बेंगलुरु: कर्नाटक कांग्रेस के भीतर एक बार फिर से दरारें देखी जा रही हैं क्योंकि पार्टी के वरिष्ठ नेताओं ने नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी के 'वोट चोरी' मामले में अलग राय रखी है। इसको लेकर खुले तौर पर असहमति भी रखी है जिसे पार्टी के भीतर की दरार के रूप में देखा जा रहा है। 

राज्य में सहकारिता मंत्री केएन राजन्ना जो सिद्धारमैया के समर्थक माने जाते हैं। उनके बयान से एक बार फिर विवाद हो गया है क्योंकि उपमुख्यमंत्री डीके शिवकुमार गुट के समर्थकों द्वारा तुरंत प्रतिक्रिया आई है। 

राहुल गांधी ने बेंगलुरु में चुनाव आयोग पर साधा था निशाना

बीते सप्ताह राहुल गांधी ने बेंगलुरु में एक रैली को संबोधित किया था जहां पर उन्होंने चुनाव आयोग पर पक्षपात और वोटर लिस्ट में अनियमितताओं को लेकर निशाना साधा था। इसके साथ ही राहुल गांधी ने कहा था कि इसकी वजह से ही बेंगलुरु सेंट्रल जैसी सीट पर पार्टी की हार हुई है। राहुल गांधी के इस बयान पर मंत्री राजन्ना ने असहमति व्यक्त करते हुए कहा कि पार्टी को भी जिम्मेदारी लेनी चाहिए। 

उन्होंने पत्रकारों से बात करते हुए कहा "यह याद रखना चाहिए कि वोटर लिस्ट में पुनरीक्षण तब हुआ था जब हमारी अपनी सरकार सत्ता में थी।" उन्होंने आगे कहा "तब हमारी पार्टी ने आंखें क्यों मूंद ली? यह सच है कि अनियमितताएं हुईं हैं लेकिन यह हमारे लिए अपमानजनक है कि यह सब हमारी नाक के नीचे हुआ।"

उन्होंने यह भी कहा कि चुनाव आयोग ने मतदाता सूची प्रकाशित करने के बाद आपत्तियां मांगी थीं। इस पर कार्रवाई करना हमारी जिम्मेदारी है। 

मंत्री के.एन. राजन्ना ने क्या कहा?

राजन्ना ने कहा कि हमें तभी आपत्ति उठानी चाहिए थी, महादेवपुरा सीट पर तो खासकर क्योंकि वहां कई तरह की गड़बड़ियां हुईं हैं। उन्होंने कहा जब बोलना चाहिए था तब हम चुप थे और अब सवाल उठा रहे हैं। 

राजन्ना की इस टिप्पणी पर शिवकुमार गुट के सदस्यों की तरफ से प्रतिक्रिया आई। सदस्यों ने राजन्ना समेत अन्य वरिष्ठ नेताओं पर पार्टी हितों के विपरीत काम करने का आरोप लगाया। इसे सिद्धारमैया और शिवकुमार के बीच जारी तनाव से जोड़कर देखा जा रहा है, जहां दोनों के बीच मुख्यमंत्री की कुर्सी को लेकर गहमागहमी जारी है। 

शिवकुमार गुट की प्रतिक्रिया

इस बीच खाद्य एवं आपूर्ति मंत्री केएच मुनियप्पा ने भी पार्टी फोरम में पंचायत चुनावों से पहले जमीनी स्तर पर पकड़ मजबूत करने की बात की। इस दौरान उन्होंने भाजपा के बढ़ते प्रभाव की बात कही तथा यह भी कहा कि पार्टी "भाजपा को नियंत्रित" करने में असफल रही है। 

ऐसे में शिवकुमार गुट ने इन नेताओं पर पार्टी को अस्थिर करने का आरोप लगाया तथा यह भी कहा कि इस मामले को हाईकमान के पास ले जाएंगे। 

टाइम्स ऑफ इंडिया ने कुनिगल से विधायक एचडी रंगनाथ के हवाले से लिखा "राज्य सरकार ने वोट चोरी के मामले में जांच करने का फैसला किया है और महाधिवक्ता से रिपोर्ट मांगी है। "  उन्होंने कहा कि जांच पूरी होने से पहले ही पार्टी और सरकार के खिलाफ ऐसी बातें करना अक्षम्य है। रंगनाथ ने शीर्ष नेतृत्व का ध्यान आकर्षित करते हुए कहा कि आलाकमान को इस पर गंभीरता से विचार करना चाहिए और पार्टी विरोधी गतिविधियों पर लगाम लगानी चाहिए।