नई दिल्ली: कर्नाटक में कांग्रेस के राजनीतिक नेताओं (मुख्यमंत्री सिद्धारमैया और उप-मुख्यमंत्री डीके शिवकुमार) के बीच चल रही रस्साकशी शुक्रवार को दिल्ली में एक बार फिर सबके सामने आ गई। सामने आई जानकारी के अनुसार मुख्यमंत्री सिद्धारमैया और उपमुख्यमंत्री डीके शिवकुमार के सहयोगी दिल्ली में कर्नाटक भवन में भिड़ गए, जिसके बाद औपचारिक शिकायत दर्ज कराई गई और जाँच की माँग की गई।
टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट में कहा गया है कि कई सूत्रों के अनुसार, इस घटना में मुख्य तौर पर मुख्यमंत्री के विशेष कार्य अधिकारी (एसडीओ) सी मोहन कुमार और उपमुख्यमंत्री के एसडीओ एच अंजनेया शामिल थे। कथित तौर पर यह टकराव तब और बढ़ गया जब मोहन कुमार डिप्टी सीएम के एसडीओ अंजनेया पर चिल्लाने लगे और उन्हें मारने की धमकी देने लगे। रिपोर्ट के अनुसार यह सबकुछ सरकार के दूसरे कर्मचारियों के सामने हुआ।
रिपोर्ट के अनुसार विवाद के बाद अंजनेया ने अतिरिक्त रेजिडेंट कमिश्नर (एआरसी) और कर्नाटक की मुख्य सचिव शालिनी रजनीश के समक्ष एक औपचारिक शिकायत दर्ज कराई, जिसमें मोहन कुमार के खिलाफ धमकी देने के आरोप में कार्रवाई की मांग की गई है।
अंजनेया ने पत्र में लिखा- मुझे जूते से मारा गया
अपने पत्र में अंजनेया ने दावा किया कि अगर उनके साथ कोई 'दुर्घटना' होती है, तो उसके लिए मोहन कुमार जिम्मेदार होंगे। अधिकारी ने यह भी दावा किया कि कुमार का हिंसा का इतिहास रहा है और उन्होंने एक अन्य व्यक्ति को भी मारा है। अंजनेया ने अपनी शिकायत में कहा, 'मुझे जूते से मारा गया और इससे मेरे सम्मान और गरिमा को ठेस पहुँची है। उनके (कुमार) खिलाफ आपराधिक मुकदमा चलाकर मुझे न्याय दिलाएँ। मैं कुमार के खिलाफ विभागीय जांच की मांग करता हूं।'
रिपोर्ट के अनुसार दोनों सहायकों के बीच शुरू हुआ मौखिक विवाद तब बढ़ा जब कर्नाटक भवन की महिला कर्मचारियों ने कथित तौर पर डिप्टी सीएम के सहयोगी (डीसीएम) पर उसी दिन उनकी मौजूदगी में असंसदीय भाषा और गाली-गलौज का इस्तेमाल करने का आरोप लगाया।
सीएमओ अधिकारियों का दावा है कि स्थिति और बिगड़ी जब मोहन कुमार ने महिला कर्मचारियों के बारे में अंजनेया की टिप्पणी को लेकर उनसे बहस शुरू की। इसके बाद ये बहस दोनों एसडीओ के बीच जुबानी झड़प में बदल गई।
बाद में शाम को, पीड़ित महिला कर्मचारियों ने कथित तौर पर सिद्धारमैया से मुलाकात की और डिप्टी सीएम के अधिकारी के व्यवहार पर चिंता व्यक्त की। बैठक के बाद, मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने एआरसी को शिकायत को देखने और जरूरत पड़ने पर जाँच शुरू करने का निर्देश दिया है।