बेंगलुरुः कर्नाटक के पूर्व सहकारिता मंत्री के एन राजन्ना ने कहा कि कांग्रेस हाईकमान ने उन्हें पद से हटाया है और उन्हें हटाने के लिए साजिश रची गई थी।
राजन्ना ने देर रात पत्रकारों से बात करते हुए कहा "आप सभी को राज्यपाल को भेजा हुआ पत्र और राज्यपाल कार्यालय से जवाब मिल गया होगा। आप उस पत्र में उल्लिखित 'छोड़ा गया' शब्द के बारे में जानने के लिए उत्सुक हो सकते हैं। मुझे हटाने का निर्णय हाईकमान का था, इसलिए मुख्यमंत्री ने राज्यपाल को पत्र भेजा और उसके आधार पर राज्यपाल ने उसे स्वीकार कर लिया।"
हाईकमान से सवाल पूछने का नहीं है सही समय
राजन्ना ने आगे कहा "यह पार्टी का निर्णय है। इस परिस्थिति में हाईकमान से सवाल पूछने का यह सही समय नहीं है। इसलिए, उन्हें कोई शर्मिंदगी न हो, यह सुनिश्चित करने के लिए मैं अभी कोई बयान देने नहीं जा रहा हूं।"
उन्होंने आगे कहा कि सही समय आने पर मैं अपने निष्कासन की साजिश का खुलासा करूंगा।
उन्होंने कहा "यदि आप 'इस्तीफा' 'छोड़ दिया गया' या 'बर्खास्त' जैसे शब्दों का इस्तेमाल करना चाहें, इसके पीछे एक साजिश जरूर है। किसने साजिश रची, इसके पीछे कौन था, कौन से नेता शामिल थे और यह कैसा हुआ, सही समय आने पर मैं सब कुछ बता दूंगा।"
राजन्ना को कांग्रेस शासनकाल के दौरान मतदाता सूची में उनके विवादास्पद बयान के बाद पद से हटाया गया है। राजन्ना ने कहा था कि कांग्रेस के शासनकाल के दौरान वोटर रिवीजन हुआ था। पार्टी उस दौरान चुप क्यों थी? इस दौरान राजन्ना ने कम आबादी वाले इलाकों में डुप्लिकेट प्रविष्टियों और संदिग्ध नामों का उदाहरण दिया था।
राजन्ना ने कांग्रेस पार्टी की आलोचना की थी
इस दौरान राजन्ना ने पार्टी पर उस समय चुप रहने की आलोचना की थी। राजन्ना ने चुनाव आयोग पर भी आरोप लगाया कि प्रधानमंत्री को लाभ पहुंचाने के लिए सूची बदली गई।
कर्नाटक के कानून मंत्री एचके पाटिल ने पार्टी हाईकमान के कदम के पक्ष में बोलते हुए कहा "पार्टी का अनुशासन बरकरार है। हाईकमान ने फैसला ले लिया है। हम सभी को हाईकमान के फैसले का पालन करना है। यह पार्टी के हित में है।"
राजन्ना को हटाने का फैसला ऐसे वक्त में आया जब पार्टी के वरिष्ठ नेता मल्लिकार्जुन खड़गे समेत नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी और अन्य नेता चुनाव आयोग पर "वोट चोरी" का आरोप लगा रहे हैं।