मुख्यमंत्री सिद्धारमैया। Photograph: (X)
बेंगलुरु: कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया बुधवार को उस समय चिढ़े हुए नजर आए जब एक पत्रकार ने हाल में एक सीनियर पुलिस अधिकारी के इस्तीफे और स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति की मांग को लेकर सवाल पूछ दिया। पत्रकार ने अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक (एएसपी) एनवी बारामानी के इस्तीफे के बारे में पूछा था। बारामनी ने अप्रैल में बेलगावी में कांग्रेस की रैली के दौरान सिद्धारमैया द्वारा सार्वजनिक रूप से अपमानित किए जाने का हवाला देते हुए पिछले महीने की शुरुआत में स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति मांगी थी।
रिपोर्टर ने बुधवार को नंदी हिल्स में कैबिनेट की बैठक के बाद सिद्धारमैया से अधिकारी के इस्तीफे के बारे में पूछा था। रिपोर्टर ने इस दौरान उस घटना का भी जिक्र किया जिसमें उन्होंने (सिद्धारमैया) एएसपी को कथित तौर पर एक तरह से थप्पड़ मारने के लिए हाथ उठाया था, लेकिन फिर रुक गए थे। पत्रकार के सवाल पर मुख्यमंत्री ने तीखी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने उलटकर पूछा, 'क्या तुम भाजपा से हैं? जब वे चुप हैं, तो तुम ये सारे सवाल क्यों उठा रहे हैं?'
कर्नाटक के गृह मंत्री बोले- इस्तीफा स्वीकार नहीं करेंगे
वहीं, गुरुवार को कर्नाटक के गृह मंत्री जी परमेश्वर ने बारामनी के इस्तीफे को बड़ा मामला नहीं बताते हुए कहा कि इसे स्वीकार नहीं किया जाएगा। परमेश्वर ने कहा, 'ऐसा कुछ नहीं है। मैंने उनसे बात की है। हम उन्हें पोस्टिंग देंगे। जो कुछ हुआ उसके पीछे कोई जानबूझकर किया गया इरादा नहीं था, यह बस उस समय हो गया। यहां तक कि मंत्री एचके पाटिल और मैंने उनसे बात की है। हम सुनिश्चित करेंगे कि उन्हें पोस्टिंग मिले।'
बारामनी ने 14 जून को राज्य के गृह सचिव को अपना इस्तीफा सौंप दिया था, जिसमें उन्होंने आरोप लगाया था कि सिद्धारमैया ने एक बड़ी भीड़ और वरिष्ठ नेताओं के सामने अचानक उन पर चिल्लाकर और उन्हें थप्पड़ मारने का इशारा करके उन्हें अपमानित किया था। अधिकारी ने कहा कि हालांकि वह सहज रूप से पीछे हट गए और खुद को मारे जाने से बचा लिया, लेकिन इस घटना ने उन्हें बहुत हतोत्साहित किया और उनके परिवार को बहुत तकलीफ पहुंची है।
पुलिस अधिकारी को मनाने की कोशिश
सरकार ने अभी तक बारामनी के स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति के अनुरोध को स्वीकार नहीं किया है। सामने आई जानकारी के अनुसार मुख्यमंत्री और कई वरिष्ठ मंत्रियों ने उनसे संपर्क किया है और उनसे अपने फैसले पर पुनर्विचार करने का आग्रह किया है।
इस घटना के बाद सिद्धारमैया ने भी अधिकारी से व्यक्तिगत रूप से मुलाकात की थी। वहीं, मंत्री एमबी पाटिल ने मुख्यमंत्री के आचरण का बचाव किया। उन्होंने कहा, 'मुझे इस बारे में नहीं पता, मुझे गृह मंत्री से बात करने की जरूरत है। मैं इसका प्रत्यक्षदर्शी था, मैं उस कार्यक्रम में मौजूद था। यह कहना कि वह उसे थप्पड़ मारने गए थे, गलत है, उन्होंने बस चेतावनी दी थी।'