बेंगलुरुः कर्नाटक उच्च न्यायालय ने भाजपा एमएलसी सी.टी. रवि को अंतरिम जमानत दे दी है। उन्हें कर्नाटक की मंत्री लक्ष्मी हेब्बालकर द्वारा उनके खिलाफ दर्ज की गई शिकायत के बाद गिरफ्तार किया गया था। हेब्बालकर ने आरोप लगाया था कि विधान परिषद में रवि ने उनके खिलाफ अपमानजनक शब्दों का इस्तेमाल किया।

पुलिस की कार्रवाई पर हाईकोर्ट ने उठाए सवाल

हाईकोर्ट ने अपने आदेश में कहा कि बेलगाम के एक डॉक्टर ने सी.टी. रवि के सिर पर लगी चोट को देखते हुए सीटी स्कैन कराने की सिफारिश की थी ताकि किसी जटिलता से बचा जा सके। अदालत ने पुलिस की कार्रवाई पर सवाल उठाते हुए कहा, "भले ही घटना घटी हो, पुलिस को याचिकाकर्ता के साथ इस तरह का व्यवहार नहीं करना चाहिए था।"

अदालत ने कहा कि पुलिस को उचित प्रक्रिया का पालन करना चाहिए था। न्यायालय ने रवि की याचिका स्वीकार करते हुए कहा, "याचिकाकर्ता विपक्षी दल के एमएलसी हैं और वह एक सार्वजनिक प्रतिनिधि हैं। उनके फरार होने का सवाल ही नहीं उठता।"

इस बीच, विशेष न्यायालय ने रवि की अंतरिम जमानत याचिका पर अपना फैसला सुरक्षित रख लिया है और इसे शुक्रवार को सुनाए जाने की उम्मीद है। हालांकि, विशेष अदालत के फैसले से पहले ही हाईकोर्ट का आदेश प्रभावी रहेगा।

पूरा मामला क्या है और सी.टी. रवि ने क्या कहा था?

मीडिया रिपोर्टों के अनुसार,  गुरुवार को कर्नाटक विधानसभा में कांग्रेस विधायक गृहमंत्री अमित शाह की बाबा साहेब पर टिप्पणी के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे थे। इस बीच, भाजपा विधायक सी.टी. रवि ने लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी को 'ड्रग एडिक्ट' कहकर विवाद खड़ा कर दिया।

इसके जवाब में मंत्री लक्ष्मी हेब्बालकर ने रवि पर आरोप लगाया कि उन्होंने अपनी कार से एक व्यक्ति को कुचलकर मार डाला। इससे नाराज रवि ने हेब्बालकर को कई बार 'प्रॉस्टिट्यूट' कहकर अपमानित किया।

विधान परिषद के अध्यक्ष बसवराज होरट्टी ने मामले की जांच के लिए वीडियो और ऑडियो फुटेज की समीक्षा के आदेश दिए हैं। उन्होंने स्पष्ट किया कि घटना के समय परिषद स्थगित थी, सभी माइक्रोफोन बंद थे और स्टेनोग्राफर भी मौजूद नहीं थे, इसलिए कोई आधिकारिक रिकॉर्ड उपलब्ध नहीं है।

सी.टी. रवि ने कर्नाटक सरकार पर लगाए गंभीर आरोप

मंत्री लक्ष्मी के आरोपों का रवि ने खंडन किया है। उन्होंने कहा कि कभी महिला मंत्री के खिलाफ इस तरह के शब्दों का इस्तेमाल नहीं किया। कांग्रेस उन्हें फंसा रही है। गिरफ्तारी के बाद रवि ने कर्नाटक सरकार पर गंभीर आरोप लगाए और कहा कि राज्य सरकार उन्हें जान से मारने की कोशिश कर रही है। उन्होंने दावा किया कि उनकी गिरफ्तारी के बाद उन्हें पहले खानापुर पुलिस स्टेशन और फिर रामदुर्गा पुलिस स्टेशन ले जाया गया।

रवि ने आरोप लगाया कि उन्हें गुरुवार की पूरी रात राज्य भर में इधर-उधर घुमाया गया। शुक्रवार सुबह उन्हें एक रिसॉर्ट में रुकने दिया गया और फिर सुबह 10 बजे चिकित्सा परीक्षण के लिए अस्पताल ले जाया गया।

रवि को शुक्रवार को बेलगावी की प्रथम श्रेणी न्यायिक मजिस्ट्रेट की अदालत में पेश किया गया, जिसके बाद उन्हें बेंगलुरु ले जाया गया। हाईकोर्ट के आदेश के अनुसार, इस मामले की अगली जांच जल्द ही शुरू होगी। इस पूरे घटनाक्रम ने कर्नाटक की राजनीति में हलचल मचा दी है। भाजपा नेताओं ने सरकार की कार्रवाई की आलोचना की है।

महिलाओं का अपमान करना भाजपा के डीएनए में शामिलः कांग्रेस

महिला कांग्रेस राष्ट्रीय अध्यक्ष अल्का लांबा ने कहा कि भाजपा के एमएलसी सी.टी. रवि ने सदन के भीतर महिला एवं बाल विकास मंत्री लक्ष्मी हेब्बालकर जी के लिए जिस प्रकार के अपमानजनक और निम्न स्तरीय शब्दों का उपयोग किया, वह शर्मनाक और निंदनीय है। यह पहली बार नहीं हो रहा है। इससे पहले, भाजपा के झारखंड से सांसद निशिकांत दुबे ने भी झारखंड सरकार की मंत्री दीपिका पांडे सिंह के लिए ऐसे ही आपत्तिजनक शब्दों का उपयोग किया था।

अल्का लांबा ने कहा, महिलाओं का अपमान करना भाजपा के डीएनए में शामिल है और तरीका है- अभद्र टिप्पणियाँ। हम कर्नाटक सरकार का आभार व्यक्त करते हैं कि उन्होंने सी.टी. रवि को गिरफ्तार किया। अब हम सुनिश्चित करेंगे कि उन्हें जमानत न मिले और इस मामले की तेज सुनवाई हो, ताकि एक सख्त उदाहरण पेश किया जा सके।