मंजेरी (केरल): केरल के मंजरी शहर की एक अदालत का अभूतपूर्व निर्णय आया है। कोर्ट ने 41 साल के एक शख्स को अपनी ही बेटी का 6 साल तक बलात्कर करने का दोषी पाया है। रेप के इस जघन्य अपराध के लिए केरल की कोर्ट ने दोषी शख्स को 101 साल की जेल की सजा सुनाई है। मंजेरी फास्ट ट्रैक स्पेशल कोर्ट ने रेप करने के दोषी पिता मोहम्मद एच. को पूरी जिंदगी जेल में रहने का आदेश दिया है। शख्स पर एक लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया है। फैसले के बाद उसे को तवनूर सेंट्रल जेल भेज दिया गया।
ट्रायल के दौरान कोर्ट ने जमानत से भी किया था इनकार
इस पूरे मामले में ट्रायल के दौरान केरल की अदालत ने आरोपी शख्स को जमानत देने से भी इनकार कर दिया था। पुलिस ने कहा था कि शख्स शिकायतकर्ता को प्रभावित कर सकता है। अरेकोडे (Areekode) के रहने वाले आरोपी पर पिछले छह साल से अपनी 16 साल की बेटी का घर में रेप करने का आरोप है।
घर में शख्स अपनी पत्नी और दो अन्य बच्चों के साथ रहता था और अपराध को भी अंजाम देता था। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार साल 2006 में जन्मी लड़की का शोषण 10 साल की उम्र से हो रहा था। आरोपी उसे हर बार घटना की जानकारी देने पर नुकसान पहुंचाने की धमकी भी देता था। वहीं, लॉबीट (LawBeat) वेबसाइट के एक ट्वीट के अनुसार आरोपी यह कहकर भी फुसलाता था कि हर पिता ऐसा अपनी बेटी के साथ करता है।
BREAKING: A Kerala Court has sentenced 43 year old Muhammed H., father of a minor girl who raped her for six years and finally impregnated her at 16, to 101 years in Jail along with a life imprisonment.
Court says the man deserves “no mercy”. pic.twitter.com/6zu58YHVly— LawBeat (@LawBeatInd) July 2, 2024
बच्ची के गर्भवती होने पर खुला मामला
मामला तब सामने आया जब बच्ची की तबीयत बिगड़ने लगी। उसे पास के अरेकोडे अस्पताल ले जाया गया। अस्पताल जाने पर पता चला कि नाबालिग लड़की गर्भवती है। इसके बाद उसे केरल में ही कोझिकोड मेडिकल कॉलेज अस्पताल में रेफर कर दिया गया।
इसके बाद डॉक्टरों की सलाह पर गर्भ गिरा दिया गया। अरेकोडे पुलिस ने फिर लड़की की शिकायत के आधार पर उसके पिता के खिलाफ मामला दर्ज किया और 8 अप्रैल, 2023 को आरोपी को गिरफ्तार किया। मामले की जांच के बाद आरोप पत्र दायर किया गया।
इन धाराओं के तहत दर्ज हुए थे मामले
आरोपी पर POCSO अधिनियम और आईपीसी की विभिन्न धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया था। पॉस्को अधिनियम की धारा 5 (एम) और 5 (एन) के तहत को 25-25 साल की सजा सुनाई गई। उसे धारा 9(एम) और 9(एन) के तहत छह-छह साल की सजा सुनाई गई है।
पॉक्सो एक्ट की धारा 5 (1) और आईपीसी की धारा 376 (3) के तहत उन्हें 20-20 साल की सजा सुनाई गई है। इसके अलावा, उसे पीड़िता को धमकी देने के लिए आईपीसी की धारा 506 के तहत दो साल और किशोर न्याय अधिनियम के तहत तीन साल की सजा भी सुनाई गई है।
इस मामले के ट्रायल के दौरान अदालत ने कुल 22 गवाहों और 24 दस्तावेजों पर गौर किया। फैसला सुनाते हुए कोर्ट ने स्पष्ट किया है कि आरोपी को जीवन के अंत तक जेल में रखा जाए।