नई दिल्ली: कांग्रेस नेता कार्ति चिदंबरम ने कारगिल विजय दिवस के उपलक्ष्य में आयोजित कार्यक्रम में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा ‘अग्निपथ स्कीम’ का बचाव करने के लिए आलोचना की है। चिदंबरम ने कहा कि सेना का राजनीतिकरण नहीं करना चाहिए और अग्निवीर स्कीम को खत्म कर देना चाहिए।
एनडीटीवी की रिपोर्ट के अनुसार चिदंबरम ने कहा, ‘अग्निवीर योजना को खत्म कर दिया जाना चाहिए। आधुनिक युद्ध के लिए पूरी तरह से प्रशिक्षित सैनिकों की आवश्यकता होती है, और यह योजना पूर्ण प्रशिक्षित सैनिक नहीं देती है। अग्निवीर योजना सेना की जरूरतों को हल नहीं करती है। भारतीय सेना का गौरवशाली अतीत है और इसका राजनीतिकरण नहीं किया जाना चाहिए। हम सेना को सलाम करते हैं।’
एक अन्य कांग्रेस नेता सुखजिंदर सिंह रंधावा ने भी यही बात दोहराई और कहा कि सरकार को यह बताने की जरूरत है कि चार साल की सेवा के बाद सेवानिवृत्त होने वाले अग्निवीरों का क्या होगा।रंधावा ने कहा, ‘प्रधानमंत्री कह रहे हैं कि हम झूठ फैला रहे हैं। वह इस बारे में बोल रहे हैं कि 30 साल बाद क्या होगा। उन्हें इन अग्निवीरों के बारे में बात करनी चाहिए कि 4 साल बाद क्या होगा।’
पीएम मोदी ने अग्निवीर स्कीम पर क्या कहा है?
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को अग्निपथ योजना पर विपक्ष पर हमला करते हुए कहा कि वे देश की रक्षा और सुरक्षा व्यवस्था से जुड़े एक संवेदनशील मुद्दे पर राजनीति कर रहे हैं। प्रधानमंत्री मोदी ने द्रास (लद्दाख) में कारगिल युद्ध स्मारक का दौरा करने के बाद ये बात कही। उन्होंने विजय दिवस की 25वीं वर्षगांठ मनाई और 1999 के युद्ध के दौरान शहीद हुए सैनिकों को श्रद्धांजलि दी।
कार्यक्रम के बाद उन्होंने कहा, ‘अग्निपथ योजना हमारे रक्षा बलों के लिए आवश्यक है। दशकों से इस बात पर बहस और चर्चा होती रही है कि कैसे सुनिश्चित किया जाए कि सशस्त्र बल युवा रहे और हमेशा युद्ध के लिए तैयार रहे। एक भारतीय सैनिक की औसत आयु वैश्विक औसत से अधिक है जो एक चिंता का विषय है। विभिन्न समितियों ने इस पर चर्चा की लेकिन किसी भी सरकार ने सही कदम उठाने की जहमत नहीं की।’
प्रधानमंत्री ने कहा, ‘अग्निपथ योजना के माध्यम से इस मुद्दे को संबोधित किया गया। इस योजना का मकसद सेना को युवा और युद्ध के लिए तैयार रखना है।’
‘विपक्ष कर रहा अग्निपथ स्कीम पर राजनीति’
पीएम मोदी ने योजना पर राजनीति करने के लिए विपक्ष की कड़ी आलोचना की। उन्होंने कहा, ‘दुर्भाग्य से, कुछ लोग अपने निजी लाभ के लिए इस मुद्दे पर राजनीति कर रहे हैं। ये वही लोग हैं जो विभिन्न रक्षा-संबंधी घोटालों में शामिल थे और हमारी सेनाओं को कमजोर किया। वे कभी नहीं चाहते थे कि वायुसेना को आधुनिक लड़ाकू विमान मिलें। ये वही लोग हैं जो तेजस लड़ाकू विमान परियोजना को ठंडे बस्ते में डालने की योजना बना रहे थे।’
#WATCH | PM Narendra Modi says, “…Agnipath scheme is also an example of the necessary reforms done by the Army…Some people used to think that the Army means saluting politicians, doing parades but for us, Army means the faith of 140 crore countrymen. The goal of Agnipath is… pic.twitter.com/oF3ZV7Fnp8
