बेंगलुरु : कर्नाटक के बेलगावी जिले में एक स्कूल के हेड मास्टर को हटाने के लिए कथित तौर पर पानी में जहर मिलाया गया था। स्कूल का प्रिंसिपल मुस्लिम समुदाय से हैं। इस मामले में पुलिस ने तीन लोगों को गिरफ्तार किया है। ऐसा माना जा रहा है कि यह घटना सांप्रदायिक नफरत से प्रेरित थी। घटना कथित तौर पर 14 जुलाई को हुई।
यह पानी पीने से स्कूल के कई बच्चों की तबियत बिगड़ गई थी। सौभाग्य से इस घटना में किसी को कोई नुकसान नहीं पहुंचा।
दक्षिणपंथी हिंदू समूह के नेता समेत 3 की गिरफ्तारी
इंडिया टुडे की रिपोर्ट के मुताबिक, पुलिस ने जिन तीन लोगों की गिरफ्तारी की है, उसने सागर पाटिल भी है जो दक्षिणपंथी हिंदू समूह श्रीराम सेना का तालुका अध्यक्ष है। अधिकारियों को संदेह है कि पानी में जहर मिलाने के पीछे जानबूझकर हेडमास्टर की छवि को धूमिल करने और अधिकारियों पर उसे स्कूल से ट्रांसफर करने का दबाव का प्रयास था।
कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने एक बयान में यह पूछा कि शरणों (भगवान शिव के भक्तों) की भूमि पर ऐसी क्रूरता कैसे हो सकती है जिन्होंने सिखाया था की करुणा ही धर्म का मूल है। उन्होंने अविश्वास और पीड़ा व्यक्त करते हुए कहा "इस समय भी मैं इस पर विश्वास नहीं कर पा रहा हूं।"
उन्होंने भाजपा नेताओं पर समाज में नफरत फैलाने का आरोप लगाते हुए आलोचना की है। उन्होंने कहा कि भाजपा धर्म की आड़ में राजनैतिक लाभ लेना चाहती है। उन्होंने इस घटना की जवाबदेही के बारे में पूछा "क्या प्रमोद मुथालिक (श्री राम सेना प्रमुख) इस घटना की जिम्मेदारी लेंगें? क्या विजयेंद्र जिम्मेदारी लेंगे? क्या आर अशोक जिम्मेदारी लेंगे?"
सिद्धारमैया ने किया आगाह
मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने सभी प्रकार के उग्रवाद से उत्पन्न खतरों के प्रति भी आगाह किया। उन्होंने कहा "सभी प्रकार की कट्टरता व कट्टरवाद मानव समाज के लिए खतरनाक है।" उन्होंने कहा कि सरकार ने हेट स्पीच और सांप्रदायिक हिंसा पर रोक के लिए स्पेशल टास्क फोर्स का गठन किया है। उन्होंने कहा कि ऐसे तत्वों के खिलाफ सभी संभव कानूनी कदम उठाए जाएंगे।
उन्होंने आगे कहा कि हमारे प्रयासों को सफल बनाने के लिए जनता को भी ऐसा ताकतों के खिलाफ आवाज उठानी होगी, उनका विरोध करना होगा और शिकायत दर्ज करानी होगी।
घटना की गंभीरता के बावजूद सिद्धारमैया ने आशा व्यक्त की है कि सांप्रदायिक सद्भाव की चाहत नफरत से प्रेरित लोगों से प्रभाव से कहीं ज्यादा है। उन्होंने पुलिस की त्वरित कार्रवाई के लिए बधाई दी है, जिन्होंने बच्चों के खिलाफ जघन्य अपराध की साजिश को नाकाम किया। इसके साथ ही उन्होंने यह भी विश्वास व्यक्त किया कि न्याय व्यवस्था अपराधियों को उचित सजा दिलाएगी।
शिवमोग्गा जिले से ऐसा ही मामला आया सामने
इसी तरह का एक मामला 1 अगस्त को शिवमोग्गा जिले से भी सामने आया जहां बदमाशों ने होसानगुरा तालुका के हूविनाकोन स्कूल के पानी में कथित तौर पर कीटनाशक मिला दिया। जब स्कूल के किचन कर्मचारियों ने दुर्गंध महसूस की तो तुरंत हेडमास्टर को सूचना दी। ऐसे में एक संभावित जानलेवा स्थिति टल गई।
इस मामले में एफआईआर दर्ज की गई है और पुलिस मामले की जांच कर रही है। सिद्धारमैया ने सोशल मीडिया पर एक बयान में कहा कि राज्य सरकार ने शिवमोग्गा जिले एक प्राइमरी स्कूल की पानी की टंकी में बदमाशों द्वारा कीट नाशक मिलाने की घटना को गंभीरता से लिया है।
उन्होंने इस घटना को दर्जनों बच्चों की जानबूझकर हत्या का प्रयास कहा कि यह कृत्य किसी आतंकवादी घटना से कम नहीं है। उन्होंने स्कूल किचन स्टाफ को बधाई दी है कि समय पर उन्होंने सूचना दी जिससे बड़ी दुर्घटना से बचा जा सका।
उन्होंने कहा कि मैंने पुलिस को इस घटना की जांच करने और इस कृत्य को अंजाम देने वाले दोषियों की पहचान करने और उन्हें कड़ी सजा दिलाने का निर्देश दिया है।