,20,000 रुपये) इकट्ठा करने में कामयाब रहे और उसे बचाने के लिए और भी अधिक जुटाने के लिए तैयार थे। एक्शन काउंसिल के साथ-साथ मुख्यमंत्री, विपक्ष के नेता, पूर्व केंद्रीय मंत्री और सभी राजनीतिक दलों के विभिन्न नेताओं ने इस प्रयास में हाथ मिलाया है।'

यमनी नागरिक के मर्डर का पूरा मामला क्या है?

निमिषा प्रिया दरअसल 2014 में यमन के शख्स तलाल अब्दो महदी के संपर्क में आई थी। तलाल ने निमिषा प्रिया को यमन में अपना क्लिनिक शुरू करने में मदद करने का वादा किया था। महदी की मदद से प्रिया ने 2015 में यमन में एक क्लिनिक स्थापित भी किया।

हालांकि, जल्द ही उसके और महदी के बीच मतभेद पैदा होने लगे। प्रिया ने महदी पर दुर्व्यवहार, जबरन यौन संबंध बनाने का दबाव, यातना देने और उसका पासपोर्ट छीनने का आरोप लगाया। प्रिया के लिए भारत लौटना लगभग असंभव हो गया था। रिपोर्टों के अनुसार, महदी ने यमनी अधिकारियों के सामने खुद को प्रिया के पति के रूप में पेश किया। इस वजह से भी प्रिया को कोई सहायता नहीं मिल रही थी।

आखिरकार अपना पासपोर्ट पाने के लिए प्रिया ने तलाल अब्दो महदी को धोखे से नींद का इंजेक्शन दिया। हालाँकि, दवा के ओवरडोज के कारण तलाल की मौत हो गई। आरोप हैं कि बाद में प्रिया ने तलाल के शव के कई टुकड़े किए और टैंक में फेंक दिया। इसके बाद यमन से भागने की कोशिशों के बीच निमिषा प्रिया को गिरफ्तार कर लिया गया था।

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