कर्नाटक के उपमुख्यमंत्री और प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष डीके शिवकुमार ने राज्य में नेतृत्व परिवर्तन की चर्चाओं को विराम लगा दिया है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस पार्टी में कोई गुटबाजी नहीं है। डिप्टी सीएम ने कहा कि वह किसी भी पद के लिए विधायकों की सिफारिश नहीं चाहते।
मंगलवार को मीडिया से बातचीत में शिवकुमार ने कहा, "मैं किसी भी विधायक की सिफारिश नहीं चाहता... मेरा काम पार्टी के अनुशासन को मजबूत करना है।" उन्होंने कांग्रेस नेताओं से 2028 के विधानसभा चुनावों पर ध्यान केंद्रित करने को कहा।
उनका यह बयान ऐसे समय आया है जब प्रदेश नेतृत्व में बदलाव को लेकर अटकलें तेज़ हो गई थीं। कांग्रेस विधायक एचए इकबाल हुसैन ने दावा किया था कि शिवकुमार को दो-तीन महीनों में मुख्यमंत्री बनने का अवसर मिल सकता है। उनके इसी बयान के बाद से कर्नाटक कांग्रेस में संभावित आंतरिक खींचतान की चर्चा शुरू हो गई थी।
'मेरे लिए कोई नारे न लगाए, बैठकर समस्या का समाधान करेंगे'
हालांकि, पार्टी के कई वरिष्ठ नेता जैसे मल्लिकार्जुन खड़गे और रणदीप सुरजेवाला ने इन अटकलों को सिरे से खारिज कर दिया। डीके शिवकुमार ने भी मंगलवार को मीडिया से बातचीत में कहा कि जो लोग जरूरत से ज्यादा बोल रहे हैं, कांग्रेस हाईकमान ऐसे नेताओं के खिलाफ कार्रवाई करेगा। उन्होंने यह भी कहा इस बात को दोहराया कि मुझे किसी का समर्थन नहीं चाहिए, न कोई मेरे लिए नारे लगाए। हम आपस में बैठकर समस्याओं का समाधान करेंगे।
उनकी यह टिप्पणी एनडीटीवी की एक रिपोर्ट के बाद आई, जिसमें दावा किया गया था कि "100 से अधिक विधायक नेतृत्व परिवर्तन के पक्ष में हैं।" विधायक इकबाल हुसैन ने यही बात दोहराई और कहा कि वे उपमुख्यमंत्री को मनाने की कोशिश करेंगे।
पुरानी खींचतान
बता दें कि 2023 में विधानसभा चुनाव जीतने के बाद से ही कर्नाटक कांग्रेस में मुख्यमंत्री पद को लेकर सिद्धारमैया बनाम डीके शिवकुमार के बीच प्रतिस्पर्धा की खबरें आती रही हैं। हालांकि तब सिद्धारमैया को मुख्यमंत्री बनाया गया और शिवकुमार को डिप्टी सीएम की जिम्मेदारी सौंपी गई थी।
अब एक बार फिर नेतृत्व बदलाव की मांग सामने आई है, जिस पर कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा है कि अंतिम फैसला हाईकमान ही लेगा। वहीं, शिवकुमार के करीबी माने जाने वाले विधायक इकबाल हुसैन ने खड़गे के निर्णय को स्वीकार करते हुए कहा कि जमीनी हकीकत पर पार्टी के कार्यकर्ताओं और विधायकों को अपनी बात रखनी चाहिए।
कांग्रेस के कर्नाटक प्रभारी और एआईसीसी महासचिव रणदीप सुरजेवाला ने भी नेतृत्व परिवर्तन की अटकलों को खारिज किया है। उन्होंने साफ किया कि राज्य में विधायकों के साथ हो रही उनकी बातचीत का नेतृत्व परिवर्तन से कोई लेना-देना नहीं है।