नई दिल्ली: पश्चिम एशिया में ईरान-इजराइल में तेज हो रहे संघर्ष के बीच 100 से ज्यादा भारतीय छात्रों को सुरक्षित निकाल लिया गया है। ऑपरेशन सिंधु के तहत पहले चरण में 110 भारतीय छात्रों को आर्मेनिया बॉर्डर से निकाला गया। इन छात्रों को लेकर एक विमान गुरुवार सुबह नई दिल्ली पहुंच गया। इनमें 94 छात्र-छात्राएं जम्मू-कश्मीर के हैं। सभी ने दिल्ली पहुंचने के बाद भारत सरकार सहित ईरान और आर्मेनिया में भारतीय दूतावासों को धन्यवाद दिया है।
हालांकि, साथ ही कुछ छात्र-छात्राओं ने जम्मू-कश्मीर सरकार की ओर से दिल्ली से उनके घर पहुंचाने के लिए इंतजाम किए गए बसों की खराब हालत पर सवाल उठाए हैं। भारत के 'ऑपरेशन सिंधु' के तहत ईरान के उर्मिया मेडिकल विश्वविद्यालय से 110 छात्रों का समूह आज सुबह दिल्ली पहुंचा।
जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने कहा है कि सरकार उनकी घर वापसी के लिए परिवहन व्यवस्था कर रही है। जम्मू कश्मीर के सीएम ऑफिस ने आधिकारिक सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म 'एक्स' पर लिखा, 'ईरान से निकाले गए हमारे 94 छात्र सुरक्षित रूप से दिल्ली पहुंच गए हैं। सरकार उनकी घर वापसी के लिए परिवहन व्यवस्था कर रही है, जो अगले कुछ घंटों में लागू हो जाएगी।'
डिलक्स बसों का कर रहे इंतजाम: उमर अब्दुल्लाह
सीएम ऑफिस ने छात्रों की शिकायत पर पोस्ट किया, 'मुख्यमंत्री ने ईरान से निकाले गए छात्रों को दिल्ली से जम्मू-कश्मीर तक ले जाने के लिए व्यवस्थित बसों की गुणवत्ता के बारे में अनुरोध पर ध्यान दिया है। रेजिडेंट कमिश्नर को जेकेआरटीसी के साथ समन्वय करने का काम सौंपा गया है, ताकि ये सुनिश्चित किया जा सके कि उचित डीलक्स बसों की व्यवस्था हो।'
The Chief Minister has taken note of the request of the students evacuated from Iran regarding the quality of buses arranged to transport them from Delhi to J&K. The Resident Commissioner has been tasked with coordinating with the JKRTC to ensure proper deluxe buses are arranged.
— Office of Chief Minister, J&K (@CM_JnK) June 19, 2025
गौरतलब है कि इजराइल और ईरान में संघर्ष के बीच भारत ने अपने नागरिकों की सुरक्षित वापसी के लिए "ऑपरेशन सिंधु" शुरू किया है। भारतीय नागरिकों को इंडिगो की उड़ान 6ई 9487 से दिल्ली लाया गया। एयरपोर्ट पर केंद्रीय विदेश राज्य मंत्री कीर्ति वर्धन सिंह ने भारतीय नागरिकों का स्वागत किया।
भारतीय छात्रों को ईरान से आर्मेनिया के रास्ते निकाला गया है। ईरान और आर्मेनिया में भारतीय मिशनों की देखरेख में सड़क मार्ग से अर्मेनियाई राजधानी येरेवन तक पहुंचाया गया। वहां से विशेष विमान ने दिल्ली के लिए उड़ान भरी। 110 भारतीय छात्रों को लेकर ये उड़ान सुबह नई दिल्ली के इंदिरा गांधी अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे के टर्मिनल-3 पर उतरी।
भारत भेजने जा रहा है एक और विमान
केंद्रीय विदेश राज्य मंत्री कीर्ति वर्धन सिंह ने कहा है कि विमान तैयार हैं। उन्होंने कहा, 'हम आज एक और विमान भेजेंगे। हम तुर्कमेनिस्तान से कुछ और लोगों को निकाल रहे हैं। आज एक और विमान जाएगा और हमारे मिशन ने निकासी के किसी भी अनुरोध के लिए 24 घंटे की हेल्पलाइन खोली है। जैसे-जैसे स्थिति विकसित होगी, हम ईरान से सभी भारतीय नागरिकों को निकालने के लिए और अधिक विमान और अधिक चार्टर्ड उड़ानें भेजेंगे।'
भारत लौटे छात्रों ने बताया ईरान का हाल
वहीं, नई दिल्ली पहुंचने के बाद अपनी भावनाओं को व्यक्त करते हुए भारत लौटे एक छात्र ने बताया, 'स्थिति बेहद खतरनाक थी। हम डरे हुए थे। हमने ड्रोन देखे, घायल लोग देखे। इंटरनेट बंद था, कुछ भी काम नहीं कर रहा था, लेकिन भारत सरकार हमें सुरक्षित घर ले आई। उन्हें सलाम है, उन्होंने एक अविश्वसनीय कदम उठाया है। हमें वास्तव में गर्व है। हम भारतीय हैं, और भारत ने हमें सुरक्षित बाहर निकाला।'
ईरान और आर्मेनिया में भारतीय दूतावास के साथ-साथ नरेंद्र मोदी सरकार को धन्यवाद देते हुए, भारत लौटे एक अन्य छात्र ने समाचार एजेंसी IANS को बताया, 'ईरान में स्थिति बहुत खराब है। दो दिन पहले, यह थोड़ी बेहतर थी, लेकिन अब यह बहुत खराब है। जिस तरह से हमें निकाला गया और हमारे साथ व्यवहार किया गया, उसके लिए हम भारत सरकार के बहुत आभारी हैं। मैं वास्तव में भारतीय दूतावास और भारतीय सरकार का आभारी हूं।'
बताते चलें कि विदेश मंत्रालय ने ईरान में भारतीय नागरिकों को सलाह दी है कि वे तेहरान में भारतीय दूतावास के आपातकालीन हेल्पलाइन और नई दिल्ली में विदेश मंत्रालय द्वारा स्थापित नियंत्रण कक्ष के माध्यम से संपर्क में रहें।
(समाचार एजेंसी IANS के इनपुट के साथ)