— ANI (@ANI) July 26, 2024
प्रधानमंत्री ने कहा, ‘कुछ लोग अग्निपथ योजना के बारे में झूठ फैला रहे हैं कि सरकार पैसे बचाने के लिए ऐसा कर रही है। लेकिन मैं उनसे पूछना चाहता हूं – पेंशन का मुद्दा 30 साल बाद आएगा, सरकार आज फैसला क्यों लेगी… इसे भविष्य की सरकार के लिए छोड़ सकती थी। लेकिन, हमने सेनाओं के फैसले का सम्मान किया। हमारे लिए यह राजनीति नहीं है… हमारे लिए देश की सुरक्षा सबसे पहले है।’
पीएम मोदी ने आगे कहा, ‘जो लोग युवाओं को गुमराह करने की कोशिश कर रहे हैं, इतिहास गवाह है कि उन्हें कभी सैनिकों की चिंता नहीं रही।’ पीएम मोदी ने कहा, ‘उन लोगों ने वन रैंक वन पेंशन पर झूठ बोला। यह मेरी सरकार है जिसने वन रैंक वन पेंशन योजना लागू की… ये वही लोग हैं जिन्होंने पिछले सात दशकों में राष्ट्रीय युद्ध स्मारक नहीं बनवाया। ये वही लोग हैं जिन्होंने हमारे सैनिकों के लिए पर्याप्त संख्या में बुलेटप्रूफ जैकेट नहीं बनवाए।’
क्या है अग्निपथ स्कीम?
साल 2022 में शुरू की गई अग्निपथ योजना सशस्त्र बलों में अल्पकालिक सेवा के लिए युवाओं की भर्ती के तौर पर डिजाइन की गई है। इसमें अधिकारियों के पद से नीचे के सैनिकों की भर्ती होती है। इसके तहत चार साल के लिए सेना में भर्ती होती है। इस में 6 महीने की ट्रेनिंग भी शामिल है। इन्हें ‘अग्निवीर’ नाम दिया गया है। चार साल की सेवा के बाद 25 प्रतिशत अग्निवीरों को उनके कौशल के आधार पर स्थायी किया जाता है।
स्थाई कैडर का हिस्सा बन जाने के बाद ये अग्निवीर बाकी जवानों की ही तरह पेंशन और अन्य सुविधाओं के हकदार होंगे। दूसरी ओर जिनकी सेवा चार साल में खत्म हो रही है, उन्हें उनकी कौशलता के अनुरूप स्किल सर्टिफिकेट दिया जाएगा। नियमों के अनुसार रक्षा मंत्रालय और विभिन्न राज्यों द्वारा उनकी बहाली प्रक्रिया जैसे केंद्रीय बल, राज्य पुलिस बल इत्यादि में अग्निवीरों को तरजीह भी दी जाएगी।
सेवा के दौरान किसी प्रकार की अनहोनी होने पर अग्निवीरों को 50 लाख रूपए की बीमाराशि दी जाएगी। साथ ही सेना की ओर से भी रुपये और अन्य भत्ते और लाभ आदि दिए जाते हैं। हालांकि, अग्निपथ स्कीम के तहत भर्ती पाने वाले वर्तमान में सेवा के दौरान ड्यूटी पर मृत्यु की स्थिति में अपने परिवारों के लिए पेंशन, कैंटिन कार्ड जैसे नियमित लाभ के पात्र नहीं हैं।
इस मुद्दे पर व्यापक बहस हुई है। एक संसदीय पैनल ने सिफारिश की थी कि ड्यूटी के दौरान मरने वाले अग्निवीरों के परिवारों को नियमित सैन्य कर्मियों के परिवारों को दिए जाने वाले लाभ के बराबर ही लाभ मिलना चाहिए। अभी इस महीने की शुरुआत में ड्यूटी के दौरान शहीद हुए अग्निवीर अजय कुमार के मामले पर भी अग्निपथ स्कीम को लेकर खूब बहस हुई थी।
परिवार का पहले ये बयान आया कि उन्हें पूरी राशि नहीं मिली है। बाद में परिवार ने कहा कि उन्हें कुल 98 लाख रुपये (बीमा के 50 और लाख सेना से 48 लाख) रुपये मिल चुके हैं। वहीं सेना ने बताया था कि कुल 1.65 करोड़ रुपये दिए जाने हैं। सेना ने बताया था कि बचे हुए पैसे भी जल्द जारी हो जाएंगे।