कठुआ हमलाः रेकी से लेकर भगाने तक... लोकल गाइड ने की थी आतंकियों की मदद

आतंकी अत्याधुनिक हथियारों से लैस थे, जिनमें M4 कार्बाइन राइफलें और विस्फोटक शामिल थे। \xa0जहाँ यह घटना हुई (बड़नोटा गाँव), वहाँ की सड़कें खराब हैं और गाड़ियाँ 10-15 किलोमीटर प्रति घंटे से ज्यादा की रफ्तार से नहीं चल पातीं।

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Kathua: Security personnel during a search operation near Hiranagar sector of Jammu and Kashmir's Kathua district on May 14, 2018. (Photo: IANS)

प्रतिकात्मक तस्वीरः फोटो- IANS

श्रीनगरः जम्मू और कश्मीर के कठुआ जिले में सोमवार सेना के वाहन पर हुए हमले में बड़ा खुलासा हुआ है। खबरों के मुताबिक, आतंकवादियों ने इलाके की पहले से रेकी भी की थी, जिसमें एक लोकल गाइडन ने उनकी मदद की थी। सोमवार कठुआ के बिलावर में आतंकवादियों ने एक सैन्य वाहन पर हमला कर दिया जिसमें 5 जवानों की मौत हो गई। सेना के जवानों को ले जा रही गाड़ी पर पाकिस्तानी आतंकवादियों ने पहले हथगोले फेंके, फिर फायरिंग की।

मीडिया रिपोर्टों के मुताबिक, आतंकी अत्याधुनिक हथियारों से लैस थे, जिनमें M4 कार्बाइन राइफलें और विस्फोटक शामिल थे।  जहाँ यह घटना हुई (बड़नोटा गाँव), वहाँ की सड़कें खराब हैं और गाड़ियाँ 10-15 किलोमीटर प्रति घंटे से ज्यादा की रफ्तार से नहीं चल पातीं। आतंकवादियों ने सेना के वाहन की धीमी गति का फायदा उठाया और पहाड़ियों के ऊपर से हमला कर दिया।

2-3 आतंकवादी और 1-2 स्थानीय गाइड पहाड़ियों पर तैनात थे

इंडिया टुडे की रिपोर्ट में सूत्रों के हवाले से बताया गया है कि "2-3 आतंकवादी और 1-2 स्थानीय गाइड पहाड़ियों पर तैनात थे। उन्होंने पहले सेना की गाड़ियों पर हथगोले फेंके और फिर फायरिंग की, जिसमें सबसे पहले ड्राइवर को निशाना बनाया गया।"

प्रारंभिक जांच से पता चला है कि आतंकवादियों ने इलाके की पहले से रेकी कर ली  थी। एक स्थानीय गाइड ने कथित रूप से आतंकवादियों की मदद की, उन्हें खाना खिलाया, पनाह दी और हमले के बाद उन्हें उनके ठिकानों तक पहुंचने में भी मदद की।

हेलीकॉप्टर और ड्रोन के जरिए आतंकवादियों की तलाश

आतंकवादियों को पकड़ने के लिए कठुआ में मंगलवार को भी बड़े पैमाने पर तलाशी अभियान जारी रहा, जो माना जाता है कि वे पास के जंगलों में भाग गए हैं। पहाड़ी इलाका, कोहरा और घने जंगलों के कारण आतंकवादियों को ढूंढने में काफी दिक्कतें आ रही हैं।  सेना और अर्धसैनिक बल के जवान युद्ध स्तर पर तलाशी अभियान चला रहे हैं। जवान हेलीकॉप्टर और ड्रोन के जरिए छिपे हुए आतंकवादियों की तलाश कर रहे हैं।

लोहई मालहर के बड़नोटा गांव के पास माचेडी-किंडली-मल्हार रोड पर शाम करीब साढ़े तीन बजे हमला हुआ था। यह इलाका कठुआ शहर से करीब 150 किलोमीटर दूर है। इस हमले में पांच जवान शहीद हो गए जिनमें से एक जूनियर कमीशंड ऑफिसर (JCO) थे। पांच अन्य जवान घायल हुए हैं और उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया है।

कश्मीर टाइगर्स नाम के आतंकी संगठन ने ली हमले की जिम्मेदारी

सेना के काफिले पर हमले की जिम्मेदारी कश्मीर टाइगर्स नाम के आतंकी संगठन ने ली है। संगठन ने 26 जून को डोडा में मारे गए 3 आतंकियों की मौत का बदला बताया है। रिपोर्ट के मुताबिक, कश्मीर टाइगर्स ने एक बयान जारी किया है। जिसमें कहा कि "मुजाहिदीन ने ग्रेनेड और स्नाइपर राइफलों का इस्तेमाल किया। हमले के बाद मुजाहिदीन सुरक्षित बाहर निकलने में कामयाब रहे। यह हमला डोडा (2024-06-26) में शहीद हुए तीन मुजाहिदीनों का बदला है। जल्द ही और भी विनाशकारी हमले किए जाएंगे। कश्मीर की आजादी तक जंग जारी रहेगी।"

सैनिकों के बलिदान का बदला लिया जाएगा

इस बीच हमले पर कड़ी प्रतिक्रिया देते हुए रक्षा मंत्रालय ने कहा कि सैनिकों के बलिदान का बदला लिया जाएगा। रक्षा सचिव भारत भूषण बसु ने एक्स पर लिखा, "मैं कठुआ के बड़नोटा में आतंकवादी हमले में पांच बहादुरों की मौत पर गहरा दुख व्यक्त करता हूं और शोक संतप्त परिवारों के प्रति गहरी संवेदना व्यक्त करता हूं। राष्ट्र के लिए उनकी निस्वार्थ सेवा को हमेशा याद रखा जाएगा और उनके बलिदान का बदला लिया जाएगा और भारत हमले के पीछे की बुरी ताकतों को हरा देगा।"

 

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