अर्नब गोस्वामी के खिलाफ फर्जी खबर के मामले को कर्नाटक हाई कोर्ट ने खारिज किया

बेंगलुरु पुलिस ने रिपब्लिक टीवी के प्रधान संपादक अर्नब गोस्वामी और इसी समूह के कन्नड़ समाचार चैनल आर कन्नड़ के संपादक के खिलाफ मामला दर्ज किया था।

Arnab Goswami

अर्नब गोस्वामी Photograph: (रिपब्लिक टीवी)

बेंगलुरु: कर्नाटक उच्च न्यायालय ने गुरुवार को रिपब्लिक न्यूज के प्रधान संपादक और प्रसिद्ध पत्रकार अर्नब गोस्वामी के पक्ष में फैसला सुनाते हुए पिछले साल बेंगलुरु पुलिस द्वारा उनके खिलाफ दायर मामले को खारिज कर दिया। यह मामला उन आरोपों के बाद दर्ज किया गया था जिसमें कहा गया था गोस्वामी ने कर्नाटक के मुख्यमंत्री के बारे में झूठी खबर प्रसारित की थी। 
समाचार एजेंसी एएनआई के अनुसार जस्टिस एम नागप्रसन्ना की बेंच ने इस मामले में आदेश पारित किया है। मामले में विस्तृत आदेश का अभी इंतजार है। 

इससे पहले दिसंबर 2024 में कर्नाटक उच्च न्यायालय ने पत्रकार गोस्वामी के खिलाफ कर्नाटक पुलिस द्वारा शुरू की गई आपराधिक कार्यवाही पर रोक लगा दी थी। रिपब्लिक टीवी के प्रधान संपादक के खिलाफ जांच रोकने के अंतरिम आदेश जारी करने के दौरान, अदालत ने एफआईआर दर्ज करने को 'अपराध को लेकर लापरवाह रजिस्ट्रेशन' बताया था। 

क्या था अर्नब गोस्वामी के खिलाफ मामला?

यह केस कर्नाटक प्रदेश कांग्रेस कमेटी के एक पदाधिकारी की शिकायत के आधार पर दर्ज किया गया था।

बेंगलुरु पुलिस ने रिपब्लिक टीवी के प्रधान संपादक अर्नब गोस्वामी और इसी समूह के कन्नड़ समाचार चैनल आर कन्नड़ के संपादक के खिलाफ मामला दर्ज किया था। आरोपों में दावा किया गया कि इन्होंने कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया के बारे में एक फर्जी समाचार रिपोर्ट प्रसारित की। आरोपों के अनुसार रिपोर्ट से कथित तौर पर वर्गों के बीच शत्रुता, घृणा या दुर्भावना पैदा की गई या इसे बढ़ावा दिया गया। इन पर भारतीय दंड संहिता की धारा 505 (2) के तहत मामला दर्ज किया गया था। 

आरोप था कि 27 मार्च, 2024 को शाम लगभग 7:15 बजे आर कन्नड़ चैनल ने एक समाचार प्रसारित किया। इसमें दावा किया गया कि मुख्यमंत्री सिद्धारमैया के काफिले को गुजरने की अनुमति देने के लिए बेंगलुरु में एमजी रोड पर यातायात रोक दिया गया था। इसके परिणामस्वरूप यहां एक एम्बुलेंस फंस गई थी। 

आदेश के बाद गोस्वामी ने कहा, 'राज्य सरकारों को यह समझना चाहिए कि जब वे ऐसे तुच्छ और दुर्भावनापूर्ण मामले दर्ज करते हैं तो उनकी हार निश्चित है। उद्धव (ठाकरे) की सरकार हार गई है, सिद्धारमैया की सरकार हार गई और अब ममता सरकार भी हार जाएगी।'

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