हैदराबादः कर्नाटक सरकार ने लोगों के खाने की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए सोमवार को एक सख्त कदम उठाया है। सरकार ने वेज, चिकन और मटन कबाब में इस्तेमाल होने वाले कृत्रिम रंगों पर रोक लगा दी है। इससे पहले गोभी मंचूरियन और कॉटन कैंडी (जिसे लोग यहां रुई की बर्फी कहते हैं) में भी कृत्रिम रंगों पर रोक लगाई जा चुकी है। यह फैसला खाने की चीजों में हानिकारक रंगों के बेरोकट इस्तेमाल को लेकर उठाई गई चिंताओं के बाद लिया गया है।
कर्नाटक सरकार ने वेज और नॉन-वेज कबाब में मिलाए जाने वाले रंगों की जांच करवाई थी। एक सरकारी आदेश में बताया गया कि जांच में 39 सैंपल लिए गए, जिनमें से 8 सैंपल खाने के लिए सही नहीं पाए गए। इन सैंपलों में सनसेट येलो (Sunset Yellow) और कारमोइसीन (Carmoisine) नाम के कृत्रिम रंग पाए गए। ये रंग खाने के सुरक्षा नियम (Food Safety and Standards Act), 2006 के उल्लंघन हैं। आदेश के मुताबिक, जांच में पाया गया है कि 8 कबाब सैंपल में से 7 सनसेट येलो और 1 सैंपल में सनसेट येलो और कारमोइसीन मिले।
सरकार ने खाद्य सुरक्षा नियमों के तहत प्रतिबंध लागू किया
इन जांचों के नतीजों के बाद, कर्नाटक सरकार ने सभी तरह के कबाब बनाने में कृत्रिम रंगों के इस्तेमाल पर रोक लगा दी है। सरकारी आदेश में खाद्य सुरक्षा और मानक अधिनियम, 2006 के नियम 30(2)(ए) का हवाला दिया गया है। ये नियम खाद्य सुरक्षा अधिकारियों को खाने में मिलाई जाने वाली हानिकारक चीजों पर रोक लगाने का अधिकार देता है।
आदेश में लिखा है कि “चूंकि खाद्य सुरक्षा और मानक (खाद्य उत्पाद मानक और खाद्य योजक) विनियम, 2011 के नियम 16.0 के तहत किसी भी कृत्रिम रंग की अनुमति नहीं है, इसलिए खाद्य सुरक्षा अधिकारियों ने वेज, चिकन, मछली और अन्य सभी तरह के कबाब बनाने में कृत्रिम रंगों के इस्तेमाल पर रोक लगा दी है।”
कर्नाटक के स्वास्थ्य मंत्री दीनेश गुंडू राव ने भी अपने एक्स खाते से इसकी जानकारी साझा की। उन्होंने लिखा, हमारे नागरिकों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए, कर्नाटक सरकार ने वेज, चिकन और फिश कबाब में कृत्रिम रंगों के इस्तेमाल पर प्रतिबंध लगा दिया है। हाल ही में, प्रयोगशाला में कबाब के 39 नमूनों की जांच की गई। इनमें से 8 नमूनों में हानिकारक कृत्रिम रंग (सनसेट येलो और कारमोइसिन) पाए गए। कृत्रिम रंग शरीर के लिए हानिकारक होते हैं और स्वास्थ्य पर प्रतिकूल प्रभाव डाल सकते हैं।
Considering the safety of our citizens, Karnataka Government has banned the usage of artificial colors in Veg, Chicken and Fish Kebabs.
Recently, 39 samples of Kebabs were subjected to tests in the laboratory and 8 variants of kebabs were found to have harmful artificial colors… pic.twitter.com/0N1EmVNQCM
— Dinesh Gundu Rao/ದಿನೇಶ್ ಗುಂಡೂರಾವ್ (@dineshgrao) June 24, 2024
क्या है सनसेट येलो
सनसेट येलो एक सिंथेटिक खाद्य रंग है। यह नारंगी-पीले रंग का पाउडर होता है जो पानी में घुलनशील होता है। यह रंग अक्सर मिठाईयों, पेय पदार्थों, डेयरी उत्पादों, मांस उत्पादों और सॉस में पाया जाता है। इसका उपयोग कपड़ा रंगाई और सौंदर्य प्रसाधनों में भी किया जाता है।
कुछ अध्ययनों में पाया गया है कि यह एलर्जी प्रतिक्रियाओं, अति सक्रियता और एकाग्रता में कमी का कारण बन सकता है। इसे लेकर यूरोपियन यूनियन और अन्य देशों ने इसके उपयोग पर कुछ प्रतिबंध और नियम लागू किए हैं। भारत में इसके सीमित उपयोग की अनुमति है।
क्या है कारमोइसीन (Carmoisine)
कारमोइसीन, जिसे फूड रेड 14 या एजो रूबिन S भी कहा जाता है, एक सिंथेटिक खाद्य रंग है। यह लाल रंग का पाउडर होता है जो पानी में घुलनशील होता है। कारमोइसीन का उपयोग भी मिठाईयों, पेय पदार्थों, डेयरी उत्पादों, मांस उत्पादों और सॉस में रंग देने के लिए किया जाता है। कुछ सौंदर्य प्रसाधनों में इसका उपयोग किया जाता है।
इस कृत्रिम रंग के इस्तेमाल से एलर्जी प्रतिक्रियाएं हो सकती हैं, जैसे कि त्वचा पर लालिमा या खुजली। अस्थमा के मरीजों को इस रंग से सावधान रहने की सलाह दी जाती है, क्योंकि यह कुछ मामलों में लक्षणों को बढ़ा सकता है। कुछ अध्ययनों ने इसे बच्चों में हाइपरएक्टिविटी से जोड़ा है।
उल्लंघन करने वालों पर लगेगा 10 लाख रुपए का जुर्माना
सरकार ने चेतावनी दी है कि इस प्रतिबंध का उल्लंघन करने वालों को सात साल से लेकर आजीवन कारावास और 10 लाख रुपये तक के जुर्माने सहित कठोर दंड का सामना करना पड़ेगा। यह प्रवर्तन सभी खाद्य विक्रेताओं पर लागू होगा, जिसमें स्ट्रीट वेंडर से लेकर पांच सितारा होटल तक शामिल हैं। आदेश में कहा गया है, “उल्लंघन के मामलों में, उत्पादकों को खाद्य सुरक्षा और मानक अधिनियम, 2006 के नियम 59 के तहत कानूनी कार्यवाही का सामना करना पड़ेगा।”
कॉटन कैंडी और गोभी मंचूरियन में भी कृत्रिम रंगों के इस्तेमाल पर लगाई चुकी है रोक
कर्नाटक सरकार इससे पहले कॉटन कैंडी और गोभी मंचूरियन डिश में कृत्रिम रंगों के इस्तेमाल पर प्रतिबंध लगा चुकी है। मार्च में स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री दिनेश गुंडू राव ने बताया था कि गोभी मंचूरियन के 171 नमूने एकत्र किए गए, जिनमें से 107 नमूनों में हानिकारक कृत्रिम रंग रोडामाइन-बी मिले हुए थे। रोडामाइन-बी खतरनाक रसायन माना जाता है। जिसके इस्तेमाल से कैंसर होने का सबसे अधिक खतरा होता है। वहीं, कॉटन कैंडी के 25 सैंपल लिए गए थे जिनमें से 15 असुरक्षित पाए गए थे।