देहरादूनः उत्तराखंड में शनिवार सुबह करीब 11 बजकर 50 मिनट बजे केदारनाथ क्षेत्र में हेलीपैड पर उतरते समय एक एयर एंबुलेंस क्षतिग्रस्त हो गई। हालांकि, दुर्घटना में किसी भी तरह का नुकसान नहीं हुआ है और इसमें मौजूद पायलट, डॉक्टर और नर्सिंग स्टाफ सुरक्षित हैं।
टाइम्स ऑफ इंडिया ने इस बाबत जिले के पर्यटन अधिकारी राहुल चौबे के हवाले से लिखा है कि एक मरीज को सांस की समस्या के चलते एयर एंबुलेंस से संपर्क किया गया था। यह एंबुलेंस तकनीकी खामियों के चलते हेलीपैड पर उतरने में असफल रहा। इसके बाद पायलट ने इसे खुले मैदान में उतारने का प्रयास किया।
राहुल चौबे ने क्या बताया?
राहुल चौबे केदारनाथ में हेली सेवाओं के भी प्रभारी हैं। उन्होंने आगे बताया कि लैंडिंग के दौरान इसका पिछला हिस्सा क्रैश हो गया और टूट गया। उन्होंने बताया कि "इस दुर्घटना में किसी की मौत नहीं हुई। "
इस एंबुलेंस में लैंडिंग से पहले कुछ तकनीकी खामियां देखी गईं जिससे लैंड करने में समस्या हुई। हालांकि, पायलट की सूझबूझ की वजह से सभी लोग सुरक्षित हैं।
वहीं राहुल चौबे ने बताया कि इसकी जांच नागरिक उड्ड्यन महानिदेशालय यानी डीजीसीए द्वारा की जाएगी। इसके बाद ही इसके पीछे के स्पष्ट कारणों का जवाब मिल सकेगा।
बीबीसी की खबर के मुताबिक, इसमें एक डॉक्टर सवार थे। इसके साथ ही दो नर्स भी मौजूद थीं। इसमें एम्स ऋषिकेश की एक डॉक्टर सवार थीं। लैंडिंग के वक्त इस हेली एंबुलेंस का टेल रोटर टूट गया है।
दरअसल केदारनाथ एक पहाड़ी इलाका है और इसका धार्मिक महत्व भी है। यहां पर लाखों की संख्या में पर्यटक हर वर्ष आते हैं। ऐसे में कोई इमरजेंसी होने पर हेली एंबुलेंस या हेलीकॉप्टर का सहारा लेते हैं।
ऐसे में इस घटना के बाद प्रशासन को हेली एंबुलेंस की गुणवत्ता और लोगों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए कुछ जरूरी कदम उठाने की जरूरत है।